‘डुबो देता है कोई नाम...', वित्त मंत्री की इस बात पर खिलखिला हंस पड़े योगी, मुस्कुरा कर रह गए अखिलेश
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट भाषण में कई बार शेरो-शायरी के जरिए विपक्ष पर जमकर कटाक्ष किए। इस दौरान सीएम योगी खिलखिला कर हंसते नज़र आए तो नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव मुस्कुरा कर रह गए।
UP Budget 2024: यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सोमवार को योगी सरकार का आठवां बजट विधानसभा में पेश किया। उन्होंने बजट भाषण में कई बार शेरो-शायरी के जरिए मोदी-योगी की सराहना की तो विपक्ष पर जमकर कटाक्ष किए। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खिलखिला कर हंसते नज़र आए तो नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव मुस्कुरा कर रह गए। यूपी के पिछले बजट भाषणों में भी शायरी का तड़का लगता रहा है।
‘डुबो देता है कोई नाम तक भी खानदानों का, किसी के नाम से मशहूर होकर गांव चलता है’...
विधानसभा में सोमवार को वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने बजट भाषण को जब उपरोक्त पक्तियों के साथ खत्म किया तो इसमें विपक्ष पर छिपे कटाक्ष पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खिलखिला पड़े तो सामने बैठे नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव भी मुस्कुरा कर रहे गए। वह वक्त वाद विवाद का नहीं था।
8वें बजट भाषण पर वित्त मंत्री के बजट भाषण से मुख्यमंत्री योगी काफी खुश नज़र आए। उन्होंने वित्त मंत्री की हौसला आफजाई भी की। इससे पहले बजट भाषण पढ़ते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ के कामकाज को इन शब्दों में बयां किया गया-‘हौसले जब दिल में मचलते हैं आंधियों से चिराग चलते हैं।' बात जब मुख्यमंत्री की कर्मठता व उनकी भविष्यलक्षी दूरदृष्टि की आई तो वित्तमंत्री ने कुछ यूं शेर पढ़ा-
‘तुम्हारी शख्सियत से यह सबक लेंगी नई नस्लें
वहीं मंजिल पर पहुंचा है जो अपने पांव चलता है,,,
सात साल में यूपी की अर्थव्यस्था व प्रति व्यक्ति आय दुगनी हो गई। इसी बात को आगे बढ़ाते हुए वित्तमंत्री ने मुख्यमंत्री की कामयाबी को इन शब्दों में बयां किया-
पैदा नजर नजर में एक ऐसा मुकाम कर
दुनिया सफर करे तेरे दामन को थाम कर
जब बात मुख्यमंत्री के नेतृत्व में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार व आयुष्मान कार्डों के वितरण की आई तो इसे अन्य राज्यों के लिए मिसाल बताया गया। इस बात को बजट भाषण में कुछ यूं पिरोया गया
‘मुक्त हूं कर्तव्य की चिंताओं से
दर्द से दुख से मुझे आराम है
यह हमारे ऐश्वर्य का पैगाम है’
पिछले वर्षों के बजट में इस तरह पेश हुईं भावनाएं
2023-24
हमने तो समंदर के रुख बदले है, मोदी-योगी ने सोचने के सलीके बदले हैं, आप कहते थे कुछ नहीं होगा, हमने आपके भी सोचने के तरीके बदले हैं।
2022-23
वह पथ क्या, पथिक कुशलता क्या, जिस पथ में बिखरे शूल न हों, नाविक की धैर्य की परीक्षा क्या, जब धाराएं प्रतिकूल न हों
2021-22
प्यार का रास्ता यह ढूगे यह सभा,खूब बरसेगी इस जमी पर रहमत की घटा, मोहतरिम सदर जिस बज्म के खुद हो योगी, चारों ओर फैलेगी विकास की सुहानी छटा
2020-21
गैर परो से उड़ सकते हैं हद के हद दीवारों तक
अंबर तक वहीं उड़ेंगे जिनके अपने पर होंगे