Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़gorakhpur s fertilizer factory and railway made a new record of production and transportation of 10 lakh tons of urea

गोरखपुर से नेपाल, भूटान, श्रीलंका, बांग्‍लादेश तक होगा यूरिया निर्यात, खाद कारखाने और रेलवे ने बनाया नया कीर्तिमान

एचयूआरएल ने यूरिया उत्पादन तो रेलवे ने इसकी ढुलाई को लेकर नया कीर्तिमान बनाया है। 17 महीने में HURL ने जहां रिकॉर्ड 10 लाख टन यूरिया का उत्पादन किया है वहीं रेलवे ने इतनी ही यूरिया की ढुलाई की।

Ajay Singh वरिष्ठ संवाददाता, गोरखपुरWed, 13 Sep 2023 01:25 PM
share Share

Fertilizer Production: एचयूआरएल ने यूरिया उत्पादन तो रेलवे ने इसकी ढुलाई को लेकर नया कीर्तिमान बनाया है। एचयूआरएल ने जहां 17 महीने में रिकॉर्ड 10 लाख टन यूरिया का उत्पादन किया है वहीं रेलवे ने मालगाड़ी से इतनी ही यूरिया की सफलतापूर्वक ढुलाई की है।

रिकॉर्ड कायम करने के बाद एचयूआरएल अब जल्द ही यूरिया का निर्यात भी करेगा। इसके लिए एचयूआरएल के साथ ही रेलवे ने भी तैयारी शुरू कर दी है। अभी तक यूपी के जिलों में ही सप्लाई होने वाला यूरिया कुछ महीनों में श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान और नेपाल को निर्यात भी होगा। एचयूआरएल इन देशों की सीमा तक रेलवे के जरिये यूरिया भेजेगा।

करीब 600 एकड़ में 8,603 करोड़ रुपये की लागत से बने और प्राकृतिक गैस आधारित इस खाद कारखाने की अधिकतम उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 3850 मीट्रिक टन और प्रतिवर्ष 12.7 लाख मीट्रिक टन की है। बीच में कुछ महीने के लिए उत्पादन ठप भी रहा लेकिन उत्पादन में कमी नहीं होने दी गई। इस समय यहां एक दिन में 3125 मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन हो रहा है।

एचयूआरएल में एनई रेलवे का पहला गतिशक्ति कार्गो पूर्वोत्तर रेलवे का पहला और सबसे बड़ा गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल नकहा एचयूआरएल परिसर में बन चुका है। रेलवे ने अल्फा और न्यूमेरिकल कोड भी आवंटित कर दिया गया है। नकहा स्टेशन और एचयूआरएल की कार्गो टर्मिनल साइडिंग को आपस में कनेक्ट भी कर दिया गया है। अब यहां से जरूरत के हिसाब से यूरिया की ढुलाई मालगाड़ियों से आसानी से हो रही है। नकहा और कार्गो टर्मिनल की दूरी 1.493 किलोमीटर है। मालगाड़ी को इसे पार करने में महज सवा मिनट लगता है।

20 अप्रैल 2022 को सुभागपुर भेजी गई थी पहली खेप
लम्बी कवायद के बाद गोरखपुर खाद कारखाने में बनी नीम कोटेड यूरिया की पहली खेप 20 अप्रैल 2022 को सुभागपुर भेजी गई थी। 22 वैगन की मालगाड़ी में यूरिया लेकर रवाना हुई थी। मिनी रेक में यूरिया की लोडिंग होने के चलते उसे पूर्वोत्तर रेलवे जोन में ही भेजा गया था। मालगाड़ी के संचलन में कोई असुविधा न हो इसके लिए डोमिनगढ़-कैंट तक तीसरी लाइन का काम तेज कर दिया गया है। तीसरी लाइन का काम पूरा होते ही मालगाड़ियों का संचलन और आसान हो जाएगा।

अगला लेखऐप पर पढ़ें