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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Hindustan Mission Shakti: Jeevamrit getting ready at Anjali Goshala in Hardoi

हिन्दुस्तान मिशन शक्तिः हरदोई में अंजली की गोशाला में तैयार होता जीवामृत

पिता का सपना था कि एक आदर्श गोशाला स्थापित कर समाज में अलग पहचान बनाने का, किंतु असमय मृत्यु हो जाने से सपना अधूरा रह गया। माता-पिता की इकलौती संतान अब अपने पिता के इस सपने को साकार करने में जुटी...

Rishi कार्यालय संवाददाता, हरदोईSat, 21 Nov 2020 09:54 PM
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पिता का सपना था कि एक आदर्श गोशाला स्थापित कर समाज में अलग पहचान बनाने का, किंतु असमय मृत्यु हो जाने से सपना अधूरा रह गया। माता-पिता की इकलौती संतान अब अपने पिता के इस सपने को साकार करने में जुटी हैं। यह संघर्ष की गाथा हरदोई जिले के पिहानी विकास खंड के गांव रैंगाई की अंजली की है। अंजली ने अथक प्रयास से गांव में ही एक आदर्श गोशाला स्थापित की। अब वह आत्मनर्भिर बन गांव की अन्य महिलाओं को भी रोजगार दे रही हैं।
अजली की गोशाला में खेती की उर्वरता बढ़ाने के लिए जीवामृत तैयार किया जाता है। इसके लिए 10 किलो गोबर, 10 लीटर गोमूत्र, एक किलो गुड़, एक किलो किसी भी दाल का आटा तथा बरगद या पीपल के पेड़ के नीचे की मिट्टी का घोल बनाया जाता है। 7 दिन तक यह घोल रख दिया जाता है। इससे इसका रंग बदल जाता है। इस घोल के छिड़काव से खेती की उर्वरता बढ़ाने व भूमि बंजर होने से बचती है। अंजली ने वर्मी कंपोस्ट बनाने का काम भी शुरू किया है। अंजली का दावा है कि यदि सही ढंग से गोपालन किया जाए तो एक गाय के गोबर और गोमूत्र से एक बीघा जमीन को बंजर होने से बचाया जा सकता है।
दूध न देने वाले गोवंश के गोबर व गोमूत्र से भी काफी कमाई की जा सकती है। उन्होंने गाय के गोबर से धूपबत्ती, साबुन, दीये व गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां बनाईं। इनकी दिवाली पर अच्छी बक्रिी भी हुई। गांव की अन्य महिलाओं को भी रोजगार मिला। अब अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी के स्थान पर गोबर की समिधायें (लकड़ी के लठ्ठों का विकल्प) बनाने की योजना है। इनका उपयोग यज्ञ व अंतिम संस्कार में किया जा सकेगा।
पिता को दी मुखाग्नि
अंजली सिंह के पिता प्रेम भूषण सिंह की मृत्यु 4 अप्रैल 2014 को हो गई थी। अंजलि अपने पिता की अकेली संतान हैं। उसने तय किया कि वह मुखाग्नि स्वयं देगी। उसके मुखाग्नि देने के फैसले का गांव के लोगों ने विरोध किया किंतु उसने कोई परवाह नहीं की।कई संस्थाओं से सम्मानित
अंजली को कई सामाजिक संस्थाओं ने सम्मानित किया है। सरस्वती सदन की ओर से महिला अलंकरण समारोह में उसे सम्मानित किया गया। मानवाधिकार संगठन ने भी अंजली को सम्मानित किया। अखिल भारतीय क्षत्रिय कल्याण परिषद ने भी अंजली को सम्मानित किया।
शुरुआत 5 से, अब 70 गाय
2016 में गौशाला का नर्मिाण कार्य शुरू किया था। सन् 2017 में मात्र पांच गाय पालकर गौशाला की शुरुआत की और धीरे-धीरे यह संख्या बढ़कर सात 70  तक पहुंच गई है।

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