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यूपी में 24 घंटे मिलेगी बिजली, उपभोक्ताओं से होने वाली धनउगाही होगी बंद

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि. के निजीकरण के प्रस्ताव को टालने की शर्तें उपभोक्ता हित में हैं।  जिन शर्तों को माना गया है उस पर ईमानदारी से काम हो तो राज्य में सबको 24 घंटे और पर्याप्त बिजली...

Deep Pandey हिन्दुस्तान टीम, लखनऊThu, 8 Oct 2020 09:44 AM
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पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि. के निजीकरण के प्रस्ताव को टालने की शर्तें उपभोक्ता हित में हैं।  जिन शर्तों को माना गया है उस पर ईमानदारी से काम हो तो राज्य में सबको 24 घंटे और पर्याप्त बिजली देने की स्थिति में सरकार आ जाएगी। उपभोक्ताओं को बाधारहित बिजली के साथ ही मीटर रीडिंग के आधार पर सही बिल भी मिलने लगेगा। भ्रष्टाचार समाप्त होने की दशा में कनेक्शन, बिलिंग आदि में उलझाकर उपभोक्ताओं से होने वाली धनउगाही बंद हो जाएगी। 

समझौते की शर्तों में वितरण क्षेत्र में भ्रष्टाचार को माना गया है तभी इस क्षेत्र को भ्रष्टाचार मुक्त करने की शर्त को प्रमुखता से शामिल किया गया है। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार पिछले कई महीनों से विद्युत वितरण में सुधार और राजस्व वसूली बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। इसके बावजूद विद्युत हानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, जो बिजली कंपनियों के घाटे में जाने का बड़ा कारण है। बिजली बिल वसूली का बुरा हाल है। 

उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाएंगी समझौते की शर्तें

समझौते की शर्तों में विद्युत वितरण में सुधार को प्रमुखता से शामिल किया गया है। वितरण में सुधार होने पर उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली मिलने के रास्ते खुलेंगे। वितरण क्षेत्र को भ्रष्टाचार मुक्त कराने की शर्त भी है। कार्मिकों के ईमानदारी का पैमाना आत्मनिर्भर उपकेंद्र बनेगा। जिस उपकेंद्र पर जितनी बिजली जा रही है उसके सापेक्ष राजस्व सरकार के खजाने में देना होगा। पावर कारपोरेशन अब उपकेंद्र वार बने डैश बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक जिम्मेदार अधिकारियों व अभियंताओं की जवाबदेही तय करने जा रहा है।  

दिक्कतें जो इस समय उपभोक्ताओं को होती हैं

-नया कनेक्शन लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के बाद भी जेई, एई व एसडीओ का चक्कर लगाना। आजकल स्मार्ट मीटर लगाने पर रोक इनके लिए बड़ा बहाना बन गया है। पुराना मीटर लगाना नहीं चाहते हैं। 
-गलत बिजली बिल आ जाने पर उसमें सुधार के लिए बिलिंग केंद्र से लेकर अफसरों के चक्कर लगाना। सुधार के नाम पर की जाती है धनउगाही।  
-किन्हीं कारणों से बिजली गुल हो गई तो शिकायत के बाद ठीक करने वाले कर्मचारियों के आने में लेटलतीफी। 
-लो वोल्टेज की समस्या, इसका समाधान लंबे इंतजार के बाद मिलता है।

 
शर्तों के मुताबिक सबने मिलकर काम किया तो सबसे अधिक लाभ उपभोक्ताओं को होगा। राजस्व वसूली ठीक से होने लगे तो 24 घंटे पर्याप्त बिजली देने का काम पावर कारपोरेशन करने लगेगा। बिजली पर्याप्त है, खरीदने के लिए पैसा चाहिए। 
अरविंद कुमार, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा
 
81871 करोड़ रुपये के घाटे में है पावर कारपोरेशन
19373 करोड़ का घाटा अकेले पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का है
12922 करोड़ इस वर्ष सरकार दे रही है घाटे की भरपाई के लिए
61% शहरी और महज 12.5% बिल की वसूली हो पा रही है पूर्वांचल में
12 हजार करोड़ छह माह में हुई प्रदेश में राजस्व वसूली, 16 हजार करोड़ का घाटा इसी अवधि में है
 

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