बीएचयू में दुर्व्यवहार पर भड़के छात्र, पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह का प्रयास
बीएचयू के ट्रामा सेंटर में दुर्व्यवहार करने और बंधक बनाने का आरोप लगाते हुए छात्रों ने सिंह द्वार बंद कर आक्रोश जताया। इस दौरान एक छात्र ने अपने ऊपर पेट्रोल छिड़कर आत्मदाह करने की भी कोशिश की।
बीएचयू के ट्रामा सेंटर में दुर्व्यवहार करने और बंधक बनाने का आरोप लगाते हुए छात्रों ने सिंह द्वार बंद कर आक्रोश जताया। इस दौरान एक छात्र ने अपने ऊपर पेट्रोल छिड़कर आत्मदाह करने की भी कोशिश की। किसी तरह अन्य छात्रों ने उसे आग लगाने से बचाया। मामला अस्पताल के बिल पर जीएसटी नंबर नहीं होने के विवाद से शुरू हुआ। इलाकाई लंका थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंची और छात्रों को समझाने का प्रयास किया। पुलिस ने गेट खुलवा दिया है लेकिन छात्रों का धरना जारी है।
बीएचयू के ट्रामा सेंटर में एक मरीज का इलाज चल रहा था। मरीज का 65 हजार रुपए का बिल बना था। तीमारदार दवा काउंटर पर जीएसटी नंबर लिखा रजिस्टर्ड बिल मांग रहा था लेकिन वहां से उसे हाथ से लिखकर जीएसटी नंबर दिया गया। इस पर उसने विरोध किया। इसी दौरान वहां बीएचयू के छात्र पहुंच गए और विवाद शुरू हो गया।
ट्रामा सेंटर के इंचार्ज सौरभ सिंह पहुचे और प्रॉक्टर कर्मियों से गेट बंद करवा दिया। इस पर छात्रों ने खुद को बंधक बनाने का आरोप लगाया। कहा कि करीब 40 मिनट तक छात्र अस्पताल में बंधक बनाए गए।
इसी से नाराज़ छात्र सिंहद्वार पहुंचे और उसे बंद कर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। धरना प्रदर्शन की सूचना पर पहुचे इंस्पेक्टर लंका अश्वनी पांडेय ने सभी को समझाने बुझाने का प्रयास किया। लेकिन छात्रों ने एक न सुनी और धरना जारी रखा। हालांकि गेट खोल दिया गया।
धरने के दौरान ही ला फैकल्टी के थर्ड ईयर का छात्र प्रितोष यादव आक्रोशित हो गया। उसने अपने ऊपर पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह का प्रयास किया। इससे पहले कि वह आग जलाता साथियों ने उसे रोक दिया। प्रितोष का कहना है कि ट्रामा सेंटर के इंचार्ज द्वारा हम लोगों को बंधक बनाया गया और चीफ प्रॉक्टर हम लोगों को जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं।