पूर्व विधायक राजन तिवारी फतेहगढ़ जेल से हुए रिहा, 18 अगस्त को पुलिस ने किया था गिरफ्तार
यूपी के टॉप माफियाओं की सूची में शामिल पूर्व विधायक राजेंद्र उर्फ राजन तिवारी को गोरखपुर कोर्ट से जमानत मिल गई है। 18 अगस्त को राजन तिवारी को गोरखपुर SOG व कैंट पुलिस टीम ने बिहार से गिरफ्तार किया था।
यूपी के टॉप 45 माफियाओं की सूची में शामिल पूर्व विधायक राजेंद्र उर्फ राजन तिवारी को गोरखपुर कोर्ट से जमानत मिल गई है। अपर सिविल जज सीनियर डिविजन द्वितीय और अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट से अलग-अलग दो मामलों में राजन को बीस हजार रुपये के बंधपत्र के साथ सशर्त जमानत दी गई है। जमानत का आदेश पहुंचने के बाद मंगलवार को राजन तिवारी को फतेहगढ़ जेल से रिहा कर दिया गया।
जानकारी के मुताबिक, 18 अगस्त को राजन तिवारी को गोरखपुर एसओजी व कैंट पुलिस टीम ने बिहार के रक्सौल के पास से गिरफ्तार किया था। राजन के खिलाफ कैंट थाने में दर्ज गैंगस्टर के मुकदमे में वांछित थे और करीब 60 से ज्यादा एनबीडब्ल्यू कोर्ट से जारी हो चुका था। एडीजी के अखिल कुमार के निर्देश पर एसएसपी के आदेश पर एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई के निगरानी और सीओ कैंट श्याम विंद के नेतृत्व में टीम बनाई गई थी।
पुलिस टीम ने बिहार-नेपाल बार्डर पर रक्सौल के पास से राजन तिवारी को गिरफ्तारी की थी। बाद में पुलिस ने सरकारी काम में बांधा डालने और धमकी देने का भी कैंट थाने में केस दर्ज किया था। आरोप है कि पेशी पर ले जाते समय से जेल से छूटने पर राजन ने पुलिस वालों को जान से मारने की धमकी दी थी। राजन तिवारी को गोरखपुर जेल से फतेहगढ़ सेंट्रल जेल भेज दिया गया था। रिहाई का आदेश जेल पर पहुंचने के बाद मंगलवार को राजन तिवारी को रिहा कर दिया गया।
हत्या के मुकदमे में भी राजन तिवारी बरी
ठेकेदार विवेक सिंह हत्याकांड में भी राजन के पक्ष में फैसला आया है। ठेकेदार विवेक सिंह की वन विभाग के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में श्रीप्रकाश शुक्ला सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज हुआ था जिसमें राजन तिवारी को भी आरोपित बनाया गया था। श्रीप्रकाश शुक्ला व अन्य को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था जबकि राजन तिवारी के मामले में केस ट्रायल पर चल रहा था।
राजन के अधिवक्ता निलय कुमार मिश्र ने बताया कि विवेक सिंह की हत्या में राजन तिवारी को कोर्ट ने दोष मुक्त कर दिया है। राजन तिवारी के ऊपर कैंट थाने में हत्या का दो केस दर्ज था। पहला वीरेन्द्र शाही पर हमला और उनके गनर की हत्या तथा दूसरा ठेकेदार विवेक सिंह की हत्या। दोनों हत्या कुछ दिन के अंतराल में ही हुई थी। वीरेन्द्र शाही पर हमला और गनर पर हत्या में राजन तिवारी को कोर्ट ने पहले ही दोष मुक्त कर दिया था। विवेक सिंह हत्या कांड का ट्रायल चल रहा था जिसमें अब दोष मुक्त किया गया है।