बीआरडी मेडिकल कालेज में लापरवाही की हद, नवजात का शव कुत्तों ने नोच खाया
बीआरडी मेडिकल कालेज में कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। बीआरडी में कुत्तों ने नवजात का शव नोच कर क्षत-विक्षत कर दिया। घटना गुरुवार की रात की है। कुत्तों के शव को खाता देखकर कैंपस में हड़कंप मच गया।...
बीआरडी मेडिकल कालेज में कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। बीआरडी में कुत्तों ने नवजात का शव नोच कर क्षत-विक्षत कर दिया। घटना गुरुवार की रात की है। कुत्तों के शव को खाता देखकर कैंपस में हड़कंप मच गया। जैसे-तैसे तीमारदारों व कर्मचारियों ने खूंखांर हो चुके कुत्तों के कब्जे से नवजात का शव लिया।
घटना गुरुवार की रात की है। कुशीनगर के सेवरही थाना के अवदान टोला निवासी राजेश ने अपनी 29 वर्षीय पत्नी माही को प्रसव के लिए मेडिकल कालेज के वार्ड नंबर सात में बुधवार को भर्ती कराया था। गुरुवार को सांय चार बजे आपरेशन से बच्चा पैदा हुआ जो मृत था। चिकित्सकों ने उसका शव राजेश को सौंप दिया और कहा कि इसका निस्तारण कर दें। माही की तबीयत ज्यादा खराब होने की वजह से उसे आइसीयू में शिफ्ट किया गया। राजेश ने नवजात का शव निस्तारित करने की बजाय उसे आइसीयू के बाहर तीमारदारों के बैठने के लिए रखी गई कुर्सियों के नीचे कपड़े में लपेट कर छिपा दिया।
वार्ड नौ के पास से शव ले गए कुत्ते
बताया जाता है कि रात में एक कुत्ता उसे उठाकर वार्ड नंबर नौ के शौचालय में लेकर चला गया। वहां पर कुत्ते शव को नोंच रहे थे। इस नजारें को कुछ रात करीब दो बजे कुछ तीमारदारों ने देखा। वह शोर मचाने लगे। इसके बाद कर्मचारी भी जुट गए। उसे नोंचकर खाते देख कुछ तीमारदारों ने उसे भगाया। पेट का कुछ हिस्सा व हाथ वह खा गया था। कुत्तों के शव को नोंचते देखकर रात में हंगामा खड़ा हो गया। बाद में पता चला कि मृत बच्चा था। परिजन की लापरवाही के चलते ऐसा हुआ। पिता को बुलाकर बच्चे का शव उसे सौंप दिया गया और निस्तारित करने का निर्देश दिया गया। राजेश ने बताया कि पत्नी आइसीयू में है। साथ में दो छोटे बच्चे- पांच वर्षीय पलक व तीन वर्षीय आर्यन भी हैं। उन्हें छोड़कर कहीं जाना संभव नहीं हो पाया। इसलिए शव कपड़े में लपेटकर कुर्सी के नीचे रख दिया दिया था।
व्यवस्था पर सवाल हैं वार्डों में घूम रहे कुत्ते
मेडिकल कालेज के वार्डों में घूम रहे कुत्ते व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। जबकि बड़ी संख्या में गार्डों की ड्यूटी लगाई गई है। उनकी नजरों से बचकर कुत्ते वार्डों में चले जाते हैं। अभी कुछ दिन पहले वार्ड नंबर पांच की खिड़की से गिरे मरीज के शव की नाक-कान कुत्ते खा गए थे।
गार्डों को सख्त हिदायत दी गई है कि कुत्तों पर विशेष नजर रखी जाए, वे वार्डों में न जाने पाएं। कुत्ते कैसे चले गए। इसकी जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
डा. गणेश कुमार, प्राचार्य, बीआरडी मेडिकल कालेज