रिटायर्ड IAS की पत्नी के कत्ल में हुई कातिलों की पहचान; सामने आई दिल दहला देने वाली कहानी
Retired IAS's wife murder: लखनऊ के इन्दिरानगर सेक्टर-20 में रिटायर IAS देवेंद्र नाथ दुबे की पत्नी मोहिनी दुबे की हत्या सम्पत्ति विवाद में ही की गई है। हत्या में किसी परिचित का ही हाथ है।
Retired IAS's wife murdered: लखनऊ के इन्दिरानगर सेक्टर-20 में रिटायर आईएएस देवेंद्र नाथ दुबे की पत्नी मोहिनी दुबे (58) की हत्या में दिल दहलाने वाली कहानी सामने आ रही है। यह हत्या सम्पत्ति विवाद में ही की गई है। हत्या में किसी परिचित का ही हाथ है। उसकी साजिश इतनी फुलप्रूफ थी कि किसी को शक न हो पर सीसी फुटेज ने उसकी पोल खोल दी। सीसी कैमरों की फुटेज से ही बदमाशों की पहचान हो पायी है।
कई बिन्दुओं पर पड़ताल करती पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि यह वारदात सिर्फ हत्या के इरादे से की गई है। ड्राइवर, नौकर समेत कई लोग हिरासत में लिये गये थे। इनमें तीन को छोड़ कर अन्य को छोड़ दिया गया है। इन तीनों से देर रात तक पूछताछ की जा रही थी। मोहिनी के मायके वालों से भी पूछताछ होगी। पुलिस को वजह भी साफ हो गई पर पूरी तरह से खुलासा करने से पहले वह कुछ तथ्यों के साक्ष्य जुटा रही है। जेसीपी क्राइम आकाश कुलहरि ने बताया कि हत्यारे के बारे में महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं। लूट के इरादे से हत्या नहीं हुई है।
इंदिरा नगर 20/31 निवासी आईएएस देवेंद्रनाथ दुबे की दूसरी पत्नी मोहिनी दुबे (58) की शनिवार सुबह हत्या कर दी गई थी। हत्या के समय वह घर में अकेली थीं। देवेंद्र नाथ गोल्फ क्लब गए थे। छोटे बेटे प्रतीक समेत अन्य घर वालों से सोमवार को दोबारा पूछताछ की गई। बड़ा बेटा प्रांजल दूसरे दिन भी नहीं आया था।
नौ किमी के 400 फुटेज में 12 जगह दिखे हत्यारे
शहर में फिर सनसनीखेज हत्याकाण्ड का खुलासा करने में सीसी कैमरों की अहम भूमिका रही। इंदिरा नगर से नौ किलोमीटर के दायरे में 400 से ज्यादा फुटेज पुलिस ने खंगाले। शुरुआत में स्कूटी पर दो युवक पुलिस को संदिग्ध तो लगे लेकिन चेहरे पहचान में नहीं आ रहे थे। पीछे बैठे बदमाश ने भी हेलमेट पहन रखा था। पुलिस की चार टीमें अलग-अलग दिशा में फुटेज खंगालते हुए कैंट तक देखती रहीं। कैंट में एक फुटेज ऐसी मिली, जिसमें पीछे बैठे युवक ने हेलमेट उतार लिया था। यहां से स्कूटी की लोकेशन आगे तक तलाशी गई तो हत्या में शामिल बदमाश की पहचान हो गई।
नीली स्कूटी से भागे थे बदमाश
हत्या के बाद कॉलोनी में लगे कैमरों में हत्यारे नहीं दिखे थे। पार्क के पास लगे दो कैमरे खराब मिले। देवेंद्र नाथ दुबे के घर में कैमरे लगे थे, लेकिन हत्यारे वारदात के बाद डीवीआर उखाड़ ले गये थे। पुलिस की टीमों ने कॉलोनी से बाहर मुख्य सड़क और आगे मार्ग पर लगे कैमरों की फुटेज खंगाली तो स्कूटी पर दो संदिग्ध दिखे। इस पर कॉलोनी के प्रवेश गेट के आस पास लगे और कैमरे खंगाले गए तो नीली स्कूटी से दो लोग अंदर से मुख्य मार्ग की तरफ निकलते दिखे थे। इसमें पीछे बैठा युवक भी हेलमेट पहने था। आस पास के घरों में पूछा गया तो ऐसी स्कूटी किसी के यहां नहीं थी, न किसी के यहां इस स्कूटी से कोई आया।
कैंट में हेलमेट उतारते ही पहचान हुई
पुलिस ने इंदिरा नगर से और आगे के रास्तों में लगे कैमरों की फुटेज देखना शुरू किया तो इस स्कूटी का रूट मिलने लगा। स्कूटी सवार दोनों युवक अंदर की गलियों से होते गोमतीनगर, फिर लोहिया चौराहे पहुंचे। यहां से समता मूलक होते हुए गोल्फ क्लब तक गये। गोल्फ क्लब के पास पांच सेकेण्ड के लिये रुके, फिर माल एवेन्यू पुल होते कैंट चले गये। कैंट में स्कूटी पर पीछे बैठे बदमाश ने हेलमेट उतार लिया। इसने पीठ पर एक बैग लटका रखा था। इसके बाद ही बदमाशों की पहचान हुई।
देवेंद्र ने पहचाना, बेटे को नहीं दिखाई फुटेज
पुलिस ने फुटेज में दिखे बदमाशों की फोटो रिटायर आईएएस देवेंद्र नाथ दुबे को दिखायी। उनके छोटे प्रतीक को फुटेज नहीं दिखायी गई। दावा है कि देवेंद्र ने फुटेज देखकर बदमाश की पहचान अपने परिचित के रूप में की। माना जा रहा है कि इस बदमाश के आने पर मोहिनी दुबे ने चैनल का ताला खोला था। इसके बाद ही दोनों बदमाश अंदर गये और वारदात कर दी। देवेंद्र से कई सवालों का जवाब लिया गया। इसके बाद ही साफ हो गया कि वारदात में बेहद करीबी का हाथ है।
जेसीपी ने प्रतीक से पूछताछ कर वजह जानी
प्रतीक से रविवार को पहले एसीपी विकास जायसवाल ने पूछताछ की। फिर जेसीपी क्राइम आकाश कुलहरि ने प्रतीक से कई बिन्दुओं पर घर में पूछताछ की। प्रतीक से पूछा गया कि वह कब यहां से गया। उसने कहा कि वह ढाई महीने पहले तक यही रहता था। फिर इंदिरा नगर में किराये पर मकान ले लिया था। 23 मई को उसने तकरोही में किराये पर मकान लिया। अपने एक दोस्त के साथ उसने स्टार्ट अप शुरू किया है। प्रतीक ने पुलिस को बताया कि वह पहले टोक्यो की एक कम्पनी में काम करता था। उसका अपनी पत्नी से तलाक हो चुका है और वह अकेले ही रह रहा है। उससे जब पूछा गया कि इंदिरा नगर का यह मकान किसके नाम है...इस पर उसने कहा कि इस बारे में पिता से ही पूछे तो बेहतर रहेगा। एलआईयू ने भी प्रतीक से पूछताछ की। उसने कहा कि वह घर की ऊपरी मंजिल पर नहीं जाता था। उसका नीचे कमरा है और वह यही तक सीमित रहता था। घर के बारे में वह ज्यादा नहीं बोल रहा था।
कैंट से जुड़ रहे हैं तार
पुलिस की 24 घंटे से ज्यादा की पड़ताल में कैंट से भी तार जुड़ रहे हैं। देवेंद्र के घर में दो ड्राइवर रवि और उसका भाई अखिलेश थे। मुख्य ड्राइवर अखिलेश है। दोनों सदर के घोसियाना के रहने वाले हैं। बदमाशों की अंतिम लोकेशन भी कैंट में ही मिली है। इतना ही नहीं मोहिनी से सम्पर्क में रहने वाले परिचित भी कैंट में ही रहते है। मोहिनी का मायका भी कैंट में ही है। इसे लेकर हिरासत में लिये गये लोगों से सवाल किये।
90 लाख का था झगड़ा
अब तक की पड़ताल में यही साफ हुआ है कि सम्पत्ति को लेकर घर में चल रहे झगड़े की वजह से ही यह वारदात हुई है। कुछ दिन पहले जब गोमती नगर का फ्लैट 90 लाख रुपये में बेचा तो इसके बंटवारे को लेकर झगड़ा बढ़ गया। यह रकम मोहिनी के पास थी। हालांकि पुलिस कुछ नहीं बोल रही। यह भी देखा जा रहा कि कहीं रुपए छीनने पर मोहिनी ने विरोध किया हो जिस पर उनकी हत्या कर दी हो। पुलिस ने बताया देवेंद्र की पहली पत्नी की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई थी।
‘पापा को अकेले नहीं रहने दूंगा’
प्रतीक रविवार देर शाम को तकरोही से अपना सामान लेकर पिता के घर फिर आ गया। उसने अपना सामान नीचे अपने कमरे मे रख दिया। परिचितों से कहा कि पापा को अकेले नहीं रहने देगा। वो उनके साथ ही रहेगा। बड़ा बेटा प्रांजल नोएडा में परिवार संग रहता है।
शक करीबी पर ही था
-हत्यारे डीवीआर भी उखाड़ ले गये थे
- मोहिनी ने परिचित देखकर ही दरवाजा खोला, वरना ताला बंद रहती थीं
- पर्स टब में फेंकना, नल खोल देना
- हत्या साक्ष्य मिटाने के लिये देर तक घर में रुकना
- दूधिये के आने और देवेंद्र नाथ के लौटने के बीच में वारदात करना
- हत्यारों के हर कदम से लगा कि उन्हें घर की पूरी भौगोलिक जानकारी थी
ऐसे हुए फुटेज में कैद
- नौ किमी के बीच 12 जगह दिखे हत्यारे
- नीली स्कूटी से आए थे बदमाश, कैंट में पीछे बैठे बदमाश ने उतारा हेलमेट
- हत्या के बाद बदमाश इंदिरा नगर से गोमती नगर, लोहिया चौराहे पहुंचे
- गोल्फ क्लब के सामने से होते माल एवेन्यू पुल से कैंट की ओर निकले
सतर्कता: लखनऊ में 2259 कैमरों से की जा रही निगरानी
राजधानी के विभिन्न इलाकों व विभागों के अभी 2259 सीसीटीवी कैमरे ही कन्ट्रोल रूम से जुड़े हैं। इसी से शहर में अपराधियों पर नजर रखी जा रही है। इनमें आईटीएमएस तथा सेफ सिटी के भी कैमरे शामिल हैं। कैमरे अपराधियों को पकड़ने में मददगार साबित हो रहे हैं। पुलिस तथा प्रशासन ने बड़े पैमाने पर विभिन्न संस्थाओं, प्रतिष्ठानों, होटल, गेस्ट हाउसों, शैक्षणिक संस्थाओं के अलावा लोगों के घरों के बाहर लगे कमरों को भी स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूम से जोड़ने का प्रयास शुरू किया था। लेकिन बड़ी कामयाबी नहीं मिल पाई है। क्योंकि अधिकतर संस्थान इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने कहाकि सेफ सिटी के तहत प्रतिष्ठानों, स्कूल कॉलेजों तथा लोगों के घरों के बाहर लगे कमरों को इंटीग्रेटेड किया जाना है। लगातार प्रयास किया जा रहा है। इससे जुड़ने के बाद लोगों के घरों, प्रतिष्ठानों, बिल्डिंग के बाहर के कैमरे की रिकॉर्डिंग स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूम में भी होगी। यहां से निगरानी होगी। इससे उन्हें तमाम सहुलियत होगी।
भवन स्वामी अपने कैमरे जुड़वाने से कतरा रहे
अभी तक पूरे शहर के केवल 2259 कैमरे ही इससे जुड़े हैं। शहर के भवन स्वामी अपने कैमरों को स्मार्ट सिटी से इंटीग्रेटेड नहीं करा रहे हैं। जिसकी वजह से इनकी संख्या अभी ज्यादा नहीं बढ़ रही है। नगर निगम तथा पुलिस इसके लिये लोगों को लगातार जागरुक करने की कोशिश कर रही है।
कैमरों से चार महीने में 664 संदिग्ध चिन्हित
चार महीने में सेफ सिटी के कैमरों ने 664 ऐसे संदिग्ध लोगों को चिन्हित किया। गाड़ियों पर हाथ साफ करने वाले 150 चोर भी सीसीटीवी कैमरे से पकड़े गये। हत्या व लूट की 13 बड़ी वारदातों का खुलासा भी सीसी कैमरों से ही हुआ है।