मेरठ-पौड़ी हाईवे के दोनों टोल किसानों ने कराए फ्री, बैरियर हटाए; क्यों भड़का गुस्सा?
मेरठ-पौड़ी एनएच-119 पर मंगलवार से मेरठ में छोटा मवाना और बिजनौर में भनेड़ा में किसानों और स्थानीय लोगों के विरोध के बीच टोल वसूली शुरू कर दी गई। किसानों ने टोल वसूली का जमकर विरोध किया।
Farmers protest against Toll: मेरठ-पौड़ी एनएच-119 पर मंगलवार से मेरठ में छोटा मवाना और बिजनौर में भनेड़ा में किसानों और स्थानीय लोगों के विरोध के बीच टोल वसूली शुरू कर दी गई। हालांकि किसानों ने टोल वसूली का जमकर विरोध किया। कई घंटे तक टोल को फ्री करा दिया। बाद में भाकियू ने निर्माण कार्य पूर्ण होने तक टोल वसूली नहीं किए जाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। किसानों का आरोप है कि हाईवे का निर्माण पूरा होने से पहले टोल वसूली का कोई मतलब नहीं है। उधर, एनएचएआई के अधिकारियों ने कहा कि मुख्यालय के आदेश और नियमों के तहत ही टोल वसूली शुरू की गई है।
मेरठ-पौड़ी मार्ग पर एनएचएआई की ओर से एनएच-119 (नया नंबर-एनएच-34) पर मेरठ जिले में छोटा मवाना (भैंसा गांव के निकट) और बिजनौर जिले में भनेड़ा में टोल प्लाजा को स्थापित कर मंगलवार सुबह आठ बजे परियोजना निदेशक आरके नगरवाल के साथ अन्य अफसरों ने हवन-पूजन किया। इसके बाद टोल पर आई कार के बोनट पर सतिया बनाया। कार का पूजन कर फीता काटा और नारियल फोड़कर टोल वसूलने का शुभारंभ किया गया। इसके साथ ही मेरठ-पौड़ी हाईवे पर फोरलेन पर फर्राटेदार सफर की शुरुआत की गई। टोल वसूली के साथ ही विवाद भी शुरू हो गया। किसानों और आम लोगों ने इस बात पर विरोध किया कि जब तक निर्माण कार्य पूर्ण न हो जाए तो टोल वसूली का कोई मतलब नहीं है। इसी तरह बिजनौर जिले के भनेड़ा में भी टोल वसूली को लेकर विरोध शुरू हो गया है।
दो घंटे तक भाकियू ने टोल कराया फ्री, चेतावनी दी
भारतीय किसान यूनियन इंडिया के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार दोपहर छोटा मवाना टोल प्लाजा पर हंगामा किया और दो घंटे तक टोल फ्री करा दिया। घंटों चली वार्ता के बाद कार्यकर्ताओं ने एसडीएम के नाम ज्ञापन दिया और सभी निर्माण कार्य पूरे होने तक टोल वसूले जाने पर रोक लगाने की मांग की। भाकियू इंडिया के प्रदेश प्रभारी युवा सचिन गुर्जर के नेतृत्व में मंगलवार को कासिम जैदी, मुकेश यादव, अनिल शर्मा, प्रीत यादव, केशव यादव, मोनिस, अंकित भड़ाना, नवाब हैदर समेत अनेक कार्यकर्ता करीब 12 बजे टोल प्लाजा पहुंचे और टोल वसूले जाने को बंद कराने को कहा। उन्होंने टोल प्लाजा पर हंगामा किया और टोल पर चल रही सभी लेन फ्री कराई। इसके बाद टोल अफसरों ने कार्यकर्ताओं को वार्ता के लिए कार्यालय में बुलाया।
कार्यकर्ताओं ने कहा कि हाईवे पर अभी अंडरपास जैसे निर्माण अधूरे पड़े हुए हैं। टोल प्लाजा बोर्ड पर वाहनों से वसूला जाने वाले किराये की सूची खाली पड़ी है। सुविधाएं जीरो हैं, फिर टोल क्यों वसूला जा रहा है। 20 किमी. के दायरे में आने वाले गांव और कस्बों के लोगों को टोल से आना जाना फ्री किया जाये। ऐसा नहीं होने पर टोल पर अनिश्चित आंदोलन शुरू कर दिया जायेगा। यह घोषणा टोल शुरू करने से पहले कर देनी चाहिये थी। करीब दो घंटे टोल फ्री कराने के बाद कार्यकर्ताओं ने मांग पत्र दिया और मांगे पूरी नहीं होने पर आंदोलन दोबारा से शुरू करने की चेतावनी दी।
परियोजना निदेशक बोले- नियमानुसार हो रही वसूली
मौके पर मौजूद एनएचएआई के परियोजना निदेशक आरके नगरवाल ने कहा कि टोल वसूली नियमानुसार है। मुख्यालय ने टोल वसूली का गजट जारी किया है। इसके आधार पर वसूली की जा रही है। टोल प्लाजा के आसपास कितने गांवों के लोगों को नि:शुल्क आने जाने की सुविधा दी जायेगी, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि अधिसूचना के अनुसार ही सुविधा दी जायेगी। कितने गांव नि:शुल्क रहेंगे, इस पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। पांच किमी के दायरे में आने वाले गांव व कस्बे के लोग टोल प्लाजा से नि:शुल्क आ जा सकेंगे। गांवों की सूची के बारे में विचार करने की बात कही।
स्टाफ को भी नहीं है तकनीकी जानकारी
टोल प्लाजा पर तैनात स्टाफ को कैश लेन में कम्प्यूटर के माध्यम से टोल वसूलने की पूरी तकनीकी जानकारी भी नहीं है। मंगलवार सुबह मेरठ से बिजनौर जा रहे सरकारी कर्मचारी देवेन्द्र कुमार को टोल पर नौ मिनट लग गये। वह नाराज हो गए और उनकी टोल कर्मियों से नोकझोंक भी हुई। बाद में टोल के कर्मियों ने देर होने के लिए माफी मांगी।
सरकारी डाक्टर ने नाराजगी जताई
मेरठ से बिजनौर जा रहे सरकारी डाक्टर उपेन्द्र कुमार ने टोल वसूले जाने पर नाराजगी जताई और कहा कि रास्ते में हाईवे पर गड्ढे हैं और हाईवे पूरा नहीं बना है। कई स्थानों पर अंडरपास नहीं बना है। जहां आने-जाने में वाहन चालकों को परेशानी का सामाना करना पड़ रहा है। हाईवे पर सुविधाएं नगण्य हैं। टोल वसूलने की एक-दो दिन पहले जानकारी देनी चाहिये थी। इसी तरह से घटना कई वाहन स्वामियों के साथ हुई।