VIDEO: घनी आबादी में सोल फैक्टरी में आग, धमाकों के साथ फटे केमिकल के ड्रम, दो कार और तीन साइकिल जलीं
आगरा की घनी आबादी क्षेत्र स्थित टीला नंदराम (मंटोला) में शनिवार की दोपहर जूते के सोल पर रंग करने वाली फैक्टरी में आग लग गई। फैक्टरी में कैमिकल के ड्रम रखे थे। ड्रम धमाकों के साथ फटे।
कानपुर, प्रयागराज के बाद आगरा की फैक्ट्री में लगी आग ने जमकर तबाही मचाई। घनी आबादी क्षेत्र स्थित टीला नंदराम (मंटोला) में शनिवार की दोपहर जूते के सोल पर रंग करने वाली फैक्टरी में आग लग गई। फैक्टरी में कैमिकल के ड्रम रखे थे। ड्रम धमाकों के साथ फटे। इलाके में दहशत फैल गई। फैक्टरी की पिछली दीवार से सटी मुंडापाड़ा बस्ती में दस मकान खाली कराए गए। चार मकानों में दरारें आ गईं। दमकल की आठ गाड़ियों ने ढाई घंटे में आग पर काबू पाया। फैक्टरी में रखी दो कारें और तीन साइकिल भी खाक हो गईं।
घटना दोपहर करीब एक बजे की है। हाजी अनवर की जमीन पर बनी फैक्टरी अशोक नगर निवासी जुगनू ने किराए पर ले रखी है। शुक्रवार की रात फैक्टरी में एक ट्रक माल उतरा था। इसमें कैमिकल के ड्रम भी शामिल थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हादसे के समय फैक्टरी में आधा दर्जन से अधिक कारीगर मौजूद थे। आग लगी तो उन्होंने पहले अपने स्तर से आग पर काबू पाने का प्रयास किया। आग ने भीषण रूप धारण कर लिया। यह देख मजदूर बाहर की तरफ भागे। अपनी साइकिल बचाने के चक्कर में एक मजदूर के हाथ झुलस गए। देखते ही देखते इलाके में दहशत फैल गई।
लोग घरों से बाहर निकल आए। फैक्टरी के बराबर में लेमीनेशनल की फैक्टरी है। लपटें देख उसके मालिक के होश उड़ गए। फैक्टरी के पिछली दीवार से सटा हुआ मुंडापाड़ा इलाका है। वहां भी दहशत फैल गई। जिनके मकान फैक्टरी की दीवार से सटे हैं उन्होंने पहले घरों से गैस सिलेंडर बाहर निकाले। सबमसर्बिल चलाकर दीवारों पर पानी डालना शुरू किया। दीवारें तपने लगीं थीं। इसी बीच फैक्टरी में रखे कैमिकल के ड्रम धमाकों के साथ फटने लगे। लोग के होश उड़ गए। कान सुन्न पड़ गए। काला धुंआ दूर से दिखाई दे रहा था। मौके पर सांस लेना तक मुश्किल हो रहा था।
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दीवारें तोड़कर आग पर पाया काबू
आग की सूचना पर मुख्य अग्निशमन अधिकारी देवेंद्र सिंह खुद मौके पर पहुंचे। दमकल की आठ गाड़ियां मौके पर आईं। फैक्टरी के मुख्य शटर गिरा हुआ था। पानी डालने के लिए जगह नहीं थी। दमकल कर्मियों ने बराबर में खाली पड़े प्लाट में घुसकर हथौड़े से फैक्टरी की दीवारों को तोड़ा। दीवारें टूटते ही बाहर आग की लपटें निकलीं। सामने का शटर भी तोड़ा गया। पानी से आग शांत नहीं हुई तो कैमिकल का प्रयोग किया गया। आग पर काबू पाने में 35 से अधिक दमकल कर्मियों को करीब ढाई घंटे का समय लगा।
फैक्टरी में मालिक की रखी थीं दो कारें
जिस दौरान आग लगी ज्यादातर लोग नमाज के लिए मस्जिद गए थे। इसी बीच हादसा हुआ। मौके पर फैक्टरी मालिक के परिवार के लोग आ गए थे। लपटें देख उनके होश उड़ रहे थे। आग से इमारत पूरी तरह खराब हो जाएगी। यह चिंता उन्हें सताए जा रही थी। एक युवक रोते-रोते अचेत होकर गिर पड़ा। लोगों ने बताया कि फैक्टरी किराए पर थी। जगह के मालिक की दो गाड़ियां अंदर रखी थीं। वे भी जलकर खाक हो गईं।
इनके मकान कराए गए खाली
फैक्टरी के पिछले हिस्से में स्थित मुंडापाड़ा इलाके में हाजी नसीम, तारो, कदीर, फरीदउद्दीन, संटू, हाजी बबलू सहित करीब दस लोगों ने अपने मकान खाली कर दिए। स्थानीय लोगों ने बताया कि आग की तपिश के कारण पिछले स्थित मकान भट्टी की तरह तपने लगे थे। यह देख लोग घबरा गए। सबसे पहले गैस सिलेंडर बाहर निकाले। परिवार की महिलाओं और बच्चों को बाहर भेजा। आग मकानों को चपेट में नहीं ले इस भय से सबमसर्बिल चलाकर दीवारों पर पानी डाला। ताकि दीवारें ठंडी रहें। इसके बावजूद चार मकानों की दीवारों में दरारें आ गईं।