Covid-19: बीआरडी में पहली बार संक्रमित को चढ़ाया गया प्लाज्मा
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में गुरुवार को प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत कर दी गई। आइसीयू नंबर चार में भर्ती एक 55 वर्षीय मरीज को यह थेरेपी विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपस्थिति में दी गई। मरीज को सांस फूलने की तकलीफ...
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में गुरुवार को प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत कर दी गई। आइसीयू नंबर चार में भर्ती एक 55 वर्षीय मरीज को यह थेरेपी विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपस्थिति में दी गई। मरीज को सांस फूलने की तकलीफ थी। वह एक हफ्ते से वार्ड में भर्ती है।
डॉक्टरों ने चार दिन पहले उसका चयन किया। उसके सेहत की जांच कराई गई। बुधवार तक डॉक्टरों ने जांच की प्रक्रिया पूरी कर ली। इसके बाद गुरुवार को दोपहर लगभग दो बजे थेरेपी शुरू हुई। यह प्रक्रिया चार बजे तक चली।
मेडिसिन के डॉक्टरों की निगरानी में है मरीज
बतया जा रहा है कि प्लाज्मा थेरेपी के बाद से मरीज की हालत स्थिर है। मेडिसिन के डॉक्टरों की टीम मरीज की निगरानी कर रही है। प्राचार्य के मुताबिक मरीज 24 घंटे आईसीयू में डॉक्टरों की निगरानी में रहेगा। खबर लिखे जाने तक मरीज के शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नजर नहीं आया था। इससे डॉक्टरों ने राहत की सांस ली।
ओ ग्रुप का है मरीज
मरीज का ब्लड ग्रुप ओ है। उसे उसी ब्लड ग्रुप का प्लाज्मा चढ़ाया गया है। शुक्रवार को मरीज को एक और यूनिट प्लाज्मा चढ़ाया जा सकता है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में इस समय तीन यूनिट प्लाज्मा बचे हुए हैं। कुल चार यूनिट थे, जिसमें से एक गुरुवार को एक मरीज को चढ़ा दिया गया। संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे प्लाज्मा का दान करें।
28 दिन बाद कर सकते हैं दान
कोई भी कोरोना संक्रमित मरीज ठीक होने के बाद 28 दिन बाद प्लाज्मा का दान कर सकता है। इसके लिए एफेरेसिस मशीन की आवश्यकता होती है, जो अभी बीआरडी के पास नहीं है। इसलिए दानदाताओं को फातिमा अस्पताल जाना पड़ेगा।
बोले प्राचार्य
एक कोरोना संक्रमित को प्लाज्मा चढ़ाया गया। मरीज पर इसका कोई दुष्प्रभाव अभी तक नहीं दिखा है। उसकी निगरानी चल रही है। लोगों को प्लाज्मा दान के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है।
डॉ. गणेश कुमार, प्राचार्य, बीआरडी मेडिकल कॉलेज