13 माह की बच्ची के पेट से निकाला पौने दो किलो का भ्रूण, डॉक्टरों ने दी नई जिंदगी
लखनऊ केजीएमयू के डॉक्टरों ने 13 माह की बच्ची के पेट से करीब पौने दो किलोग्राम का भ्रूण निकालकर उसे नई जिंदगी दी। बच्ची की सेहत में सुधार है।
लखनऊ केजीएमयू के डॉक्टरों ने 13 माह की बच्ची के पेट से करीब पौने दो किलोग्राम का भ्रूण निकालकर उसे नया जीवन दिया। ऑपरेशन के बाद बच्ची की सेहत में सुधार है। डॉक्टरों ने उसकी सेहत खतरे से बाहर बताई है। डॉक्टरों का दावा है कि लखनऊ केजीएमयू में इस तरह का यह पहला मामला सामने आया है।
सिद्धार्थनगर निवासी शहजाद आलम और रहीमा खातून की 13 माह की बेटी रूमाइशा को गुजरे पांच महीने से पेट में सूजन थी। सूजन लगातार बढ़ रही थी। इसके साथ बच्ची को भूख न लगने की समस्या थी। उसे सांस लेने में तकलीफ थी। परिवाीजन बेटी को लेकर केजीएमयू पहुंचे। यहां पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. जेडी रावत की देखरेख में इलाज शुरू हुआ। जांच में पता चला बच्ची के पेट में भ्रूण है। शुरूआत में डॉक्टरों को यकीन नहीं हुआ। जैसे-जैसे जांच रिपेार्ट आती गई। शक यकीन में बदल गया। डॉ. जेडी रावत ने बताया कि चिकित्सा विज्ञान में इस बीमारी को फीटस इन फिटु कहते हैं। यह बीमारी पांच लाख बच्चों में किसी एक को होती है। इस बच्ची के मामले में भ्रूण में हड्डी और शरीर के अन्य अंगों के साथ ही बाल तथा आंत भी विकसित थे।
फेफड़े की झिल्ली में फंसा था भ्रूण
डॉ. जेडी रावत के मुताबिक भ्रू नसों और धमनियों के साथ बाएं गुर्दे तथा बाएं फेफड़े की झिल्ली से चिपका हुआ था। इसकी वजह से सर्जरी काफी मुश्किल थी। करीब तीन घंटे की सर्जरी के बाद भ्रूण निकालने में कामयाबी मिली। उन्होंने बताया कि 31 जुलाई को बच्ची ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद बच्ची की हालत अब सामान्य है। ऑपरेशन करने वाली टीम में पीडियाट्रिक सर्जरी के प्रोफेसर जेडी रावत, डॉक्टर सर्वेश कुमार गुप्ता, अंजू सिस्टर तथा एनेस्थीसिया विभाग से डॉ सतीश वर्मा शामिल थे।
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