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एचआईवी संक्रमित आठ बंदियों को लेकर बीआरडी पहुंचा जेल प्रशासन, जानिए पूरा मामला

जेल में बंद एचआईवी संक्रमित आठ बंदियों का इलाज शुरू हो गया है। जेल प्रशासन ने बंदियों की सुधि ली। पुलिस लाइन से भी एचआईवी संक्रमितों के इलाज के लिए सुरक्षा मिल गई। बुधवार को आपके अपने समाचार पत्र...

Ajay Singh हिन्‍दुस्‍तान टीम , गोरखपुर Thu, 2 Dec 2021 01:13 PM
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जेल में बंद एचआईवी संक्रमित आठ बंदियों का इलाज शुरू हो गया है। जेल प्रशासन ने बंदियों की सुधि ली। पुलिस लाइन से भी एचआईवी संक्रमितों के इलाज के लिए सुरक्षा मिल गई। बुधवार को आपके अपने समाचार पत्र हिन्दुस्तान में खबर प्रकाशित होने के बाद पुलिस के आला अधिकारियों ने जेलर से संपर्क किया। 

हकीकत पता चलने के बाद सुरक्षा के लिए टीम तैयार की गई। आनन-फानन में जेल और पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम किए। आठ बंदियों को लेकर पुलिसकर्मी बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। जहां इन बंदियों की दोबारा एचआईवी की जांच हुई। उनका एक्स-रे किया गया। उनके खून की जांच की गई। इसके बाद इनका एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) शुरू हो गई। सभी बंदियों को एक महीने की दवाएं दी गई। यह दवाएं बीआरडी मेडिकल कॉलेज के एआरटी सेंटर से दी गई है।

चार महीने पहले पता चला था संक्रमण का

जेल में हर महीने बीआरडी मेडिकल कालेज से टीम बंदियों के सेहत की जांच करती है। इस वर्ष 1470 बंदियों के सेहत की जांच हुई थी। जिसमें 17 बंदी एचआईवी संक्रमित मिले थे। इन बंदियों में संक्रमण का पता चार महीने पहले चला था। जेल प्रशासन इन्हें इलाज के लिए बीआरडी नहीं ले जा रहा था। बंदियों की तबीयत बिगड़ रही थी। इसके बावजूद बीते चार महीने से जेल प्रशासन टालमटोल कर रहा था। वह सुरक्षा इंतजामों का हवाला दे रहा था। हालांकि बुधवार को खबर प्रकाशित होने के बाद जेल प्रशासन के पांव तले जमीन खिसक गई। आनन-फानन में अधिकारियों ने सुरक्षा बंदोबस्त किए। एचआईवी संक्रमित बंदियों को लेकर एक वैन बीआरडी भेजी गई। अब सभी का इलाज शुरू हो गया है। इससे पहले नौ बंदियों का इलाज जुलाई में शुरू हो गया था।

सुबह पुलिस लाइन से आरआई का फोन आया। उन्होंने एक वैन और सुरक्षा दल भेजा। जिसके बाद सभी बंदियों को बीआरडी इलाज के लिए भेज दिया गया। वहां सबका इलाज शुरू हो गया।
प्रेमसागर शुक्ला, जेलर

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