Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Even appeasing SP MLAs could not get BJP a single seat the stalwarts were defeated in their own areas manoj padey abhay singh

सपा विधायकों को साधना भी भाजपा को एक सीट नहीं दिला सका, अपने ही इलाकों में धराशाई हो गए धुरंधर

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी के आठ विधायक भाजपा में आए थे। इनमें से कोई विधायक अपने इलाके की सीट भी भाजपा को नहीं दिला सका। जिन्हें सियासी धुरंधर कहा गया, वह अपने घर में ही धराशायी हो गए।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊFri, 7 June 2024 06:21 PM
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यूपी में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने सपा के आठ विधायकों को अपने पाले में कर लिया था। राज्यसभा चुनाव के समय सपा से बगावत कर भाजपा प्रत्याशी को वोट देने वाले विधायकों को लेकर बीजेपी की मंशा थी कि लोकसभा चुनाव में उसे पिछली बार हारी सीटों पर भी फायदा हो जाएगा। लेकिन हुआ इसका ठीक उल्टा। आठ में से कोई विधायक अपने इलाके की सीट भी भाजपा को नहीं दिला सका। जिन्हें सियासी धुरंधर कहा गया और अपने घर में ही धराशायी हो गए। अखिलेश यादव की कोर टीम में शामिल मनोज पांडेय का भाजपा में जाना सपा के लिए बड़ा झटका माना गया था। यहां तक कि अमित शाह उनके घर भी गए थे। इसके बाद भी मनोज पांडेय सपा से निकले तो उनका जलवा भी खत्म हो गया। भाजपा पिछली बार से ज्यादा वोटों से मनोज पांडेय के इलाके की रायबरेली और उंचाहार विधानसभा इलाके में हार गई है।

इसी साल फरवरी में सपा के सात विधायकों ने राकेश पांडेय, राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह, मनोज पांडेय, विनोद चतुर्वेदी, पूजा पाल और आशुतोष मौर्य ने भाजपा के पक्ष में वोट दिया था। अमेठी की महाराजी देवी भी बागियों में शामिल थीं। सपा के बागी विधायक मनोज पांडेय रायबरेली के ऊंचाहार से हैं। माना जाता रहा है कि रायबरेली और अमेठी सीट पर ब्राह्मण मतदाताओं पर मनोज पांडेय का खास प्रभाव है।

इसके बाद भी मनोज पांडेय का प्रभाव इस बार न रायबरेली पर दिखा और न ही अमेठी पर दिखाई दिया। पिछली बार जीती अमेठी सीट भी भाजपा रायबरेली के साथ ही हार गई। जबकि इस बार भी अमेठी में भाजपा की कद्दावर नेता स्मृति ईरानी मैदान में थीं। इसी तरह अमेठी की गौरीगंज सीट से सपा के विधायक राकेश प्रताप सिंह भी स्मृति ईरानी को नहीं जिता सके। अमेठी की सपा विधायक महाराजी देवी ने भी स्मृति ईरानी के लिए काफी मेहनत की लेकिन कोई काम नहीं आ सका। 

राकेश पांडेय भी रहे बेअसर, बेटा भी हारा
अंबेडकरनगर के जलालाबाद से सपा विधायक राकेश पांडेय को बीजेपी ने अपने साथ मिलाया और उनके बेटे को रितेश पांडेय को अंबेडकर नगर सीट से प्रत्याशी भी बनवा दिया थाय़ रितेश मौजूदा सांसद भी थे। इसके बाद भी रितेश पांडेय हार गए। राकेश पांडेय का कोई असर नहीं दिखाई दिया। बीजेपी ने अंबेडरनगर और अयोध्या सीट के लिए ही गोसाईगंज सीट से बाहुबली सपा विधायक अभय सिंह को अपने साथ जोड़ा। उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा भी मुहिया करा दी थी। जातीय समीकरण में अंबेडकर नगर सीट बीजेपी के लिए मुश्किलें पैदा करती रही है। इसके चलते ही पार्टी ने सपा के दोनों बागी विधायकों को अपने साथ मिलाया लेकिन न ही अंबेडकरनगर में काम आया और न ही अयोध्या सीट पर कोई असर दिखा। बीजेपी दोनों ही सीटें हार गई।

जालौन में भी बीजेपी का समीकरण फेल
सपा के विधायक विनोद चतुर्वेदी कालपी विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो जालौन लोकसभा सीट के तहत आती है। जालौन को साधने के लिए ही विनोद चतुर्वेदी को अपने साथ मिलाया गया था। जालौन में मोदी सरकार के मंत्री भानु प्रताप सिंह हार गए। इसी तरह पूजा पाल कौशांबी की चायल से सपा विधायक हैं। पाल समुदाय के लिए बीजेपी ने उन्हें कौशांबी और इलाहाबाद लोकसभा सीट के लिए अपने साथ मिलाया था। दोनों सीटों पर भाजपा हार गई है। इसी तरह बदायूं के बिसौली सीट से सपा विधायक आशुतोष मौर्य को बीजेपी में लाना किसी काम का नहीं रहा। यहां से सपा नेता शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव ने बीजेपी को हराकर जीत हासिल कर ली है। 

पुराने समाजवादियों को मिलाना भी काम नहीं आया
आजमगढ़, बलिया और आसपास के क्षेत्रों में ठाकुर समुदाय के मतदाताओं में असर रखने वाले पूर्व एमएलसी यशवंत सिंह, वोटिंग से तीन दिन पहले नारद राय और रामइकबाल सिंह को बीजेपी में लाना भी काम नहीं आया है। यशवंत सिंह को 2022 में पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया गया था, लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान ही अपने पाले में कर लिया। इसके बाद भी बीजेपी बलिया, आजमगढ़ और घोसी तीनों ही लोकसभा सीटों पर चुनाव हार गई है। 

वहीं, मुलायम सिंह के करीबी रहे पूर्वांचल के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह और उनके भाई बृज किशोर सिंह को बीजेपी में शामिल कराया गया। बस्ती लोकसभा सीट पर राजकिशोर सिंह की मजबूत पकड़ मानी जाती है, लेकिन बस्ती के बीजेपी उम्मीदवार हरीश द्विवेदी को कोई फायदा नहीं हुआ। यहां से सपा के राम प्रसाद चौधरी जीतने में सफल रहे।

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