UP Rain Alert: राहत के बाद अब आफत बनने लगी बारिश, नदियों में बढ़ा पानी; अगले 5 दिन के लिए अलर्ट जारी
बारिश के चलते प्रचंड गर्मी से राहत मिली लेकिन कई जगहों पर अब ये आफत बनने लगी है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बारिश का सिलसिला लगातार जारी है। लखनऊ में शनिवार रात रुक-रुककर जमकर बारिश हुई।
Heavy Rain in UP: उत्तर प्रदेश में बारिश के चलते प्रचंड गर्मी से राहत मिली लेकिन कई जगहों पर अब ये आफत बनने लगी है। प्रदेश के कई जिलों में बारिश का सिलसिला लगातार जारी है। लखनऊ में शनिवार रात रुक-रुककर जमकर बारिश हुई। तेज बारिश से कई इलाकों में भारी जलभराव भी हो गया और बत्ती भी गुल हो गई। प्रदेश में सात से 10 जुलाई के बीच अलग-अलग स्थानों पर कहीं भारी तो कहीं बहुत भारी बारिश का अनुमान है। 11 और 12 जुलाई को पूरे यूपी में मध्यम बारिश के आसार हैं। बीते 24 घंटे में भारी बारिश और आकाशीय बिजली से 13 लोगों की मौत हो गई।
फतेहपुर में आकाशीय बिजली से दो और डूबने से एक की मौत हुई है। वहीं मैनपुरी, कौशांबी, प्रतापगढ़ में आकाशीय बिजली से एक-एक और रायबरेली में दो की मौत हुई है। बुलंदशहर, कन्नौज, फिरोजाबाद, उन्नाव में डूबने से एक-एक और मैनपुरी में अतिवृष्टि से एक की मौत हुई है। शनिवार को मानसून की ट्रफ लाइन बीकानेर, जयपुर, ग्वालियर, सतना, आसनसोल से दक्षिण पूर्व और बंगाल की खाड़ी तक जा रही थी। प्रदेश में सबसे अधिक 11-11 सेमी. बारिश प्रतापगढ़ व गोरखपुर के मुखलिसपुर में दर्ज हुई।
नेपाल में भारी बारिश से यूपी और बिहार में अलर्ट
नेपाल में भारी बारिश की वजह से उत्तर प्रदेश और बिहार में बाढ़ आने का खतरा बढ़ गया है। इसके चलते दोनों राज्यों में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। वहीं उत्तर प्रदेश में डूबने और आकाशीय बिजली से 13 लोगों की मौत हुई है। बिहार में भी आकाशीय बिजली गिरने से छह और लोगों की जान चली गई है। इससे पहले बिहार में आकाशीय बिजली गिरने से नौ लोगों की मौत हो चुकी है। उत्तर प्रदेश में राहत आयुक्त कार्यालय ने नेपाल में भारी बारिश को देखते हुए सीमावर्ती जिलों को अलर्ट करने के साथ ही चौकसी बरतने के निर्देश दिए हैं।
राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार के मुताबिक नेपाल में भारी बारिश हुई है। सभी सीमावर्ती जिलों को 24 घंटे निगरानी के लिए टीमों को तैनात किया गया है। नदियां उफनाने से नेपाल के देवाघाट से शनिवार को चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गंडक बराज के सभी फाटक आंशिक रूप से उठा दिए गए हैं। इससे गंडक में तेजी से जलस्तर बढ़ा है। लगातार बढ़ते जलस्तर को देखकर बराज पर तैनात सभी अधिकारियों व कर्मियों को हाई अलर्ट किया गया है।
हीट अंब्रेला इफेक्ट से कम हो रही है बारिश
आगरा में दिन भर बादल छाए रहते हैं लेकिन बारिश नहीं होती। इसके पीछे वातावरण में बना ‘हीट अंब्रेला’ बड़ा कारण है। गर्म छतरी बादलों को बरसने नहीं दे रही। यही कारण है कि इस सीजन में अभी तक तीन बड़ी बारिश आई हैं। दरअसल, मई से जून तक भीषण गर्मी पड़ी है। अधिकतम तापमान 48.0 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। यही गर्मी अभी वायुमंडल से बाहर नहीं गई है। वायुमंडल में कार्बन डाई आक्साइड की मोटी परत बन गई है। वो धरती की गर्मी को ऊपर नहीं जाने दे रही है। जब गर्मी यहां से बाहर निकलेगी तब बादलों को बरसने का सही मौका मिलेगा। इसी अवरोध को विज्ञानी हीट अंब्रेला कह रहे हैं। अभी तक केवल तीन दिन अच्छी बारिश देखी गई है।
हल्की बारिश या बौछार होगी
शनिवार को अधिकतम तापमान सामान्य से छह डिग्री कम होकर 31.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से 0.7 डिग्री अधिक होकर 27.0 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। आर्द्रता का अधिकतम प्रतिशत 94 दर्ज किया गया। बीते 24 घंटों में 15 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले तीन दिनों तक सामान्य रूप से बादल छाए रहेंगे। इस दौरान दिन में एक या अधिक बार तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश हो सकती है। अथवा गरज के साथ छींटे पड़ सकते है।
अब जलकल विभाग ढहा रहा है गिरासू ब्लॉक
जलकल विभाग के जीवनी मंडी स्थित वाटर वर्क्स के सामने आवासीय ब्लॉक हैं। यहां तीन मंजिला के चार ब्लॉक बने हुए हैं। जिनमें कर्मचारियों का परिवार रह रहे हैं। इनमें एक ब्लॉक पूरी तरह से जर्जर हो चुका था। 2022 में जलकल विभाग ने इस ब्लाक को जर्जर घोषित करते वहां रहने वाले परिवारों को बाहर निकाल दिया था, बावजूद इसके कुछ लोग अवैध रूप से निवास कर रहे थे। जून माह के शुरुआती दिनों में आई तेज आंधी के दौरान इस ब्लाक का हिस्सा धराशायी हो गया था। मलबा पड़ोसी के मकान पर गिरा था। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई थी लेकिन आसपास के लोग दहशत में थे। जलकल विभाग के अधिशासी अभियंता आदित्य कुमार ने बताया कि इस ब्लाक को अब गिराया जा रहा है।
रात में बरस रहा ज्यादा पानी
कानपुर में भी हीट अंब्रेला (गर्म छाता) इफेक्ट के चलते दिन में बारिश नहीं हो रही है। रात के समय तापमान गिरने पर अधिक बारिश हो रही है। मई-जून में अधिकतम तापमान लगातार 44-48 डिग्री तक बना रहा था। निचले स्तर पर कार्बन डाइऑक्साइड की लेयर भी बन गई है। इससे इफेक्ट बढ़ गया है। जब तक यह प्रभाव खत्म नहीं होता तब तक कानपुर और ऐसे ही अन्य जनपदों में दोपहर के समय मूसलाधार बारिश नहीं होगी। केवल मानसून ही नहीं वातावरण के कई कारक ऐसे होते हैं जिससे बारिश होती है।
बादलों का प्रकार, क्षेत्र में निचली व ऊपरी परत का तापमान, नमी लाने वाली हवाएं, कम दबाव का क्षेत्र और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैस इसके लिए जिम्मेदार है। यही कारण है बारिश जैसा माहौल तो बनता है लेकिन दिन में एक बूंद नहीं गिरती। मई-जून में दिन का पारा सामान्य से अधिक रहा है। इससे गर्म छतरी की स्थिति बनी। ऐसे में नमी अधिक होने और रात में तापमान कम होने से हीट अंब्रेला इफेक्ट कम हो जाता है। इससे रात में बारिश होने लगती है। कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा कम होते ही यह इफेक्ट कम होगा तो दिन में बारिश होगी। - डॉ. एसएन सुनील पांडेय, वरिष्ठ मौसम विज्ञानी, सीएसए
अभी तक दिन में बारिश न के बराबर
कुछ जिले ऐसे रहे हैं जहां मई से जून तक अधिकतम तापमान ऊंचे रहे हैं। एक जैसी स्थिति रही। इन जनपदों में कानपुर और प्रयागराज जैसे शहर शामिल थे। जून के अंतिम सप्ताह में प्री मानसून गतिविधियों व फिर मानसून की गतिविधियां बढ़ गईं। इससे बारिश तो हुई लेकिन रात में या तड़के। दिन में बारिश नहीं हुई। मौसम विशेषज्ञों का कहना है मानसून आने के बाद निचली परत की गर्मी ऊपर चली जानी चाहिए थी। पर ऐसा नहीं हुआ। इससे दिन में बारिश न के बराबर लेकिन रात में अधिक हो रही। इसी को हीट अंब्रेला इफेक्ट के नाम से जानते हैं।
झमाझम बारिश से समूचा गोरखपुर सराबोर
मॉनसूनी बादल शनिवार को सुबह से लेकर रात तक गोरखपुर को सराबोर करते रहे। इस बीच शहर के विभिन्न स्थानों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रमों के बीच नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी जलभराव से राहत के लिए सुबह से लेकर रात तक जूझते रहे। कर्मचारियों ने सीएम के निरीक्षण के पूर्व सुबह से ही लगकर तमाम स्थानों को जलभराव से मुक्त किया। लेकर, दोपहर बाद से रात तक लगातार हुई बारिश से शहर के तमाम बाजारों मोहल्लों में हर तरफ पानी ही पानी हो गया। ।
बारिश के बीच जलभराव के बीच नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल समेत कई अधिकारी सड़क पर रहे। नगर आयुक्त,अपर नगर आयुक्त ने कई इलाकों का निरीक्षण किया। वॉकी टॉकी सेट पर अधिकारियों, कर्मचारियों को पानी निकलने तक निरंतर पंप चलाते रहने और सफाई कर नालों से पालीथिन व कूड़ा निकालने का निर्देश देते रहे।
निगम के इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर से जलभराव वाले क्षेत्रों की निगरानी कर रहे अधिकारियों ने भी जलभराव वाले क्षेत्रों पर नजर बनाए रखी। टाउनहाल, रेती चौराह और खूनीपुर में जलभराव की सूचना मिली तो तत्काल क्यूआरटी भेजी गई। वहां नाले में काफी मात्रा में पालिथीन आदि फंसा हुआ था। सफाई के बाद जलनिकासी की गति तेज हो गई।
सामान्य से तीन डिसे नीचे रहा दिन का पारा
झमाझम बारिश के चलते शनिवार को दिन का तापमान सामान्य से 3.3 डिग्री कम 30 डिग्री सेल्सियस कम रहा। उधर, बीते 24 घंटे में रात के तापमान में एक डिसे की गिरावट हुई। शनिवार को न्यूनतम तापमान 25.2 डिसे रहा।
अगले चार दिन होगी रुक-रुककर बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार तक जिले में रुक-रुककर बारिश होगी। रविवार और सोमवार को माध्यम से भारी बारिश हो सकती है। जबकि मंगलवार को बुधवार को हल्की बारिश होने का अनुमान विभाग ने जारी किया है। गुरुवार से आसमान अपेक्षाकृत साफ रहेगा। हालांकि हल्के बादल मौजूद रहेंगे। जिले की कुछ हिस्सों में बूंदाबांदी हो सकती है।