यूपी में बाढ़ के कहर के बीच भारी बारिश का यलो अलर्ट, मॉनसून पर नई भविष्यवाणी
अगले 2 दिन प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार मॉनसून की लाइन अब दक्षिण की ओर शिफ्ट हो रही है।
Rain Alert: उत्तर प्रदेश की कई नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी से बाढ़ की विभीषिका जारी है। शनिवार शाम तक सैकड़ों गांव बाढ़ से घिरे हुए हैं और हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई है। इस बीच, मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद बाढ़ राहत पहुंचाने और बचाव का कार्य तेजी से जारी है। अगले दो दिन प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार मॉनसून की लाइन अब दक्षिण की ओर शिफ्ट हो रही है। प्रदेश में अब मॉनसून कमजोर पड़ेगा। दो दिन बाद भारी बारिश का सिलसिला थमेगा। अगले एक हफ्ते प्रदेश में छिटपुट बारिश ही होगी।
बीते 24 घण्टों में सिद्धार्थनगर की बांसी तहसील में सबसे अधिक 17 सेमी बारिश रिकार्ड की गयी। डुमरियागंज, सिद्धार्थनगर में भी 17-17 सेमी बारिश दर्ज हुई। बिजनौर के नगीना में नौ, बलरामपुर के तुलसीपुर, बाराबंकी सिरौली गौसपुर, प्रतापगढ़ के रानीगंज, बहराइच के कैसरगंज में 7-7 सेमी बारिश दर्ज हुई।
नदियां उफनाईं
नेपाल के बैराजों से लगातार पानी छोड़े जाने और भारी बारिश की वजह से पूर्वांचल में राप्ती नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। श्रावस्ती के काकरधारी घाट व भिनगा, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर के बांसी, गोरखपुर के रिगोली व बर्डघाट पर राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है। बांसी, रिगोली व बर्डघाट में राप्ती खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
घाघरा बहराइच के बी.के.घाट पर बढ़ रही है हालांकि यहां यह अभी खतरे के निशान से नीचे हैं। शारदा नदी लखीमपुर खीरी के शारदानगर में, सुहेली नदी मोतीपुर लखीमपुर खीरी में बढ़ रही है। गंगा नदी का जलस्तर भी कन्नौज के गुमटिया, कानपुर देहात के अंकिनघाट, कानपुर नगर, रायबरेली के डलमऊ, प्रयागराज के फाफामऊ, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर व बलिया में बढ़ रहा है।
बलिया, मऊ और जामगढ़ में बहने वाली सरयू नदी का जलस्तर शनिवार को स्थिर हो गया है। पिछले एक सप्ताह से तीनों जिलों में बढ़ाव जारी था। बलिया में नदी खतरा बिंदु से अब भी 29 सेमी ऊपर बह रही है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शनिवार की शाम चार बजे जलस्तर 64.300 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो खतरे के निशान 64.010 से 29 सेमी अधिक है। वहीं मऊ में बीते 24 घंटे में जलस्तर में 10 सेमी की कमी दर्ज की गई है। यहां भी नदी अभी खतरे के निशान से 25 सेमी ऊपर बह रही है। आजमगढ़ में भी जलस्तर स्थिर है। बदरहुआ गेज पर नदी खतरा बिंदु से नीचे और डिघिया गेज पर खतरा बिंदु से ऊपर बह रही है। तीनों जिलों में कटान में तेजी आया है। अब तक एक दर्जन से अधिक मकान, संपर्क मार्ग पानी में समा चुके हैं। संभावित बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए प्रशासन एहतियाती उपाय में जुटा है।
गंगा-गर्रा ने बिगाड़े हालात
हरदोई में गंगा, गर्रा और रामगंगा नदियों के उफनाने से बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। शनिवार शाम तक यहां 100 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इसी बीच फसल काटकर लौट रहा अरवल के बारामऊ का रूपेश नाले में बह गया। वहीं, नरौरा से पानी छोड़े जाने की वजह से कानपुर में गंगा का जलस्तर काफी बढ़ गया है।