मां की जिंदगी बचाने को झूठ के वेंटिलेटर पर भर्ती है मासूम, सच बताने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा परिवार
डेंगू ने एक नवजात की जिंदगी ले ली। उसकी मां को बचाने के लिए अब झूठ के वेंटिलेटर का सहारा लिया जा रहा है। उसे बताया गया है कि उसकी बिटिया वेंटिलेटर पर है। ठीक होने के बाद घर लाया जाएगा।
डेंगू ने एक नवजात की जिंदगी ले ली। उसकी मां को बचाने के लिए अब झूठ के वेंटिलेटर का सहारा लिया जा रहा है। उसे बताया गया है कि उसकी बिटिया वेंटिलेटर पर है। ठीक होने के बाद घर लाया जाएगा। परिजन हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं कि इस सच्चाई को बता सकें। इसलिए झूठे वेंटिलेटर पर भर्ती मासूम को देखने सुबह-शाम जाते हैं।
थरवई के एक गांव में रहने वाली युवती को प्रसव पीड़ा होने पर फाफामऊ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। तीन नवंबर को उसने बेटी को जन्म दिया। उसे एनआईसीयू में रखा गया। इस दौरान बेटी को डेंगू हो गया। प्लेटलेट्स कम होने लगा। डॉक्टरों ने बिटिया को वेंटिलेटर पर लेटा दिया। अगले पांच दिन में उसकी हालत सुधरने की जगह बिगड़ने लगी। आखिर में मासूम जिंदगी की जंग हार गई। इधर, उसकी मां की तबीयत भी ठीक नहीं थी। ऐसे में परिजनों ने बिटिया की मौत की सूचना नहीं दी। उसके सामने दुखी होने की जगह मुस्कुराते हुए जाते हैं।
परिजनों ने इस दर्द को अपने सीने में छिपा लिया। युवती के एक रिश्तेदार ने बताया कि वह अपनी बिटिया के लिए परेशान रहती है। कहती है कि उसे कौन दूध पिला रहा है। वह वेंटिलेटर पर कब तक रहेगी। परिजनों ने उसे झूठा दिलासा दिया है। सुबह शाम बिटिया के पास रहने की बात करते हैं। झूठ के वेटिलेंटर पर बिटिया आज भी भर्ती है। परिजनों का कहना है कि युवती के ठीक होने के बाद उसे सच्चाई से अवगत कराया जाएगा।
23 नए मरीज मिले
प्रयागराज में रविवार को डेंगू के 23 नए मरीज मिले। इसके बाद अभी तक सामने आने वाले मरीजों की संख्या 1246 पहुंच गई है। विभाग का दावा है कि 1179 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।