पॉश इलाकों में ही नहीं सारे शहर में महंगे हो जाएंगे फ्लैट, नए सर्किल रेट के प्रस्तावों पर आपत्तियों की भरमार
कानपुर के शहरी क्षेत्र के लिए नए सर्किल रेट के प्रस्तावों पर रविवार को आपत्तियां दाखिल करने का समय खत्म हो गया। आखिरी दिन तक कुल 48 आपत्तियां दर्ज कराई गईं हैं। अकेले रविवार को 6 आपत्तियां दर्ज हुईं।
कानपुर के शहरी क्षेत्र के लिए नए सर्किल रेट के प्रस्तावों पर रविवार को आपत्तियां दाखिल करने का समय खत्म हो गया। आखिरी दिन तक कुल 48 आपत्तियां दर्ज कराई गईं हैं। इसमें अकेले रविवार को छह आपत्तियां दर्ज हुईं। सबसे ज्यादा आपत्ति और विरोध नोएडा और गाजियाबाद की तर्ज पर ग्रुप हाउसिंग स्कीम के अंतर्गत आने वाली जमीनों के रेट में 30 प्रतिशत बढ़ोतरी का है। आपत्ति करने वालों का कहना है कि ऐसे तो सिर्फ पॉश इलाको के ही ही नहीं बल्कि समूचे शहर में बने फ्लैट महंगे हो जाएंगे। चाहे वो फ्लैट यशोदा नगर जैसे बाहरी इलाके में बने हों या स्वरूप नगर में बनाए गए हों।
आपत्तियों में यह भी कहा गया है कि नोएडा और गाजियाबाद की स्थिति कानपुर से अलग है। वहां बहुमंजिला फ्लैटों की भरमार है। बल्कि वहां के अधिकांश इलाकों में ऐसी स्कीम है। कानपुर में कम आय वर्ग के लोग ज्यादा हैं। अगर यहां सारे फ्लैट महंगे हो गए तो आम आदमी की पहुंच से बाहर हो जाएंगे।
इन प्रस्तावों का भी व्यापक विरोध दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा आपत्ति एक साथ बड़े भूखंडों को खरीदने पर रजिस्ट्री में मिलने वाली छूट खत्म करने का है। पहले बल्क में एक हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल की जमीन खरीदने पर रजिस्ट्री में छूट मिलती थी। अब यह छूट कम हो गई है। तीसरे नंबर पर सबसे ज्यादा आपत्ति व्यवसायिक संपत्ति से 50 मीटर दूरी व करीब में आवासीय संपत्ति पर रेट बढ़ोत्तरी पर आई है। अभी तक ऐसी व्यवस्था नहीं थी कि व्यावसायिक संपत्ति (मॉल, शॉपिंग काम्पलेक्स) आदि के बगल में आवासीय संपत्ति खरीदने पर सर्किल रेट बढ़ जाए। क्षेत्र के सर्किल रेट के हिसाब से ही जमीन की कीमत हुआ करती थी। अब व्यावसायिक संपत्ति के ठीक बगल में आवासीय जमीन लेने वाले को नए सर्किल रेट का 50 प्रतिशत और 50 मीटर की दूरी पर आवासीय संपत्ति लेने पर 30 प्रतिशत देना होगा। अधिवक्ताओं ने इसका व्यापक विरोध किया है। सिविल लाइंस, आर्य नगर और जनरलगंज के लोगों ने ज्यादा आपत्तियां दर्ज कराई हैं क्योंकि इन्हीं का सर्किल रेट ज्यादा बढ़ाना है।
शहर के प्रमुख इलाकों में प्रस्तावित पुरानेऔर नए सर्किल रेट (प्रति वर्ग मीटर)
इलाके वर्तमान बढ़ी दरें
जनरलगंज 49600 से 63500 65 से 83 हजार
बिरहानारोड 49700 से 63500 65 से 83 हजार
मालरोड 49700 से 63600 65 से 83 हजार
स्वरूपनगर 52000 से 56000 62 से 68 हजार
गोविंद नगर 27900 से 44100 38 से 65 हजार
जूही 14200 से 24200 18 से 28 हजार
लाजपतनगर 38900 से 46800 51 से 65 हजार
साकेत नगर 21000 से 32000 27 से 42 हजार
बर्रा 19000 से 28000 25 से 36 हजार
आज शाम तक कमेटी करेगी आपत्तियों का निस्तारण
अब सोमवार की शाम तक सभी एडीएम फाइनेंस की अध्यक्षता में गठित कमेटी सभी आपत्तियों का निस्तारण करेगी। आपत्तिकर्ताओं को बुलाया जाएगा। रजिस्ट्री विभाग ने नौ साल बाद शहरी क्षेत्र में करीब 35 फीसदी सर्किल रेट बढ़ाना प्रस्तावित किया है। नए सर्किल रेट को लेकर 14 से 28 जुलाई तक आपत्ति मांगी गई थी।
भाजपा के ही विधायकों और एमएलसी ने भी दर्ज कराई आपत्ति
भाजपा के ही एमएलसी और विधायकों ने भी आपत्ति दर्ज कराई है। एमएलसी अरुण पाठक ने बल्क में जमीन खरीदने पर छूट का विरोध किया है। विधायक महेश त्रिवेदी ने किदवई नगर में सर्किल रेट बढ़ाए जाने का विरोध किया है। विधायक अमिताभ बाजपेई ने ग्रामीण इलाकों का सर्किल रेट न बढ़ाने को किसानों के साथ छलावा बताया है। उनका कहना है कि ग्रामीण इलाकों में इसलिए सर्किल रेट नहीं बढ़ाया जा रहा क्योंकि किसानों को ज्यादा पैसा देना पड़ेगा। यह भेदभाव है। विधायक सुरेन्द्र मैथानी की आपत्ति है कि सर्किल रेट बढ़ने से जमीन और मकानों की कीमतों में भी वृद्धि होगी। इससे गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए घर खरीदना भी मुश्किल होगा। किराए में भी वृद्धि होने की संभावना है। जिससे गरीबों और किराए पर रहकर काम धंधा, नौकरी पेशा करने वालों के जीवनयापन में भारी कठिनाई आएगी।
क्या बोले एआईजी स्टाम्प
एआईजी स्टाम्प श्याम सिंह बिसेन ने कहा कि रविवार को रजिस्ट्री कार्यालय खोलकर आपत्ति ली गई है। अब तक 48 आपत्ति आ चुकी है। अब सोमवार को सभी आपत्तिकर्ताओं के साथ अफसरों की बैठक होगी। उसमे सभी आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा, फिर आपत्ति को समाहित करके नया सर्किल रेट लागू किया जाएगा।