Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़gang blackmailing up primary teachers on the name of fake appointment allegation threat caught by stf gorakhpur

यूपी: प्राइमरी के टीचरों को ब्‍लैकमेल करने वाले गैंग का खुलासा, नियुक्ति फर्जी करार देने की धमकी देकर वसूलता था मोटी रकम 

यूपी में प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को ब्‍लैकमेल करने वाले गैंग का खुलासा एसटीएफ ने किया है। यह गैंग शिक्षकों की नियुक्ति को फर्जी करार देने की धमकी देकर उनसे मोटी रकम वसूल करता था।

Ajay Singh वरिष्‍ठ संवाददाता, गोरखपुरTue, 20 Sep 2022 07:27 PM
share Share

यूपी में प्राइमरी शिक्षकों को फर्जी नियुक्ति के आरोप में फंसाने और जांच शुरू कराने का डर दिखाकर एक गैंग रंगदारी वसूलने लगा था। इस गैंग के सदस्‍य शिक्षकों को उनकी नियुक्ति की जांच बीएसए कार्यालय और एसटीएफ से कराने की धमकी देकर मोटी रकम की वसूली करते थे। मंगलवार को इस गैंग के तीन सदस्‍य एसटीएफ के हत्‍थे चढ़ गए और मामले का खुलासा हो गया। 

पकड़े गए तीनों आरोपितों में एक शिक्षक, एक बर्खास्त शिक्षक भी शामिल है। बर्खास्त शिक्षक गैंग का लीडर बताया जा रहा है। टीम ने तीनों के खिलाफ कैंट थाने में केस दर्ज कराया है। एसटीएफ ने इनके पास से 6 मोबाइल फोन, 3 सोने की अंगूठी, एक आधार कार्ड, एक वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, डीएल, शिकायती पत्र आदि कई सामान बरामद किए हैं।

गोला इलाके के जानीपुर के रहने वाले महेंद्र सिंह प्राथमिक स्कूल जानीपुर कौड़ीराम में शिक्षक हैं। महेंद्र सिंह ने बीते दिनों कैंट थाने में केस दर्ज कराया था। उनका कहना था कि विभाग के कुछ लोग शिक्षकों को फोन कर धमकी देते हैं। वे कहते हैं कि उनकी नियुक्ति फर्जी डाक्यूमेंट के आधार पर हुर्ह है और इसकी जांच बीएसए कार्यालय और एसटीएफ से होने जा रही है। जांच न कराने के नाम पर यह गैंग शिक्षकों से लाखों रूपए वसूलता था।

फर्जी नियुक्ति की जांच कर रही एसटीएफ को जब इसकी सूचना मिली तो एसटीएफ ने अपने स्तर से जांच शुरू कर दी। इंस्पेक्टर एसटीएफ सत्यप्रकाश सिंह और उनकी टीम ने सोमवार की देर रात तहसील गेट के पास से गैंग के तीन शातिरों को मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार कर लिया।

उनकी पहचान गिरधारी लाल जायसवाल, निवासी आम बाजार, थाना गौर, बस्ती, राजकुमार यादव, निवासी गांधीपुरम आरोग्य मंदिर शाहपुर गोरखपुर और रूद्र प्रताप यादव निवासी जोतबगही, भौवापार बेलीपार, गोरखपुर के रूप में हुई। इनमें गिरधारी लाल शिक्षक है जबकि राजकुमार यादव बर्खास्त शिक्षक है। वहीं रूद्रप्रताप के नाम से यह गैंग शिकायत कराता था।

महेंद्र को लेटर भेज मांगी थी रंगदारी
गिरफ्तार अभियुक्त राजकुमार यादव ने एसटीएफ को बताया कि गिरधारी लाल जायसवाल ने ही उसे और रूद्र प्रताप को बताया कि महेंद्र्र प्रताप सिंह फर्जी अध्यापक हैं। इस पर इन तीनों ने मिलकर आपस में प्लानिंग कर एक लेटर महेंद्र सिंह को रजिस्टर्ड डाक से भेज दिया। लेटर राजकुमार ने अपनी हैंड राइटिंग में लिखी थी। लेटर में रंगदारी न देने पर एसटीएफ और बीएसए से जांच कराने की धमकी दी गयी थी। इतना ही नहीं, शातिरों ने महेंद्र को अपना मोबाइल नंबर देकर संपर्क करने को भी कहा था। इन लोगों ने महेंद्र्र प्रताप सिंह को एक बैंक खाता नंबर भी दिया था। जोकि सुनील कुमार के नाम से था।

दो स्कूलों से वेतन उठाता था राजकुमार
सुनील कुमार के बारे पूछने पर आरोपियों ने बताया कि सुनील कुमार यादव के नाम से राजकुमार ही विशुनपुर फुलवरिया प्राथमिक पाठशाला लक्ष्मीपुर ब्लाक, महराजगंज में शिक्षक के पद पर तैनात था। फिलहाल नौकरी छोड़कर कुछ दिन तक वह फरार रहा लेकिन इसके बाद एक बार फिर उसने कूटरचित शैक्षणिक दस्तावेज के आधार पर धनगढ़ा प्राथमिक विद्यालय ब्लाक परतावल महराजगंज में राजकुमार के नाम से नौकरी करनी शुरू कर दी है।

राजकुमार इतना शातिर है कि वह दोनों स्कूलों से सरकारी वेतन उठा रहा था। वहीं रूद्र प्रताप यादव, राजकुमार के साथ ही रहता है। गिरधारी लाल जायसवाल और राजकुमार के कहने पर रूद्र प्रताप अपने नाम से शिकायती पत्र और शपथ पत्र देता रहता है। इस दौरान रंगदारी से जो भी पैसा मिलता है उसी हिसाब से कुछ प्रतिशत तक हिस्सेदारी उसे भी दी जाती है।

विनय ने दी थी महेंद्र की जानकारी
एसटीएफ के मुताबिक, गिरधारी लाल जायसवाल पूर्व माध्यमिक विद्यालय जंगल डुमरी नंबर-1 भटहट ब्लाक में शिक्षक पद पर नियुक्त है। महेंद्र्र प्रताप सिंह से रंगदारी वसूलने के लिए विनय कुमार शर्मा ने बताया था। विनय खजनी ब्लाक में अध्यापक हैं। फिलहाल वह भी बर्खास्त हो चुका है। गिरधारी लाल जायसवाल ने ही अन्य कई शिक्षकों के नाम रंगदारी वसूलने के लिए राजकुमार यादव और रूद्र प्रताप यादव को बताया है। जिनके खिलाफ वह लगातार प्रार्थना पत्र देता रहता है।

शातिरों के पत्नियों की भी होगी जांच
एसटीएफ के मुताबिक, राजकुमार यादव की पत्नी सीमा यादव सोनबरसा प्राथमिक विद्यालय ब्लाक पनियरा, महराजगंज में अध्यापक पद पर नियुक्त थी। फिलहाल वह नौकरी छोड़ चुकी है। एसटीएफ के मुताबिक राजकुमार ने दो शादी कर रखी है और रंगदारी के पैसों से दोनों पत्नियों को कार, घर व लग्जरी लाइफ का सुख देता है। जबकि गिरधारी लाल जायसवाल की पत्नी प्रीति जायसवाल जंगल डुमरी नंबर-1 भटहट प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक के पद पर नियुक्त है। इन लोगों के फर्जी/कूटरचित नियुक्त होने की एसटीएफ अलग जांच करेगी।
 

अगला लेखऐप पर पढ़ें