देश में पहली बार AIIMS में प्राकृतिक चिकित्सा, गोरखपुर के आरोग्य मंदिर से होगा करार
पूर्वांचलवासियों के लिए अहम खबर है। पूर्वी यूपी के एम्स में जल्द ही प्राकृतिक चिकित्सा से इलाज होगा। इस सुविधा वाला यह देश का पहला एम्स होगा। इसके लिए एम्स प्रशासन और आरोग्य मंदिर के बीच करार भी होगा।
AIIMS News: पूर्वांचलवासियों के लिए अहम खबर है। पूर्वी यूपी के एम्स में जल्द ही प्राकृतिक चिकित्सा से इलाज होगा। इस सुविधा वाला यह देश का पहला एम्स होगा। इसके लिए एम्स प्रशासन और आरोग्य मंदिर के बीच करार भी होगा। जल्द ही दोनों संस्थानों के प्रमुख औपचारिक वार्ता भी करेंगे।
पूर्वी यूपी में एम्स का लगातार विस्तार हो रहा है। करीब 730 बेड वाले एम्स में आयुष विंग का संचालन शुरू हो गया है। आयुष विंग में 30 बेड हैं। यहां आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, तिब्बी और सिद्धा पद्धतियों से इलाज चल रहा है। इन पांच विधाओं को संचालित करने वाला यह देश का एकमात्र एम्स है। गैर परंपरागत चिकित्सा की तरफ मरीजों का रुझान देखकर एम्स प्रशासन ने प्राकृतिक चिकित्सा को भी इसमें शामिल करने का फैसला किया है। ज्यादातर एम्स के आयुष विंग में सिर्फ आयुर्वेद और होम्योपैथी से ही इलाज होता है। प्राकृतिक चिकित्सा के साथ एम्स में मरीजों को योग भी सिखाया जाएगा।
आरोग्य मंदिर से होगा करार डॉ. सुरेखा
एम्स की कार्यकारी निदेशक डॉ. सुरेखा किशोर ने बताया कि उत्तर भारत में प्राकृतिक चिकित्सा का सबसे बड़ा केंद्र आरोग्य मंदिर है। एम्स में प्राकृतिक चिकित्सा की शुरुआत करने में आरोग्य मंदिर की मदद ली जाएगी। इसके लिए आरोग्य मंदिर के प्रबंधन से औपचारिक वार्ता की जाएगी। दोनों पक्षों में एमओयू भी होगा। वहीं आरोग्य मंदिर के निदेशक डॉ. विमल मोदी भी इसे लेकर खासे उत्साहित हैं।
चिकित्सा के साथ मिल सकती है शिक्षा
एम्स प्रशासन प्राकृतिक चिकित्सा के साथ ही उसकी शिक्षा को भी बढ़ावा देना चाहता है, जिससे पूर्वी यूपी के साथ समूचे उत्तर भारत में इस गैर परंपरागत चिकित्सा का विस्तार हो सके। एम्स इसका नोडल सेंटर बन सके। एम्स प्रशासन इस ओर भी रुचि दिखा रहा है।