देशभर में 5000 लोगों को ठगने वाला गैंग आया पकड़ में, करोंड़ों की कर चुका है हेराफेरी
मेरठ पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने शुक्रवार को दिल्ली के उत्तमनगर में छापा मारकर फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया। यह गिरोह देशभर में करीब पांच हजार लोगों से तकरीबन एक करोड़ रुपये की ऑनलाइन ठगी कर...
मेरठ पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने शुक्रवार को दिल्ली के उत्तमनगर में छापा मारकर फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया। यह गिरोह देशभर में करीब पांच हजार लोगों से तकरीबन एक करोड़ रुपये की ऑनलाइन ठगी कर चुका है। एसबीआई का कर्मचारी इस गैंग को क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स मुहैया कराता था। क्रेडिट कार्ड पर गिफ्ट वाउचर निकलने का झांसा देकर यह गिरोह ओटीपी पूछकर खाते खाली कर देता था।
शनिवार को पुलिस लाइन मेरठ में आयोजित प्रेसवार्ता में एसपी देहात अविनाश पांडेय ने बताया कि गंगानगर थाना क्षेत्र के रक्षापुरम निवासी साहिल राजवंश ने पिछले दिनों साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज कराई थी। साहिल के मुताबिक, उनके मोबाइल पर कॉल आई। क्रेडिट कार्ड का विवरण बताकर ओटीपी पूछा और 80 हजार रुपये निकाल लिए गए। साइबर सेल ने केस की जांच की तो दिल्ली का गिरोह ट्रैस हुआ।
शुक्रवार को साइबर सेल और गंगानगर थाना पुलिस ने ज्वाइंट कार्रवाई करते हुए दिल्ली के उत्तमनगर स्थित ओम विहार में एक फ्लैट पर छापा मारा। यहां कॉल सेंटर चलता मिला। मौके से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के कब्जे से 21 मोबाइल, 115 सिमकार्ड, 1 लैपटॉप, 450 लोगों के बैंक खातों की डिटेल्स और एक कार बरामद हुई। मौके से मिले करीब 10 रजिस्टरों में दो हजार से ज्यादा लोगों की जानकारी दर्ज थी।
ऐसे करते थे ठगी
आरोपियों का एक दोस्त एसबीआई नई दिल्ली में कार्यरत है। उससे इन्हें क्रेडिट कार्ड धारक की समस्त डिटेल मिल जाती थी। इसके बाद आरोपी खुद को क्रेडिट कार्ड हेडऑफिस मुंबई से बताकर लोगों को कॉल करते थे। कार्ड वैरीफिकेशन, गिफ्ट वाउचर, लिमिट बढ़ाने का झांसा देते थे। चूंकि उनके पास कार्ड नंबर पहले से ही होता था, इसलिए इन नंबर के बताते ही लोग झांसे में आ जाते थे और ओटीपी बता देते थे। ठग हाथोंहाथ वॉलेट में क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स भरकर रुपया ट्रांसफर कर लेते थे। इसके बाद रकम वॉलेट से बैंक खाते में भेज दी जाती थी।
पंजाब से फर्जी आईडी पर खरीदे सिम
आरोपियों से जो 115 सिमकार्ड बरामद हुए, इनमें से ज्यादातर पंजाब से फर्जी आईडी पर खरीदे हुए हैं। एक सिम दो हजार रुपये में मिलता था। इस गिरोह में कुछ विक्रेता भी शामिल हैं जो फर्जी आईडी पर सिम बेचते थे। इस गिरोह के निशाने पर दूसरे राज्यों के लोग खासतौर पर होते थे क्योंकि दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश में ठगी करने पर उन्हें पकड़े जाने का खतरा रहता था।
हाईस्कूल फेलियर्स का गिरोह
गिरोह का सरगना हिमांशु वर्ष 2012 में हाईस्कूल में फेल हुआ था। अन्य आरोपी भी हाईस्कूल फेल हैं। इन सभी आरोपियों ने पूर्व में एक कॉल सेंटर में जॉब की। वहां पर ये ठगी के गुर सीख गए। इसके बाद सभी ने अपना कॉल सेंटर खोल लिया। हिमांशु ने अपने साथियों के काम का विभाजन कर रखा था। अजय सक्सेना बैंक खाते, सन्नी सिम कार्ड, हनी मोबाइल-लैपटॉप व ऑफिस वर्क, शिवम कॉलिंग स्टाफ की व्यवस्था करता था।
रोजाना एक से तीन लाख की कमाई
इस गिरोह के कुल आठ बैंक खाते पुलिस को मिले हैं, जबकि एक मोबाइल एप्लीकेशन पर 100 से ज्यादा वॉलेट बना रखे थे। पुलिस के अनुसार, गिरोह की प्रतिदिन की कमाई एक से तीन लाख रुपये तक थी। रविवार को ये छुट्टी रखते थे।
टीम में ये रहे शामिल
साइबर सेल प्रभारी सुभाष अत्री, सब इंस्पेक्टर लोकेश अग्निहोत्री, भूपेंद्र सिंह, कपिल कुमार, उमेश वर्मा, रवि यादव, ब्रजपाल सिंह, जितेश शर्मा, राजू शर्मा, उमेश कुमार और गंगानगर थाना प्रभारी रवि चंद्रवाल व राजीव शामिल रहे।
पकड़े गए अभियुक्त
1- हिमांशु निवासी डब्लूजेड-119 ओमविहार, फेस-वन उत्तमनगर, नई दिल्ली
2- अजय सक्सेना निवासी 18/163 गली नंबर-एक, ईस्ट मोतीबाग, रोहिला नई दिल्ली
3- अर्जुन सिंह निवासी डी-18, ओमविहार, फेस-5 उत्तमनगर, नई दिल्ली
4- विनय मिश्रा निवासी सी-4एच, डीडीए फ्लैट, जनकपुरी नई दिल्ली
5- शिवम शर्मा निवासी डब्लूजेड-21, ओमविहार, उत्तमनगर नई दिल्ली
फरार आरोपी
1- सन्नी उर्फ कुलदीप निवासी डब्लूजेड-50 फेस-2 ओमविहार, उत्तमनगर नई दिल्ली
2- हन्नी उर्फ हरदीप निवासी डब्लूजेड-50 फेस-2 ओमविहार, उत्तमनगर नई दिल्ली
3- पवन उर्फ पोनी निवासी अज्ञात