Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़High Court s decision on the recruitment of Vidhansabha-Legislative Council this order was given to the Yogi government

विधानसभा-विधान परिषद की भर्तियों पर हाईकोर्ट का आया फैसला, योगी सरकार को दिया यह आदेश

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा कि भविष्य में विधानसभा और विधानपरिषद के क्लास थ्री के पदों की भर्ती प्रक्रिया का संचालन यूपीएसएसएससी (यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) से किया जाए।

Yogesh Yadav विधि संवाददाता, लखनऊThu, 27 April 2023 03:32 PM
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हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा कि भविष्य में विधानसभा और विधानपरिषद के क्लास थ्री के पदों की भर्ती प्रक्रिया का संचालन यूपीएसएसएससी (उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) से किया जाए। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि भर्ती प्रक्रिया को किसी चयन समिति अथवा प्राइवेट एजेंसी के हाथों में नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही न्यायालय ने तीन माह में भर्ती नियमों में आवश्यक संशोधन करने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने सुशील कुमार व अन्य की ओर से दाखिल सेवा सम्बंधी याचिका पर पारित किया।

याचिका में विधान परिषद सचिवालय में समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी और अपर निजी सचिव समेत 11 कैडर्स के 99 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए 17 जुलाई 2020 व 27 सितम्बर 2020 के विज्ञापनों के परिप्रेक्ष्य में की गई भर्ती प्रक्रिया को निरस्त किए जाने की मांग की गई थी। याचियों ने दलील दी कि भर्ती प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी करते हुए भाई-भतीजावाद और पक्षपात किया गया।

कहा गया कि भर्ती परीक्षा के दिन गोरखपुर सेंटर से पेपर भी लीक हो गया था। यह भी आरोप लगाया गया कि पुराने नियम के उलट भर्ती प्रक्रिया की जिम्मेदारी चयन समिति को दी गई जिसने सचिवालय के तमाम अधिकारियों के करीबी अभ्यर्थियों का चयन किया।

याचिका का राज्य सरकार और यूपीएसएसएससी के अधिवक्ताओं ने विरोध किया। यूपीएसएसएससी के अधिवक्ता गौरव मेहरोत्रा ने दलील दी कि याचीगण असफल अभ्यर्थी हैं और उन्होंने सम्बंधित नियम में किए गए संशोधन को चुनौती नहीं दी है लिहाजा उन्हें पुराने नियम का लाभ नहीं दिया जा सकता।

न्यायालय ने सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद अपने आदेश में कहा कि जनता का विधान सभा और विधान परिषद की भर्ती प्रक्रियाओं में विश्वास बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि भर्ती प्रक्रिया विशिष्ट संवैधानिक भर्ती संस्था के हाथ में हो न कि चयन समिति या प्राइवेट एजेंसी के। हालांकि न्यायालय ने भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने की मांग को अस्वीकार करते हुए, याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही यह भी निर्देश दिया है कि जो याचीगण संविदा के आधार पर काम कर रहे हैं, वे यूपीएसएसएससी द्वारा नियमित चयन किए जाने तक अपने पदों पर काम करते रहेंगे।

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