Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़German prisoner now complete his punishment in his own country returning date fixed

गोरखपुर के जेल में बंद जर्मन कैदी अब अपने देश में काटेगा सजा, लौटने की तारीख हुई पक्की

गोरखपुर जेल में एनडीपीएस एक्ट में दस साल की सजा काट रहे जर्मन कैदी बैरेंड मैनफ्रेंड अब अपने देश में बची हुई सजा काटेगा। 12 अगस्त को दिल्ली एयरपोर्ट पर बैरेंड मैनफ्रेंड को जर्मन पुलिस को सौंप दिया...

Ajay Singh वरिष्‍ठ संवाददाता , गोरखपुर Sat, 31 July 2021 07:27 PM
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गोरखपुर जेल में एनडीपीएस एक्ट में दस साल की सजा काट रहे जर्मन कैदी बैरेंड मैनफ्रेंड अब अपने देश में बची हुई सजा काटेगा। 12 अगस्त को दिल्ली एयरपोर्ट पर बैरेंड मैनफ्रेंड को जर्मन पुलिस को सौंप दिया जाएगा। बैरेंड के वापसी के साथ ही भारत-जर्मनी के बीच बंदियों के प्रत्यर्पण संधि का लाभ लेते हुए अपने देश लौटने वाला यह देश का संभवत: पहला कैदी होगा।

जर्मनी के सजसेन निवासी बैरेंड मैन फ्रेंड को नशीले पदार्थ के साथ भारत-नेपाल सीमा पर अक्टूबर 2014 में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। एनडीपीएस ऐक्ट के तहत उसके खिलाफ केस दर्ज कर उसे कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से एक नम्बर 2014 को उसे महराजगंज जेल भेजा गया था। प्रशासनिक आधार पर एक अक्तूबर 2015 को बैरेंड मैन फ्रेंड को गोरखपुर मंडलीय कारागार में ट्रांसफर कर दिया गया। 20 दिसम्बर 2018 को कोर्ट ने उसे दस साल कठोर कारावास और एक लाख अर्थदंड की सजा सुनाई थी। बैरेंड मैनफ्रेंड अब तक साढ़े छह साल की सजा काट चुका है। बची हुई सजा वह अब जर्मनी के जेल में काटेगा।

पत्नी जूलिया कैफर की रही अहम भूमिका

मैनफ्रेंड की पत्‍‌नी जूलिया कैफर ने पति को देश ले जाने के लिए अहम भूमिका निभाई। जर्मनी दूतावास के माध्यम से जब जूलिया कैफर को मैंनफ्रेंड के पकड़े जाने की सूचना मिली तो वह टूरिस्ट वीजा पर भारत पहुंच गई। गोरखपुर जेल में पति से मुलाकात होने के बाद वह उसे जमानत दिलाने की को‍शि‍श में जुट गई। पांच साल तक केस की पैरवी के सिलसिले में वह जेल, कचहरी से लेकर जर्मन दूतावास तक के चक्कर काटती रही। जेल के पास किराए का कमरा लेकर रही। वीजा अवधि खत्म होने पर बीच-बीच में कई बार स्‍वदेश लौटती और कुछ दिन बाद फिर गोरखपुर आ जाती थी। उसके प्रयास से 31 मई 2017 को मैनफ्रेंड को कोर्ट ने जमानत देते हुए पांच-पांच लाख रुपये की दो जमानतदार पेश करने का भी आदेश दिया। सारी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। यूपी पुलिस अब उसे जर्मन पुलिस को सौंपेगी।

एनडीपीएस एक्‍ट में 10 साल की सजा हुई है। छह साल से ज्यादा की सजा वह काट चुका है। भारत और जर्मनी के बीच लागू प्रत्यर्पण संधि के तहत बैरेंड मैनफ्रेंड को उसके देश प्रत्यर्पण की कार्रवाई चल रही है। दूतावास की पहल पर उसे शेष सजा जर्मनी की जेल में काटने की अनुमति मिली है। 12 अगस्त को उसे दिल्ली एयरपोर्ट पर जर्मन पुलिस को सौंपा जाएगा।

प्रेम सागर शुक्ला, जेलर

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