‘अग्निवीर’ के नाम पर ठगी, उम्मीदवारों से की भर्ती की डील, सेना भर्ती के नाम पर हड़पे लाखों
मेरठ में अग्निवीर भर्ती के नाम अभ्यर्थियों से ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए एसटीएफ मेरठ ने सेना के एक जवान को गिरफ्तार किया है। गिरोह से कई दस्तावेज भी बरामद हुए। इस मामले में कई खुलासे हुए।
मेरठ में अग्निवीर भर्ती के नाम अभ्यर्थियों से ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए एसटीएफ मेरठ ने सेना के एक जवान को गिरफ्तार किया है। गिरोह से कई दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। गिरफ्तार आरोपी जवान नरेश कुमार निवासी गांव मसौता, मसूरी गाजियाबाद अपने भाई और एक अन्य के साथ 2018 से गिरोह चला रहा था।
एटीएस को गौतमबुद्धनगर के दादरी थाने के गांव लुहारली निवासी एक युवक ने इनपुट दिया था। उसका भाई मुजफ्फरनगर अग्निवीर भर्ती में शामिल हुआ है। वहां संदीप नामक युवक ने पांच लाख में भर्ती कराने की बात कही। संदीप ने तनुज से मुलाकात कराई, जिसका भाई नरेश सेना में है। ढाई लाख रुपये एडवांस दिए गए। मंगलवार को एसटीएफ ने नरेश को दबोच लिया, जबकि अन्य निकल भागे। नरेश हेड क्वार्टर-3 ईडब्लू-ब्रिगेड पुणे में हेड कांस्टेबल पद पर है।
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ठगी सेना भर्ती के नाम पर हड़पे लाखों
एसटीएफ मेरठ ने अग्निवीर भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले सेना के एक जवान को आर्मी अस्पताल के पास से गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से भर्ती से संबंधित दस्तावेज, फोन, सेना का आई कार्ड आदि बरामद हुए हैं। मौके से अन्य आरोपी फरार होने में कामयाब रहे। आरोपी पूर्व में भी कुछ लोगों को इसी तरह से ठग चुका है। एसटीएफ अन्य आरोपियों की तलाश में लगी है।
मिलिट्री इंटलीजेंस से मिली जानकारी के बाद एसटीएफ ने जाल बिछाया तो ठगों के चक्कर में फंसे गौतमबुद्धनगर के एक पीड़ित तक पहुंचने में सफलता मिली। पीड़ित ने बताया कि उससे पांच लाख रुपये में अग्निवीर भर्ती का सौदा हुआ है। आर्मी अस्पताल मेरठ में मेडिकल होने की बात बताई गई। ढाई लाख रुपये एंडवांस दे दिए हैं। बाकी के पैसे मंगलवार को मेडिकल कराने के दौरान अर्मी अस्पताल के आसपास डेरा डाल दिया।
एसटीएफ ने घेराबंदी करते हुए आरोपी को दबोच लिया, जबकि उसके साथी भाग निकले। आरोपी की पहचान सेना के जवान नरेश कुमार निवासी गांव मसौता, थाना मसूरी गाजियाबाद के रूप में हुई है। आरोपी से एसटीएफ ने एक मोबाइल फोन, सेना का आईकार्ड, अग्निवीर भर्ती से संबंधित दस्तावेज बरामद किए हैं। आरोपी के खिलाफ सदर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी जवान नरेश कुमार की तैनाती फिलहाल हेड क्वार्टर-3 ईडब्लू-ब्रिगेड पुणे में हेड कांस्टेबल के पद पर है। वर्ष 2009 में सेना में भर्ती हुआ था और वर्तमान में सिग्नल कोर में है। आरोपी ने बताया कि वह अपने भाई सौरभ, तनुज और एक अन्य युवक संदीप के साथ मिलकर यह गिरोह चला रहा है।
पांच लोगों से कर रखी थी भर्ती की डील
आरोपी के फोन से मिली जानकारी के अनुसार वह पिछले चार वर्ष से यह काम कर रहा है। इस समय उसने पांच लोगों से भर्ती की डील कर रखी थी। पांचवे अभ्यर्थी से उसकी डील ढाई लाख रुपये में हुई थी। पुलिस के अनुसार नरेश अब तक तकरीबन 35 लाख रुपये की ठगी भर्ती के नाम पर कर चुका है।