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लखनऊ शूटआउट: सना का खुलासा-खाकी वर्दी वालों ने हमें अपराधियों की तरह घेर लिया था

बीते शुक्रवार की देर रात लखनऊ के गोमती नगर में हुई विवेक तिवारी की हत्या की चश्मदीद गवाह सना ने कई सारे खुलासे किए हैं। सना ने कहा- "मैं सोच भी नहीं सकती थी कि पुलिस ऐसी हो सकती है। खाकी वर्दी...

लखनऊ, हिन्दुस्तान टीम Tue, 2 Oct 2018 07:41 PM
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बीते शुक्रवार की देर रात लखनऊ के गोमती नगर में हुई विवेक तिवारी की हत्या की चश्मदीद गवाह सना ने कई सारे खुलासे किए हैं। सना ने कहा- "मैं सोच भी नहीं सकती थी कि पुलिस ऐसी हो सकती है। खाकी वर्दी पहने सिपाहियों ने हमें अपराधियों की तरह घेर लिया था। आरोप लगाने हुए अभद्रता की थी। इससे घबराए विवेक सर ने गाड़ी आगे बढ़ा दी थी। उसके बाद जो हुआ वह मंजर अभी भी मेरी आंखों के सामने घूम रहा है।"

सोमवार को मीडिया से मुखातिब हुई घटना की चश्मदीद गवाह सना ने पुलिस की क्रूरता की कहानी बयां की। इससे पहले पुलिस ने उसे नजरबंद कर रखा था। सना ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि घटना के बाद हत्यारोपी सिपाही प्रशांत चौधरी की पत्नी कांस्टेबल राखी मलिक ने उसे गोमतीनगर थाने में धमकाया था।

"अपराधी के साथ क्या कर रही थी तुम"
सना के अनुसार उसे गोमतीनगर थाने के महिला सम्मान कक्ष में बैठाया गया। जहां ड्यूटी पर हत्यारोपी सिपाही प्रशांत चौधरी की पत्नी कांस्टेबल राखी मलिक तैनात थी। राखी ने उससे उलटे-सीधे सवाल पूछने शुरू कर दिए। राखी ने कहा कि तुम अपराधी के साथ गाड़ी में क्या कर रही थी? राखी ने उसे धमकाया कि अब तुम भी जेल जाओगी। सना का कहना है कि राखी ने उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।

बचाने के लिए चिल्लाती रही
सना ने बताया कि उसका मोबाइल फोन घर पर ही छूट गया था। विवेक के मोबाइल पर कोड लॉक लगा था। सड़क पर खड़ी होकर मदद के लिए चिखती रही, लेकिन कोई भी उसकी मदद के लिए नहीं रुका। करीब 15 मिनट बाद पुलिस की एक जीप आई।

अस्पताल पहुंचने तक जीवित था विवेक
सना का कहना है कि पुलिस कर्मियों ने एम्बुलेंस के लिए फोन किया और इंतजार करने लगे। एम्बुलेंस नहीं पुहंची। उसने पुलिस से मिन्नत की। पुलिस वालों ने बेहोश विवेक को जीप में लिटाया और उन्हें लोहिया अस्पताल ले गए। विवेक को अस्पताल ले जाने में 30-45 मिनट का समय लग गया था। अस्पताल पहुंचने तक विवेक जीवित था। 10 मिनट बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।

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