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भोले बाबा की चरण रज लेने में मची थी भगदड़, कैसे गायब हो गया बाबा; जांच में हुए कई बड़े खुलासे

एसआईटी की जांच में पता चला है कि भोले बाबा की चरण रज लेने के चक्कर में धक्का मुक्की शुरू हुई और फिर भगदड़ मच गई। पुलिस ने घटना के बाद के कॉल रिकॉर्ड भी निकाले हैं।

Ankit Ojha लाइव हिन्दुस्तान, हाथरसFri, 5 July 2024 06:45 AM
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हाथरस के सिकंदराराऊ में 2 जुलाई को भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ की जांच रिपोर्ट आज शासन को सौंप दी जाएगी। वहीं कार्यक्रम का मुख्य आयोजक फरार है। अब तक इस मामले में छह लोगों की गिरफ्तारी हुई है जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। एसआईटी की जांच में कई हैरान करने वाली बातें शामिल हैं। जांच में भगदड़ की असली वजह का भी पता चला है। बता दें कि सत्संग के दौरान मची भगदड़ में कम से कम 123 लोगों की मौत हो गई। वहीं बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए। 

चरण रज इकट्ठा करने भागे थे अनुयायी
एसआईटी ने घटनास्थल पर पहुंचकर सीन रीक्रिएट की। कॉल रिकॉर्ड के आधार पर एसआईटी ने पता लगाने की कोशिश की कि अखिर भगदड़ मचने की असली वजह क्या थी। पता चला कि मंगलवार को दोपहर करीब 1 बजकर 40 मिनट पर भगदड़ मची थी। माना जाता है कि स्यंभू संत भोले बाबा की  'चरण रज' लेने के चक्कर में धक्का-मुक्की होने लगी और कई लोग बेहोश हो गए। इसके बाद वहां भगदड़ मचनी शुरू हो गई। भोले बाबा के अनुयायियों का मानना है कि भोले बाबा जिस मिट्टी पर चलते हैं, उसको अगर प्रसाद रूप में घर ला जाएं तो उनके लिए शुभ होता है। 

पुलिस ने जो कॉल रिकॉर्ड निकाला है उससे पता चला कि सबसे पहले भोले बाबा के पास मुख्य आयोजक का फोन आया। दोपहर 2 बजकर 48 मिनट पर मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर ने भोले बाबा को फोन किया और घटना की जानकारी दी। मधुकर का नाम एफआईआर में दर्ज है और वह अभी फरार हैं। भगदड़ मचते ही सबसे पहले भोले बाबा वहां से रफूचक्कर हो गए और मैनपुरी के आश्रम पहुंचकर अपने लोगों से हालचाल लेते रहे। 

भोले बाबा की कॉल लोकेशन 3 बजे के आसपास ट्रैक की गई तो वह मैनपुरी पहुंच चुका था। उस दौरान उसके कई सेवादारों का फोन आया। पहली कॉल महेश चंद्र ने की थी जो कि 3 मिनट चली। वह आयोजन समिति का मुख्य सदस्य था। इसके बाद संजू यादव नाम के शख्स ने फोन किया और उन दोनों के बीच 40  सेकंड की बात हुई। तीसरी कॉल देव प्रकाश की पत्नी रंजना ने किया था जो कि 11 मिनट 30 सेकंड तक चली। पुलिस के सूत्रों का कहना है कि 4.35 PM के बादा भोले बाबा का फोन बंद हो गया। इसके बाद उसकी लोकेशन नहीं मिल पाई। 

गुरुवार को पुलिस की टीम भोले बाबा के मैनपुरी वाले आश्रम पहुंची थी। पुलिस ने बताया, मैनपुरी आश्रम पुलिस की टीम जांच के लिए नहीं गई थी। वहां सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए पुलिस पहुंची थी। उन्होंने बताया कि भोले बाबा अपने आश्रम में मौजूद नहीं था। 

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