आर्मी नर्सिंग अस्सिटेंट परीक्षा में भी सेंध लगाने की कोशिश, ब्लूटूथ के जरिए कराई जा रही थी नकल, चार गिरफ्तार
लखनऊ में प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल कराने वाले गिरोह ने रविवार को आर्मी नर्सिंग असिंस्टेट पद के लिये आयोजित परीक्षा में सेंध लगाने की कोशिश की। पुलिस ने चार सॉल्वर को गिरफ्तार किया है।
लखनऊ में प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल कराने वाले गिरोह ने रविवार को आर्मी नर्सिंग असिंस्टेट पद के लिये आयोजित परीक्षा में सेंध लगाने की कोशिश की। इस गिरोह के लोग साल्वरों की मदद से कैंट स्थित आर्मी मेडिकल कोर सेंटर एंड कॉलेज में चार अभ्यर्थियों को ब्लूटूथ डिवाइस से नकल करा रहे थे। इसकी भनक लगने पर एसटीएफ और आर्मी इंटेलीजेंस टीम ने इन चारों अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर लिया। खुलासा हुआ कि नकल कराने वाले गिरोह ने डिवाइस के लिये 30-30 हजार रुपये और साल्वर उपलब्ध कराने के लिये चार से पांच लाख रुपये वसूले थे। गिरोह के सरगना समेत दो लोगों और साल्वरों की तलाश की जा रही है। ये लोग फरार हैं।
एसटीएफ के एएसपी अमित नागर के मुताबिक पकड़े गये अभ्यर्थियों में कन्नौज के सुभाषनगर निवासी अमित कुमार, आगरा के ताजगंज स्थित जय प्रकाश, जोधपुर के चोमू निवासी विकास विश्नोई और पलवल के बरोला निवासी अभिषेक चंद्र हैं। इनके पास चार ब्लूटूथ डिवाइस और चार प्रवेश पत्र की छाया प्रतिलिपि बरामद हुई है। एएसपी ने बताया कि इलेक्ट्रानिक उपकरणों की मदद से नकल कराने वाले गिरोह के बारे में सूचना मिली थी। ये लोग मोटी रकम लेकर आर्मी की परीक्षा में भी नकल करा रहे हैं। इस पर ही एसटीएफ व सेना की इंटेलीजेंस टीम ने आर्मी मेडिकल कोर सेंटर एंड कालेज में छापा मारा था।
30 हजार में ब्लूटूथ डिवाइस दिया था अभ्यर्थियों को
गिरफ्तार अभ्यर्थियों ने एसटीएफ को बताया कि आर्मी की भर्ती परीक्षा की तैयारी के दौरान ही कुछ छात्रों ने बताया कि आगरा के एके सिंह और दिल्ली के कुणाल नकल कराने वाले गिरोह से जुड़े हैं। इनसे संपर्क करने पर तय हुआ कि 30 हजार रुपये तक की डिवाइस लेनी पड़ेगी। फिर साल्वर की मदद से इस डिवाइस के जरिये नकल कराने के लिये पांच लाख रुपये लिये जायेंगे। इन चारों ने एके सिंह व कुणाल को रुपये देकर डिवाइस लिया था। इस डिवाइस को लेकर ही ये लोग परीक्षा कक्ष में पहुंचे थे।
साल्वर बाहर बैठाये गये थे
आरोपितों ने एसटीएफ को बताया था कि उन्हें पेपर से सवाल ब्लूटूथ के जरिये बाहर साल्वर को बताने थे, फिर वह उनके सही जवाब बताता। यही तय हुआ था। उन लोगों से कहा गया था कि साल्वर परीक्षा कक्ष के बाहर ही रहेंगे। सारे सवाल हल होने के बाद गिरोह के एजेन्ट आकर रुपये ले लेते। पर, उससे पहले ही अभ्यर्थी पकड़ गये। अभ्यर्थियों के पकड़े जाते ही साल्वर व गिरोह के अन्य सदस्य फरार हो गये। इन सबने अपने मोबाइल भी बंद कर लिये थे।
एसटीएफ और आर्मी इंटेलीजेंस टीम ने तीन घंटे तक लगातार चारों अभ्यर्थियों से अलग-अलग और एक साथ बैठाकर पूछताछ की। इस दौरान यह जानने की कोशिश हुई कि इस गिरोह के सम्पर्क में कितने लोग थे। कितने अभ्यर्थियों से रकम वसूली जा चुकी थी। इस बारे में इन चारों को ज्यादा नहीं पता था। उनका सामना साल्वर से परीक्षा के बाद कराने को कहा गया था। अभ्यर्थियों के मोबाइल की कॉल डिटेल के आधार पर एसटीएफ कुछ और लोगों का पता लगा रही है। साथ ही फरार एके सिंह व कुणाल की तलाश की जा रही है।