'भोले बाबा' पर किस नेता का हाथ? राजनीतिक कनेक्शन की होगी जांच, दर्ज हुआ पहला केस
Hathras Case: ऐसा माना जा रहा है कि 'भोल बाबा' के राजनीतिक हलकों में गहरे संबंध हैं, और पुलिस इस बात की तहकीकात कर रही है कि कहीं भगदड़ किसी राजनीतिक साजिश का हिस्सा तो नहीं थी।
हाथरस में हुई भयानक भगदड़ के बाद, पुलिस अब 'भोल बाबा' के राजनीतिक संबंधों की जांच में जुट गई है। भगदड़ की इस घटना में 121 लोगों की जान चली गई थी और अनेक लोग घायल हो गए थे। ऐसा माना जा रहा है कि 'भोल बाबा' के राजनीतिक हलकों में गहरे संबंध हैं, और पुलिस इस बात की तहकीकात कर रही है कि कहीं भगदड़ किसी राजनीतिक साजिश का हिस्सा तो नहीं थी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, "हम हर एंगल से इस मामले की जांच कर रहे हैं। हमें कुछ सुराग मिले हैं जो भोल बाबा के राजनीतिक संबंधों की ओर इशारा करते हैं।"
सूरज पाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग
हाथरस में मंगलवार को मची भगदड़ में 121 परिवार अभी भी सदमे में हैं। वे सभी दो मांगें कर रहे हैं। पहली मांग ये है कि मामले की त्वरित जांच हो और दूसरी मांग ये है कि 'भोले बाबा' उर्फ सूरज पाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई की जाए। मामले में कई आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने खुलासा किया है कि भोले बाबा के संगठन को कई राजनीतिक दलों से फंडिंग मिल रही थी।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, हाथरस के पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल ने शनिवार को खुलासा किया कि मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर हाल ही में कई राजनीतिक दलों के संपर्क में था। इसने घटना के इर्द-गिर्द संभावित राजनीतिक साजिशों की जांच को बढ़ावा दिया है। अग्रवाल ने बताया कि मधुकर स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ नारायण साकर हरि उर्फ भोले बाबा के कार्यक्रमों के लिए धन जुटाने का काम करता था और चंदा इकट्ठा करता था। उन्होंने बताया कि पुलिस मधुकर की रिमांड के लिए आवेदन करेगी।
टायरों से उड़ी धूल उठाने के लिए भागी थी भीड़
पुलिस अधीक्षक ने इस बात पर जोर दिया कि मधुकर से जुड़े वित्तीय लेन-देन, पैसे के लेन-देन और कॉल रिकॉर्ड की जांच की जा रही है। पुलिस आगे की पूछताछ के लिए उसे रिमांड पर लेने की भी योजना बना रही है। भगदड़ की शुरुआती जांच में पता चला है कि धर्मगुरु को 80,000 लोगों के लिए एक कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति मिली थी, जबकि उसने 2.5 लाख लोगों को कार्यक्रम स्थल में प्रवेश की अनुमति दी। सभा के बाद, जब 'भोले बाबा' जा रहा था, तो उसके अनुयायियों में उसकी कार के टायरों से उड़ी धूल को इकट्ठा करने की होड़ मच गई।
अधिकारियों के अनुसार, धर्मगुरु के निजी सुरक्षा गार्डों ने उसके अनुयायियों को धक्का देना शुरू कर दिया और कुछ लोग गिर गए और कुचल गए। अफरा-तफरी में, कई अन्य लोग खुले मैदान की ओर भागने लगे और फिसल गए। इसी दौरान कई लोग गिरे हुए लोगों के ऊपर चढ़ गए। भगदड़ में मारे गए लोगों में कई महिलाएं और बच्चे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इस विशाल सभा में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केवल 40 पुलिसकर्मी ही ड्यूटी पर थे और भगदड़ मचने पर वे भी परेशान हो गए। मधुकर उस सत्संग का 'मुख्य सेवादार' था, जहां भगदड़ मची थी। घटना के संबंध में हाथरस के सिकंदर राव पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में वह एकमात्र आरोपी है, जबकि सूरज पाल सिंह का नाम नहीं लिया गया है।
देवप्रकाश मधुकर का आज आत्मसमर्पण करा दिया- वकील
इससे पहले शनिवार को दोपहर करीब 2.15 बजे मधुकर को पुलिस द्वारा सरकारी अस्पताल के अंदर और आसपास भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मेडिकल जांच के लिए हाथरस के बागला संयुक्त जिला अस्पताल लाया गया। मधुकर ने अपना चेहरा रूमाल से ढका हुआ था और सिर पर साफा बांधा हुआ था। मधुकर के वकील ए पी सिंह ने शुक्रवार रात एक वीडियो संदेश में दावा किया था, ‘‘हमने हाथरस मामले में दर्ज प्राथमिकी में मुख्य आरोपी बताए जा रहे देवप्रकाश मधुकर का आज आत्मसमर्पण करा दिया है। उसका यहां उपचार किया जा रहा था इसलिए पुलिस, एसआईटी और एसटीएफ को दिल्ली बुलाया गया।’’
वकील ने कहा, ‘‘हमने वादा किया था कि हम अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दायर नहीं करेंगे क्योंकि हमने कुछ गलत नहीं किया है। हमारा अपराध क्या है? वह एक इंजीनियर और हृदय रोगी हैं। चिकित्सकों ने कहा कि उनकी हालत अब स्थिर है और इसलिए हमने जांच में शामिल होने के लिए आज आत्मसमर्पण कर दिया।’’ सिंह ने कहा कि पुलिस अब उसका (मधुकर) बयान दर्ज कर सकती है या उससे पूछताछ कर सकती है, लेकिन उन्हें उसके स्वास्थ्य संबंधी स्थिति को ध्यान में रखना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ‘‘उसके साथ कुछ गलत न हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने अग्रिम जमानत अर्जी दायर करने या अदालत जाने जैसा कोई कदम नहीं उठाया, क्योंकि इसे खुद को बचाने के प्रयास और डरकर उठाए गए कदम के रूप में देखा जाता...इस बारे में सवाल उठ रहे थे कि वह (मधुकर) कहां है और क्या वह भाग गया है।’’ उन्होंने कहा कि मधुकर जांच में शामिल होगा और कार्यक्रम में मौजूद ‘‘असामाजिक तत्वों’’ के बारे में जानकारी साझा करेगा। उत्तर प्रदेश पुलिस ने मधुकर की गिरफ्तारी में मदद करने वाली सूचना देने वाले को एक लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी।
121 मौतों को लेकर भोले बाबा के खिलाफ पटना कोर्ट में पहला केस
हाथरस भगदड़ मामले में 'भोले बाबा' उर्फ सूरज पाल सिंह है के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। बाबा के खिलाफ पटना के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले आज एक वीडियो बयान में भोले बाबा ने कहा कि 2 जुलाई की भगदड़ की घटना से वे दुखी हैं। उन्होंने कहा, "मैं इस घटना से बहुत दुखी हूं। भगवान हमें इस दर्द को सहने की शक्ति दे। कृपया सरकार और प्रशासन पर भरोसा रखें। मुझे विश्वास है कि अराजकता फैलाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। अपने वकील एपी सिंह के माध्यम से मैंने समिति के सदस्यों से अनुरोध किया है कि वे शोकाकुल परिवारों और घायलों के साथ खड़े रहें और जीवन भर उनकी मदद करें।"