हाथरस हादसे के बाद तीन बार 'भोले बाबा' ने आयोजकों से की थी बात, आश्रम के पास स्विच ऑफ हुआ मोबाइल
हाथरस हादसे के बाद कथावाचक सूरज पाल उर्फ भोले बाबा ने तीन बार आयोजकों से बात की थी। इसके बाद उनके मैनपुरी वाले आश्रम के पास मोबाइल फोन स्विच ऑफ हो गया था। जांच में यह तथ्य सामने आया है।
हाथरस हादसे के बाद कथावाचक सूरज पाल उर्फ भोले बाबा ने तीन बार आयोजकों से बात की थी। इसके बाद उनके मैनपुरी वाले आश्रम के पास मोबाइल फोन स्विच ऑफ हो गया था। पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह तथ्य सामने आए हैं। 2 जुलाई को हाथरस में पुलराई मुगलगढ़ी गांव में भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। प्रारंभिक जांच में आयोजकों और सेवादारों को हादसे के लिए जिम्मेदार माना गया है। अफसरों के अनुसार भोले बाबा की चरण रज के लिए उनकी तरफ बढ़ रही महिलाओं को रोकने के बाद भगदड़ मची थी। हालांकि पुलिस अभी भी उनके ठिकाने के बारे में चुप्पी साधे हुए है। बाबा से अभी तक पूछताछ नहीं की गई है। बाबा के वकील एपी सिंह ने कहा है कि वह अभी आरोपी नहीं हैं और पुलिस जब भी उन्हें बुलाएगी उनके लिए उपलब्ध रहेंगे।
मैनपुरी के डिप्टी एसपी (भोगांव) सुनील कुमार सिंह ने कहा कि बाबा हाथरस से लगभग 150 किलोमीटर पूर्व मैनपुरी के बिछवान में अपने फार्महाउस-सह-आश्रम में नहीं थे। हालांकि उनके कुछ अनुयायियों ने इस संवाददाता को बताया कि वह आश्रम के अंदर थे। घटना के बाद से ही आश्रम के आसपास पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि बाबा ने 2 जुलाई की दोपहर अपना मोबाइल बंद होने से पहले कुछ कार्यक्रम आयोजकों से कम से कम तीन बार बात की थी। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए छह आरोपियों से धर्मसभा के आयोजन के विभिन्न सुरक्षा पहलुओं पर पूछताछ की जा रही है। 80,000 लोगों के लिए मांगी गई अनुमति के मुकाबले 2.5 लाख लोग वहां मौजूद थे। सूरज पाल से पूछताछ/जांच की किसी संभावना के बारे में पूछे जाने पर पुलिस महानिरीक्षक (अलीगढ़ रेंज) शलभ माथुर ने कहा कि अगर उनके बारे में कुछ है तो इसकी विधिवत जानकारी दी जाएगी। जांच साक्ष्य आधारित होगी। हमने जांच के तहत कई लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया है। हालांकि आईजी ने संख्या बताने से इनकार कर दिया।
दूसरी ओर, अतिरिक्त महानिदेशक (आगरा जोन) और आयुक्त (अलीगढ़) के नेतृत्व में एक जांच समिति ने पुलिस और प्रशासन के लगभग 100 अधिकारियों और अन्य लोगों के बयान दर्ज करने के साथ अपनी रिपोर्ट को लगभग अंतिम रूप दे दिया है। माथुर ने कहा कि अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पर निर्णय लेना सरकार का काम है। जांच समिति के निष्कर्ष या संबंधित चीजें जांच समिति के सदस्यों के अधिकार क्षेत्र में हैं। जहां तक जांच का सवाल है, जांच अब सर्कल अधिकारी (हाथरस शहर) द्वारा की जा रही है। हाथरस में विशेष अभियान समूह (एसओजी) को जोनल स्तर की एसओजी टीमों द्वारा भी सहायता प्रदान की जा रही है और इन टीमों का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक (हाथरस) कर रहे हैं।
हाथरस पुलिस ने गुरुवार को सिकंदरा देव पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के सिलसिले में दो महिलाओं सहित छह सेवादारों को गिरफ्तार किया था। एफआईआर में मुख्य आयोजक वेदप्रकाश मधुकर को मुख्य आरोपी बताया गया है लेकिन बाबा का नाम एफआईआर में नहीं है। आईजी ने कहा कि घटना के बाद से बाबा और आयोजक छिपे हुए हैं। हाथरस पुलिस ने गुरुवार को वेदप्रकाश मधुकर की गिरफ्तारी के लिए 1 लाख रुपए के इनाम की भी घोषणा की।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 3 जुलाई को अपने हाथरस दौरे के दौरान कहा था कि एफआईआर में शुरू में केवल आयोजकों का नाम था लेकिन जांच आगे बढ़ने के साथ इसका दायरा बढ़ सकता है। एपी सिंह का कहना है कि आने वाले समय में सभी को सामने लाने का प्रयास करेंगे। आयोजकों में से एक वेदप्रकाश मधुकर वर्तमान में स्वास्थ्य समस्याओं के कारण अस्पताल में हैं। धर्मसभा में भगदड़ के दौरान उनके परिवार में भी एक मौत हो चुकी है। सिंह ने शुक्रवार को कहा कि उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि वह गंभीर रूप से बीमार हैं और भगदड़ की घटना के बाद उनका स्वास्थ्य खराब है।