तीसरी लहर में गोरखपुर में पहली बार दो बच्चों की मौत, BRD प्राचार्य ने कहा-देरी से ले आए थे परिवारीजन
कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक बनती जा रहा है। जैसे-जैसे संक्रमण का प्रसार हो रहा है बच्चे इसके शिकार हो रहे हैं। बीते 24 घंटे में बीआरडी मेडिकल कालेज में दो बच्चों की संक्रमण से इलाज के...
कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक बनती जा रहा है। जैसे-जैसे संक्रमण का प्रसार हो रहा है बच्चे इसके शिकार हो रहे हैं। बीते 24 घंटे में बीआरडी मेडिकल कालेज में दो बच्चों की संक्रमण से इलाज के दौरान मौत हो गई। एक की उम्र पांच साल व दूसरे की 12 साल है। मृतकों में बच्ची गोपालगंज, बिहार की है।
बस्ती के रहने वाले पांच साल के बच्चे की तबीयत शनिवार को खराब हुई थी। बस्ती के जिला अस्पताल से उसे बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। परिजन उसे लेकर पहुंचे तो मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिक वार्ड में भर्ती के दौरान उसकी कोविड जांच की गई। रिपोर्ट पॉजिटिव मिली इसके बाद उसे कोविड वार्ड में भर्ती किया गया। वहीं बिहार के गोपालगंज निवासी 12 वर्षीय बच्ची को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी।
बीते मंगलवार को परिजन उसे लेकर गोरखपुर पहुंचे। एक निजी अस्पताल में जांच के दौरान कोरोना के संकेत मिले। परिजन उसे लेकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। यहां पर आरटीपीसीआर से जांच में कोविड की तस्दीक हुई। इसके बाद उसे पीडियाट्रिक वार्ड के बजाए बच्चों के लिए संचालित हो रहे कोविड वार्ड में भर्ती किया गया। यहां दोनों की तबीयत बिगड़ने लगी। मंगलवार से ही उनकी सांसें उखड़ने लगीं। बस्ती निवासी मासूम की मंगलवार की रात को मौत हो गई। वहीं गोपालगंज, बिहार निवासी बालिका ने बुधवार को दम तोड़ दिया। दो बच्चों की मौत के बाद हड़कंप मच गया। कोविड प्रोटोकाल और इलाज की समीक्षा की गई। दोनों बच्चों की मौत के बाद डेथ ऑडिट का फैसला किया गया है।
कोरोना मरीजों की जांच के डाटा फीडिंग में चूक का खामियाजा स्वास्थ्य महकमे को भुगतना पड़ रहा है। बुधवार को जिले में तीन संक्रमितों के मौत की सूचना मिली। तीनों ही मौतें गोरखपुर के खाते में दर्ज हैं जबकि तीनों संक्रमित दूसरे जिलों के रहने वाले हैं। इनमें एक बिहार का संक्रमित था। तीनों ने गोरखपुर में जांच कराई। इस वजह से उनकी मौतों का डाटा गोरखपुर के खाते में शामिल हो गया। कोविड जांच के नोडल अधिकारी डॉ. एके सिंह ने बताया कि यह डाटा फीडिंग में चूक की वजह से हो रहा है। इसके लिए बीआरडी को सूचित किया गया है।
दो संक्रमित बच्चों की इलाज के दौरान मौत हुई है। बालिका कोविड वार्ड में 16 घंटे ही जीवित रही, जबकि मासूम 56 घंटे जीवित रहा। परिजन देर में मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे। तब तक हालत सीरियस हो चुकी थी। इसलिए बचाया नहीं जा सका।