दो साल में तीसरी बार पलटी मारेंगे इमरान मसूद, 7 अक्टूबर को ज्वाइनिंग, सपा को फायदा या नुकसान?
दो साल में तीन बार पलटी मारने वाले पूर्व विधायक इमरान मसूद को लेकर फिर से कई चर्चाएं हैं। इमरान फिर से कांग्रेस ज्वाइन करने जा रहे हैं। इसकी तारीख भी तय हो गई है। इसे लेकर सपा की टेंशन बढ़ गई है।
पश्चिमी यूपी में खुद को बड़ा मुस्लिम चेहरा बताने वाले इमरान मसूद दो साल में तीसरी बार पलटी मारने जा रहे हैं। इमरान मसूद सात अक्टूबर को एक बार फिर कांग्रेस ज्वाइन कर सकते हैं। इमरान के दोबारा कांग्रेस में शामिल होने को उनकी घर वापसी भी कही जा रही है। दो साल पहले तक इमरान कांग्रेस में ही थे। खुद को प्रियंका गांधी और राहुल गांधी का करीबी बताते-बताते विधानसभा चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली। यहां टिकट नहीं मिला तो बसपा का दामन थामा। यहां भी ज्यादा समय तक वह टिक नहीं सके।
बसपा ने इमरान मसूद पर टिकट के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। कहा जा रहा है कि इमरान मसूद के कांग्रेस में आने से सपा की टेंशन बढ़ सकती है। सपा में अभी से इसे लेकर होने वाले फायदा या नुकसान का आंकलन हो रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर यूपी में कांग्रेस और सपा के बीच गठबंधन होता है तो इमरान मसूद के कारण फायदा ही होगा। अगर किसी कारण गठबंधन पर बात नहीं बनी तो इमरान सपा को चोट पहुंचा सकते हैं। पश्चिमी यूपी में मुसलिम वोटों पर हर किसी की नजर है।
बसपा ने इमरान मसूद को पार्टी में शामिल करने के साथ ही पश्चिमी यूपी का प्रभारी भी मुस्लिम वोटों के कारण ही बनाया था। बसपा का मानना है कि दलितों के साथ अगर मुस्लिम वोटों का साथ मिल जाए तो कोई भी सीट जीती जा सकती है। निकाय चुनाव में इमरान मसूद के आने के बाद भी बसपा को खास सफलता नहीं मिल सकी। मुस्लिम समाज का वोट कांग्रेस और सपा में भी बंटने के कारण इसका सीधा लाभ भाजपा को हुआ। जिन सीटों पर बसपा ने पिछली बार अपना मेयर बनाया था वहां भी सफलता नहीं मिल सकी।
इमरान ने खुद अपने परिवार के लिए मेयर का टिकट ले लिया था लेकिन जीत नहीं दिला सके। कहा जाता है कि इमरान के परिवार को टिकट इसी शर्त पर दिया गया था कि यह जीतने पर ही लोकसभा की टिकट मिलेगा। जब मेयर पर हार मिली तो इमरान के हाथ से लोकसभा का टिकट निकलना तय हो गया था। ऐसे में वह फिर से राहुल गांधी और अखिलेश यादव की तारीफ करने लगे थे। इसी तारीफ ने उन्हें बसपा से बाहर कर दिया। कहा जा रहा है कि कांग्रेस से सपा में वह मजबूरी में ही शामिल हुए थे। ऐसे में सपा में दोबारा जाने के बजाए वह कांग्रेस में जा रहे हैं।
समर्थकों ने भी कांग्रेस जाने की सलाह दी
बसपा से निष्कासन के बाद से इमरान मसूद की सियासी गाड़ी मझधार में फंसी हुई है। पिछले दिनों उन्होंने अपने समर्थकों का एक सम्मेलन बुलाया था। इसमें ज्यादातर कार्यकर्ताओं ने उन्हें वापस कांग्रेस ही ज्वाइन करने की सलाह दी थी। इसके बाद से ही उनके कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाएं शुरू हो गई थी।
हालांकि, इमरान मसूद ने उस समय अपने पत्ते नहीं खोल थे। इसी के बाद खबर आई कि इमरान मसूद दिल्ली में कांग्रेस के कई राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के संपर्क में हैं। कुछ दिनों पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय से भी उनकी मुलाकात की बातें कहीं जा रही हैं। इस मुलाकात के बाद ही उनकी दोबारा कांग्रेस में वापसी की राह खुली है।