मेरे निकलने के बाद अराजकतत्वों ने कराई भगदड़, हाथरस हादसे पर 'भोले बाबा' का आया बयान, बोले- लेंगे लीगल एक्शन
हाथरस में जिस नारायण हरि साकार के नाम से प्रसिद्ध सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मची और 121 लोगों की मौत हो गई उनका बयान हादसे के 24 घंटे बाद आया है। बाबा ने अराजकतत्वों पर ठीकरा फोड़ा है।
हाथरस में जिस नारायण हरि साकार के नाम से प्रसिद्ध सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मची और 121 लोगों की मौत हो गई उनका बयान हादसे के 24 घंटे बाद आया है। बाबा ने हादसे का ठीकरा अराजकतत्वों पर फोड़ा है। एक तरफ उनके ऊपर कार्रवाई की तलवार लटक रही है, दूसरी तरफ बाबा ने ही लीगल एक्शन की बात कह दी है। बाबा ने सुप्रीम कोर्ट के चर्चित वकील एपी सिंह के जरिए अपना लिखित बयान जारी किया है। इसमें बाबा ने लिखा है कि समागम से मेरे निकलने के बाद हादसा हुआ। असामाजिक तत्वों ने भगदड़ मचाई है। इन लोगों के खिलाफ लीगल एक्शन लूंगा। उन्होंने साथ ही घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। हादसे के लिए आई प्रारंभिक रिपोर्ट में हालांकि बाबा की बातों के उलट रिपोर्ट दी है। इसमें कहा गया है कि बाबा का चरण रज लेने के लिए भीड़ जब उनकी तरफ बढ़ी तो सेवादारों और सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इसी दौरान दबाव बढ़ गया और लोग एक दूसरे को कुचलते चले गए।
कहां हैं बाबा
बताया जाता है कि हाथरस की घटना के बाद भोलेबाबा मैनपुरी के बिछवां स्थित अपने आश्रम में आ गया था। बाबा बुधवार की देर रात तक इसी आश्रम में है, ये चर्चाएं हवा में तैरती रहीं। कोई भी अधिकारी इसकी पुष्टि के लिए तैयार नहीं था। आश्रम का मुख्य गेट लगातार बंद रहा। मंगलवार की रात पुलिस ने हर संभव कोशिश की लेकिन गेट नहीं खोला गया। बुधवार देर रात तक पुलिस यहां डेरा जमाए रही।
हाथरस में मंगलवार को जो सत्संग हुआ, उसमें भोलेबाबा मैनपुरी के बिछवां स्थित आश्रम से भाग लेने के लिए सुबह 10 बजे रवाना हुआ था। सत्संग समापन के बाद भोलेबाबा मंगलवार दोपहर 2.30 बजे के करीब बिछवां स्थित आश्रम में आ गया, ऐसा सेवादारों का कहना है। इसके बाद बाबा मंगलवार की पूरी रात इसी आश्रम में रहा। शाम को इसकी खबर जब पुलिस को लगी तो सीओ भोगांव सुनील कुमार के साथ कई थानों की पुलिस आश्रम की घेराबंदी करने पहुंच गए। पुलिस ने आश्रम के गेट को खुलवाने की पूरी कोशिश की लेकिन गेट नहीं खोला गया।
सुबह 7.30 बजे तेज रफ्तार से निकली आधा दर्जन गाड़ियां
मीडिया कर्मी जुटने लगे तो पुलिस आश्रम से लगभग 200 मीटर दूर बैरियर लगाकर खड़ी हो गई और लोगों का आना-जाना रोक दिया गया। सुबह 7.30 बजे अचानक गेट खुला और आधा दर्जन गाड़ियों का एक काफिला तेज रफ्तार से निकला। उस समय काफिले के साथ भाजपा का झंडा लगी हुई एक स्कॉर्पियो भी निकली। चर्चा फैल गई कि इसी स्कॉर्पियो में बाबा को आश्रम से निकाल दिया गया है लेकिन दो घंटे बाद ही फिर से ये चर्चा मजबूत हो गई कि बाबा आश्रम के अंदर ही है, वो काफिले के साथ नहीं निकला है। ये जानकारी सामने आने के बाद बाबा के आश्रम को पूरे जिले की पुलिस ने अपनी घेराबंदी में ले लिया।
आश्रम में बाबा हैं या नहीं, पुलिस बोलने को तैयार नहीं
सीओ सुनील कुमार ने बुधवार को दोपहर बाद फिर कहा कि आश्रम में बाबा हैं या नहीं, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। लेकिन पुलिस क्यों लगी है, इस सवाल पर सीओ बोले कि घटना के बाद लोगों में गुस्सा है। इसलिए आश्रम और यहां रह रहे लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात की गई है। शाम को कुछ सेवादार आश्रम के बाहर जमा हुए तो उन्हें भी अंदर नहीं जाने दिया गया। इस बीच सीओ करहल संतोष कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। अंदर किसी से मोबाइल पर बात हुई तो गेट खुला और सीओ आधा घंटे के लिए अंदर चले गए। इसके बाद वह लौट आए। अंदर बाबा है या नहीं, इस बाबत उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
एसपी ने कहा, सुरक्षा के लिहाज से तैनात है पुलिस
पूरे प्रकरण में एसपी विनोद कुमार ने कहा कि आश्रम की सुरक्षा और कानून व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस तैनात की गई है। बाबा के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। देर रात तक बाबा के बिछवां आश्रम में होने या न होने को लेकर जो सस्पेंस पिछले 24 घंटे से बना हुआ है उससे देर रात तक पर्दा नहीं हट सका। हालांकि पुलिस पूरे आश्रम की घेराबंदी बनाए हुए है।