गैंगस्टर ने जेल से बेच दी लग्जरी गाड़ी, सवालों के घेरे में RTO; एसएसपी ने बिठाई जांच
जालसाजी के मामले में जेल गए गैंगस्टर विकास ने जेल में रहने के दौरान ही अपनी 45 लाख रुपए की लग्जरी गाड़ी बेच दी थी। गैंगस्टर में जब्ती के डर से उसने यह कदम उठाया। इस मामले में आरटीओ भी घिर रहा है।
The gangster sold the car from jail: जालसाजी के मामले में जेल गए गैंगस्टर विकास ने जेल में रहने के दौरान ही अपनी 45 लाख की लग्जरी गाड़ी बेच दी थी। गैंगस्टर में जब्ती के डर से उसने यह कदम उठाया। फिलहाल उसके गाड़ी बेचेन से ज्यादा इस बात की हैरानी है कि उसने जेल में रहते ही यह कैसे किया। इस मामले में आरटीओ भी घिर रहा है। उधर, शिकायत सामने आने पर एसएसपी ने मामले की जांच शुरू करा दी है। किसी गैंगस्टर के गाड़ी बेचने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले गैंगस्टर एक्ट में जब्त सफारी गाड़ी को माफिया के साथी ने कबाड़ी को बेच दी थी।
हास्पिटल संचालक विकास सिन्हा को पुलिस ने जालसाजी और रंगदारी मांगने के आरोप में अक्टूबर 2023 में गिरफ्तार किया था। उसने आठ लोगों से 63 लाख रुपये हड़प लिया था। पीड़ित इम्तियाज की पत्नी शैबा ने उसके ऊपर केस दर्ज कराया था। जेल जाते ही इस शातिर ने भांप लिया था कि पुलिस अब उसकी सम्पत्ति जब्त कर सकती है। जेल जाने के बाद भी उसकी जालसाजी बंद नहीं हुई। जब्ती से बचने की जल्दबाजी में जेल में रहने के दौरान ही उसने अपनी फार्च्यूनर गाड़ी बेच दी। पीड़ित इम्तियाज की पत्नी शैबा ने इस मामले की शिकायत एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर से की है। एसएसपी ने मामले की जांच करा रहे हैं।
19 अक्टूबर को गया जेल
तीन नवम्बर को बिकी गाड़ी विकास द्वारा रुपये लेकर फर्जी केस में फंसाए गए गोरखनाथ चक्सा हुसैन निवासी इम्तियाज की पत्नी सैबा अनवार ने एसएसपी से शिकायत की है। उन्होंने बताया है कि 19 अक्टूबर 2023 में विकास सिन्हा को शाहपुर पुलिस ने फर्जीवाड़ा करने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजवाया था। जेल में रहने के दौरान ही विकास ने तीन नवम्बर को अपनी लग्जरी गाड़ी को बेच दी। चार अप्रैल को विकास सिन्हा जमानत पर बाहर आया था हालांकि गैंगस्टर के केस में सात मई को एक बार फिर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजवा दिया है।
कौन है विकास सिन्हा
बिहार पूर्वी चम्पारण मोतीहारी बलुआताल का निवासी विकास सिन्हा करीब सात साल पहले गोरखपुर में आया और यहां किराये का मकान लेकर शाहपुर के शिवपुर सहबाजगंज के जंगल सालिकराम में रहता था। यहां उसने दवा के काम से शुरुआत की फिर हास्पिटल संचालन के धंधे में आया और जालसाजी कर लोगों का पैसा हड़पने लगा। जिन लोगों का पैसा उसने हड़पा वे अगर पैसा मांगते, तो कुछ महिलाओं से फर्जी रेप केस दर्ज करा देता।
माफिया के साथी ने कबाड़ी को बेच दी थी सफारी
माफिया राकेश यादव के साथी शाहपुर के व्यासनगर जंगल सालिकराम निवासी अभिषेक सिंह ने गैंगस्टर एक्ट में जब्त सफारी गाड़ी को कबाड़ में बेच दिया था। जांच में सामने आया कि उसने तिवारी के बड़े काजीपुर के कबाड़ी दिलशाद को 60 हजार रुपये में अपनी सफारी बेच दी थी। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जब्तीकरण की कार्रवाई से बचने के लिए अभिषेक ने सफारी गाड़ी को स्क्रैप में बेचा है।
क्या बोले एसएसपी
एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने कहा कि जेल में रहने के दौरान विकास पर अपनी गाड़ी बेचने का आरोप है। इसकी जांच कराई जा रही है। जांच के दौरान मामला सही पाए जाने पर जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।