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Fake teacher Case:फर्जी सर्टिफिकेट पर देवरिया में नौकरी रहे दो शिक्षक बर्खास्‍त 

देवरिया में फर्जी प्रमाण-पत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे दो शिक्षकों को बीएसए ने बुधवार को बर्खास्त कर दिया। दोनों शिक्षकों के खिलाफ विधिक कार्रवाई के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को बीएसए ने निर्देश...

Ajay Singh हिन्‍दुस्‍तान टीम , देवरिया Wed, 7 Oct 2020 07:16 PM
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देवरिया में फर्जी प्रमाण-पत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे दो शिक्षकों को बीएसए ने बुधवार को बर्खास्त कर दिया। दोनों शिक्षकों के खिलाफ विधिक कार्रवाई के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को बीएसए ने निर्देश दिया। अब तक जिले में 48 शिक्षक फर्जीवाड़े में बर्खास्त हो चुके हैं।

रामपुर कारखाना क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय मेहरौना में प्रधानाध्यापिका के पद पर कार्यरत इशरावती की शिकायत किसी ने एसटीएफ से की थी। एसटीएफ ने बीएसए से प्रधानाध्यापिका का शैक्षिक विवरण तलब कर अपने स्तर से जांच करवाया। नौकरी के लिए इशरावती ने राजकीय बालिका दीक्षा विद्यालय प्रतापगढ़ से 1992 में उत्तीर्ण बीटीसी प्रमाण पत्र लगाया था। एसटीएफ ने इसकी जांच परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज से कराई। 

इसमें पता चला कि प्रधानाध्यापिका इशरावती के बीटीसी प्रमाण-पत्र पर अंकित अनुक्रमांक 1721 पर विमला देवी पुत्री शिवचरण ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इस आधार पर एसटीएफ ने बीएसए देवरिया को प्रधानाध्यापिका के प्रमाण पत्र फर्जी होने की जानकारी देते हुए कार्रवाई को लिखा। इस पर बीएसए ने प्रधानाध्यापिका को साक्ष्य सहित अपना पक्ष रखने का मौका दिया। प्रधानाध्यापिका ने इस संबंध में जो स्पष्टीकरण दिया वह तथ्यहीन पाया गया। इसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय ने प्रधानाध्यापिका इशरावती को बर्खास्त कर दिया।

दूसरा प्रकरण में भटनी क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक विद्यालय गरबैसी में सहायक अध्यापक पद पर कार्यरत उमेश यादव के खिलाफ रामनाथ देवरिया के एक व्यक्ति ने बीएसए से शिक्षक का प्रमाण-पत्र फर्जी होने की शिकायत की थी। उसकी जांच बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कराई। इसमें पता चला कि उमेश यादव का स्नातक और बीएड दोनों प्रमाण-पत्र फर्जी हैं। स्नातक के अनुक्रमांक 55223 वर्ष 1990 दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में इवतर अली पुत्र युशुफ अली के नाम से अंकित है। वहीं बीएड के अनुक्रमांक 1200587 वर्ष 2001 विश्वविद्यालय में आशीष कुमार उमर वैश्व पुत्र नवरतन लाल उमर वैश्य के नाम से अंकित है। इस फर्जीवाड़े की जानकारी होते ही बीएसए ने सहायक अध्यापक उमेश यादव को चार अगस्त को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण दिया। दो नोटिसों के बाद मिले शिक्षक के जवाब से बीएसए से संतुष्ट नहीं हुए। इसके बाद भी एक मौका और शिक्षक को दिया गया। पर शिक्षक उमेश यादव अपना पक्ष नहीं रख सके। इस पर बीएसए ने उनको भी बर्खास्त करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी को विधिक कार्रवाई का निर्देश दिया है।

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