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यूपी में बाढ़ ने शुरू की तबाही, लगातार बढ़ रहा नदियों का जलस्तर, शाहजहांपुर में सेना ने संभाली कमान, सात लोगों की मौत

यूपी में बाढ़ की विभीषिका लगातार गहराती जा रही है। लखीमपुर, शाहजहांपुर, पीलीभीत बाराबंकी समेत प्रदेश के कई जिलों में नदी के किनारे बसे गांवों में पानी घुस गया है। गांव में बाढ़ से हाहाकार मचा है।

Dinesh Rathour विशेष संवाददाता, लखनऊWed, 10 July 2024 04:33 PM
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यूपी में बाढ़ की विभीषिका लगातार गहराती जा रही है। सिंचाई विभाग के बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार घाघरा नदी का जलस्तर अयोध्या में, बलिया में तुर्तीपार और श्रावस्ती में भिन्गा में लगातार बढ़ता जा रहा है। अलग-अलग जिलों में करीब सात लोगों की डूबने से मौत हो गई है। लखीमपुर खीरी और शारदानगर में शारदा नदी, बाराबंकी के एल्गिनब्रिज पर घाघरा, बलरामपुर में राप्ती, सिद्धार्थनगर के ककरही में बूढ़ी राप्ती और गोण्डा में क्वानो नदी खतरे के निशान के पार बह रही हैं। बलरामपुर में राप्ती नदी का जलस्तर घट रहा है, फिर भी नदी खतरे के निशान से 26 सेमी ऊपर बह रही है। करीब डेढ़ सौ से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित है। नदियों में उफान आने की वजह से आई बाढ़ में डूबकर बुधवार को बदायूं, पीलीभीत और बरेली में एक-एक युवक की मौत हो गई जबकि लखीमपुर खीरी में डूबने से दो युवकों की मौत हो गई। बारिश को लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं शाहजहांपुर जिले की खन्नौत नदी ने भी तबाही मचानी शुरू कर दी है। नदी में बढ़ते पानी को देखकर यहां सेना ने कमान संभाली है। नदी में बढ़ते पानी को देखकर यहां सेना ने कमान संभाली है।

गोंडा के खोड़ारे थानाक्षेत्र के एक गांव में निमंत्रण में जा रहे बस्ती निवासी चाचा-भतीजे के बिसुही नदी के तेज बहाव में बह गए। गोताखोरों ने नदी में तलाश शुरू की तो बाइक बरामद हो गई लेकिन दोनों का पता नहीं चला। सरयू और घाघरा में आए उफान में दर्जनों मजरे बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं। बुधवार को खतरे के निशान से 57 सेमी ऊपर जा चुकी घाघरा के जलस्तर में दोपहर बाद दो सेमी की कमी दर्ज की गई। उधर लाल निशान से 27 सेमी ऊपर पहुंचने बाद सरयू बुधवार को दिनभर स्थिर रही। नवाबगंज के माझा क्षेत्र में बाढ़ का पानी निरन्तर फैलता जा रहा है।

'हिन्दुस्तान' के गोरखपुर कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार नेपाल से आ रहे पानी का असर सरयू और राप्ती नदी में देखने को मिल रहा है। सरयू लगातार खतरे के निशान के पार बह रही है जबकि, राप्ती लाल निशान के बेहद करीब पहुंच गई है। सरयू का जलस्तर बुधवार की शाम को अयोध्या में खतरे के निशान से 27 सेंटीमीटर ऊपर दर्ज किया गया जबकि राप्ती बर्डघाट में लाल निशान से महज आठ सेंटीमीटर नीचे है। दूसरी तरफ रोहिन नदी के जलस्तर में पिछले 24 घंटे में 61 सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गई है।

 सिद्धार्थनगर में बूढ़ी राप्ती खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है जबकि राप्ती नदी लाल निशान से महज 32 सेमी नीचे है। नदियों के जलस्तर में बढ़त से कई मार्गों पर बाढ़ का पानी दो से तीन फुट भर गया है। चार दर्जन से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों को नाव से निकाला गया है। शोहरतगढ़ क्षेत्र में एसडीआरएफ ने मोर्चा संभाल लिया है। वह राहत व बचाव के काम में जुटी है।

मुरादाबाद मंडल की कई नदियां उफान पर

उत्तराखंड के पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से मुरादाबाद मंडल की कई नदियां उफान पर है। रामपुर में जहां पीलाखार नदी में बढ़े पानी से आसपास के दर्जन भर से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं। वहीं मुरादाबाद में कोसी और ढेला में जलस्तर बढ़ने से मूंढापांडे, कुंदरकी, ठाकुरद्वारा के करीब 18 गांव पानी से घिर गए हैं। दूसरी तरफ अमरोहा में बीते दो दिनों से थमी बारिश के कारण कुछ राहत की स्थिति है। यहां तिगरी गंगा का जलस्तर 40 सेमी और घट गया है। पानी से घिरे खादर क्षेत्र के कई गांवों में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। संभल में रजपुरा विकासखंड में गंगा का जलस्तर बढ़ने से आसपास के क्षेत्रों के लोगों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। मंडल के चारों जिलों में प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को अलर्ट करने के साथ ही प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी को टीमें बना दी हैं।

रामपुर में पीलाखार नदी के उफान से केमरी के दर्जन भर से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं। हालांकि इन गांवों को जाने वाले संपर्क मार्गों पर कुछ जगह बाढ़ का पानी उतर रहा है। लेकिन कुछ गांवों में नदियों का पानी अंदर घुस चुका है। रास डंडिया, पजाबा, हींगानगला, गदईया, खानपुर, मेघानगला जदीद, आदपुर, मेनी, पशुपुरा, बेहटा, बिढ़ऊ सहित आदि गांव बाढ़ की चपेट में हैं। मिलक एसडीएम राजेश कुमार ने बताया कि पीलाखार नदी का जल स्तर काफी बढ़ गया है। जिससे गांवों में बाढ़ जैसे हालत पैदा हो गए हैं। क्षेत्र में बनी दोनों बाढ़ चौकियों को अलर्ट पर रखा गया है। साथ ही प्रभावित गांवों में 12 टीमें निगरानी रख रहीं हैं। 

मुरादाबाद में भी कोसी और ढेला नदी में जल स्तर बढ़ने से मूंढापांडे, कुंदरकी, ठाकुरद्वारा के करीब 18 गांव पानी से घिर गए हैं। बुधवार को पानी उतारना शुरू हो गया पर अभी दुश्वारियां बरकरार हैं। जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग पशुपालन की संयुक्त टीम में भ्रमण कर रही हैं। बचाव के इंतजाम किए जा रहे हैं, मछरिया अक्का दिलारी, वीरपुर बरियार, रनिया ठेर, रसूलपुर दौलतपुर, अहमदनगर, पैंदापुर, गदाई खेड़ा जैसे गांव में पहुंच मार्ग के ऊपर पानी बह रहा है। जिससे ग्रामीणों को समस्या हो रही है, आपदा प्रबंधन के लिए आज से जिला प्रशासन की टीम बाढ़ प्रभावित गांवों में भ्रमण कर रही हैं। 

तिगरी गंगा का घटा जलस्तर

अमरोहा में और जगहों की अपेक्षा कुछ राहत की स्थिति है। यहां तिगरी गंगा का जलस्तर 40 सेमी और घट गया है। बुधवार को जलस्तर 199.30 सेमी दर्ज किया गया जबकि मंगलवार को जल स्तर 199.70 सेमी था। दो दिन पहले गंगा का जल स्तर बढ़ने से खादर क्षेत्र कई गांव में पानी भर गया था। साथ ही पांच गांव का संपर्क भी गजरौला से टूट गया था। जलस्तर कम होने पर स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। गांव में पानी सूख गया है। हालांकि अभी कीचड़ पसरी हुई है। कई स्थानों पर खेतों के अंदर अभी भी पानी भरा हुआ है। बाढ़ खंड के जेई सुभाष कुमार के मुताबिक जलस्तर अभी और घटने की संभावना है। इसके अलावा संभल में रजपुरा विकासखंड को छोड़कर बाकी जगह स्थित सामान्य है। यहां मोलनपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ने से पानी नंदी विहार में घुस गया है। नंदी विहार में संरक्षित सभी पशुओं को जिले भर के सभी ब्लॉकों में बनी गोशालाओं में भेजा जा रहा है।

कानपुर में उमस ने किया बेहाल

बुंदलेखंड और सेंट्रल यूपी में बुधवार को कहीं हल्की बारिश हुई तो कहीं बौछारें पड़ीं। कानपुर में दोपहर तक जबर्दस्त उमस रही पर शाम को घने बादलों ने मौसम बदल दिया। कानपुर में अधिकतम तापमान 35 और न्यूनतम 28 डिग्री रहा। उधर, आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में 14 जुलाई तक बारिश होने या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने का सिलसिला जारी रहेगा। बीते 24 घण्टों के दरम्यान बस्ती के रुदौली में सबसे अधिक नौ सेंटीमीटर बारिश रिकार्ड की गई। इसके अलावा गाजीपुर में पांच, सिद्धार्थनगर के बांसी में पांच, सिद्धार्थनगर तहसील, हाथरस के सिकन्दराराव, इटावा के भर्थना में चार-चार, महाराजगंज के नौतनवां, लखनऊ, कानपुर देहात के एंकिनघाट में तीन-तीन, सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़, डुमरियागंज, अयोध्या, जालौन के कोंच, बागपत के खेकड़ा में दो-दो सेण्टीमीटर बारिश दर्ज की गई।

आकाशीय बिजली का कहर, 50 मरे

पिछले चौबीस घण्टों में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आकाशीय बिजली गिरने से कुल 50 लोगों की मौत हो गई।  कानपुर देहात और हमीरपुर में आकाशीय बिजली से दो-दो लोगों की मौत हो गई, जबकि महोबा और उरई में एक-एक की जान गई। अमेठी में दोपहर बाद बारिश में मुंशीगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत कुड़वा गांव में आकाशीय बिजली की चपेट में आकर गुड्डा (56)की मौत हो गई। पीपरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत केशवपुर में 18 वर्षीय युवक युवराज पाल की बकरी चराते समय आकाशीय बिजली की चपेट में आ जाने से मौत हो गई। पूर्वांचल में आकाशीय बिजली से सात, सुल्तानपुर में सात, मैनपुरी में पांच, कानपुर में छह, अमेठी में दो, हाथरस, सिद्धार्थनगर, देवरिया और बरेली में एक-एक मौत की खबर है।

सुलतानपुर में बिजली गिरने से सात की मौत

सुलतानपुर में बुधवार को आकाशीय बिजली गिरने से सात लोगों की मौत हो गई। चांदा थाना के राजा उमरी में एक युवती व एक किशोर व बसुही गांव में एक किशोरी की आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई। जयसिंहपुर के डीह भिखारी मैरी रंजीत गांव में बिजली गिरने से दो लोगों की जान गई। गोसांईगंज थाना क्षेत्र के दर्जीपुर और कादीपुर कोतवाली के मैनेपारा गांव में बिजली गिरने से एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। 

प्रतापगढ़, प्रयागराज में 13 लोगों की मौत

बुधवार शाम को बारिश के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से प्रतापगढ़ में 10 लोगों की मौत हो गई। इनमें पांच महिलाएं और एक अधिवक्ता थे। वज्रपात से प्रयागराज देहात क्षेत्र में 03 लोगों की मौत हो गई। इनमें एक गंगापार और दो मौत यमुनापार में हुईं।

शाहजहांपुर में खन्नौत नदी ने मचाई तबाही

शाहजहांपुर के शहरी क्षेत्र में मंगलवार रात से ही खन्नौत और गर्रा नदी के बाढ़ का पानी पहुंचने लगा था। बुधवार सुबह होते-होते सड़कों से लेकर घरों तक में पानी घुस गया। शहर के 11 वार्डों के 20 से 25 मोहल्ले के हजारों लोग इसकी चपेट में आ गए। पीएसी की डेढ़ कंपनी फ्लड यूनिट के साथ स्थानीय पुलिस-प्रशासन भी राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लाने के लिए फर्रुखाबाद व बदायूं से 10 नावें मंगाई गई। दोपहर होते-होते हालात बेकाबू होते देख प्रशासन ने सेना से मदद मांगी। इसके बाद मद्रास रेजीमेंट के दो यूनिट के जवान राहत व बचाव कार्य में जुट गए। सेना के जवानों ने मोटरबोट के जरिए बाढ़ के पानी में फंसे लोगों को निकालना शुरू किया। वहीं, पलिया हाईवे स्थित पुराने पुल से भारी वाहनों का यातायात रोक दिया गया है। तिलहर तहसील के कुछ गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, जिस पर प्रशासन नजर रख रहा है।

पीलीभीत और बदायूं के भी कई गांव बाढ़ से घिरे

पीलीभीत में ट्रांस शारदा क्षेत्र और जिला मुख्यालय में बाढ़ के बाद अब बीसलपुर क्षेत्र बाढ़ की चपेट में आ गया है। यहां हाईवे पर आए पानी की वजह से बरेली-बीसलपुर मार्ग पर यातायात प्रभावित हो गया है। बदायूं में गंगा के बाद रामगंगा का जलस्तर भी बढ़ने लगा है। इसके कारण नदी के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का पानी पहुंचने से परेशानी बढ़ गई है। वहीं, लखीमपुर खीरी में बुधवार को हालात जस के तस रहे। प्रशासन की टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी रही।

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