रेलवे ट्रैक में फंसा मासूम का पैर, पिता की आंखों के सामने टुकड़ों में कट गया लाल
लखनऊ के मोहनलालगंज के कनकहा क्षेत्र में बंद रेलवे क्रांसिग को पार करते समय सुखराम (उम्र 10 वर्ष) का पैर रेलवे ट्रैक के बीच फंस गया। वह पैर छुड़ाने की भरसक कोशिश करता रहा...लेकिन सफल नहीं हुआ।
Lucknow News: लखनऊ के मोहनलालगंज के कनकहा क्षेत्र में बंद रेलवे क्रांसिग को पार करते समय सुखराम (उम्र 10 वर्ष) का पैर रेलवे ट्रैक के बीच फंस गया। वह पैर छुड़ाने की भरसक कोशिश करता रहा...लेकिन सफल नहीं हुआ। तभी ट्रेन आ गई। फाटक के दूसरी तरफ खड़े उसके पिता भोला ने उसे तेज आवाज लगाई। बेटे को बचाने के लिए भोला ट्रैक की तरफ दौड़े, लेकिन लोगों ने पकड़ लिया। इस दौरान गेटमैन और आसपास खड़े ग्रामीण सिहर गए और शोर मचाने लगे।
लेकिन कोई कुछ कर पाता इसके पहले ट्रेन सुखराम को टक्कर मारते हुये गुजर गई। पिता की आंखों के सामने ही लाल टुकड़ों में कट गया। फिर वहां सुखराम का क्षत-विक्षत शव ही दिखा। वहां मौजूद हर शख्स मासूम को ट्रेन से कटते देख सकते में आ गया। पुलिस का कहना है कि सुखराम की मानसिक स्थिति ठीक नहीं रहती थी।
हादसे से सिहर गए लोग
कनकहा रेलवे क्रासिंग पर हुए हादसे को देख कर वहां मौजूद हर शख्स सिहर उठा। भोला के सामने ही बेटे का शव कई टुकड़ों में बंट गया था। जिसे देख पिता का सब्र जवाब दे गया। भोला ने बेटे को बचाने के लिए ट्रैक की तरफ जाने का प्रयास किया था। जिसे राहगीरों ने किसी तरह रोका। ट्रेन गुजरने के बाद भोला भाग कर रेलवे ट्रैक पर पहुंच गया। जहां सुखराम का शव टुकड़ों में पड़ा मिला। जिससे लिपट कर भोला बिलखने लगा। इंस्पेक्टर मोहनलालगंज कुलदीप दुबे ने बताया कि सुखराम की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी।
ननिहाल से लौट रहा था मासूम
निगोहां के परसपुर ठठ्ठा में रहने वाला श्रमिक भवरेश्वर उर्फ भोला का बेटा सुखराम कनकहा में नानी के घर गया हुआ था। भोला शुक्रवार को उसे लेकर लौट रहा था। रास्ते में कनकहा रेलवे क्रासिंग बंद मिली। भोला ने ट्रेन गुजरने का इंतजार करने लगा। इस बीच सुखराम साइकिल से उतर कर रेलवे लाइन पार करने लगा। भोला ने बेटे को आवाज लगा कर रोकने का प्रयास किया। पर, सुखराम ने अनुसना कर दिया। फाटक के नीचे झुककर वह ट्रैक पर पहुंच गया। ट्रैक पर उसका पैर रेलवे लाइन जंक्शन में फंस गया। सुखराम पैर निकालने का प्रयास करने लगा, तभी ट्रेन आ गई। गेटमैन के साथ ही मौके पर मौजूद लोग शोर मचाने लगे। तभी ट्रेन ने सुखराम को टक्कर मार दी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।