सिर्फ सत्ता पक्ष से अपेक्षा न करे विपक्ष, खुद भी मर्यादा में रहे तो अच्छा, विधानसभा में बोले सीएम योगी
सपा प्रमुख अखिलेश यादव और डिप्टी सीएम केशव मौर्य के बीच स्थिति बिगड़ने से बचाने के लिए सीएम योगी ने खुद मोर्चा संभाला। उन्होंने कहा कि एक घंटे से ज्यादा पूरा सदन नेता प्रतिपक्ष को सुनता रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में अखिलेश यादव व केशव मौर्य की भिड़ंत को संभालते हुए कहा कि एक सम्मानित नेता (केशव प्रसाद मौर्य) के खिलाफ असभ्य शब्दों का प्रयोग उचित नहीं। सवाल सैफई का नहीं है। हम लोग जो विकास कार्य करा रहे हैं या आपकी सरकार के समय जो कार्य हुए होंगे, वह हमारी ड्यूटी थी। सरकार, सरकार होती है और हर सरकार को अपनी उपलब्धि को कहने का अधिकार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ सत्ता पक्ष से मर्यादा की अपेक्षा न करें। विपक्ष भी इसका पालन करे तो बेहतर होगा। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से अनुरोध किया कि सदन में कही गईं असंसदीय बातें विधानसभा की कार्यवाही से हटवा दी जाएं।
बीच में रनिंग कमेंट्री का क्या मतलब
स्थिति बिगड़ने से बचाने के लिए सीएम योगी ने खुद मोर्चा संभाला। उन्होंने कहा कि एक घंटे से ज्यादा पूरा सदन नेता प्रतिपक्ष को सुनता रहा है। बड़ी शालीनता के साथ वह भी उनकी बातें सुन रहे थे। उन्होंने अपनी बात की है लेकिन जब उपमुख्मंत्री अपनी बात रख रहे हैं तो बीच में रनिंग कमेंट्री का मतलब क्या है? एक सम्मानित नेता के खिलाफ असभ्य शब्द का प्रयोग हो, तू-तू शब्द का प्रयोग हो, यह उचित नहीं। योगी ने कहा कि हर सरकार को अपनी उपलब्धि बताने का अधिकार है। मैंने कल भी देखा था कि संसदीय कार्य मंत्री को लेकर जिस तरीके की भाषा का प्रयोग किया गया था, आज फिर वही हो रहा है।
इस पर अखिलेश जवाब देने को उठे तो स्पीकर सतीश महाना ने उन्हें बाद में जवाब देने का निर्देश देते हुए नेता सदन की बात सुनने की नसीहत दी । योगी ने कहा कि किसी विषय पर हमारी सहमति-असहमति हो सकती है लेकिन सदन की मर्यादा का ध्यान हर हाल में होना चाहिए। इस पर अखिलेश यादव भी नरम पड़े और उन्होंने योगी की बात पर सहमति जताते हुए कहा कि जो असंसदीय शब्द आएं हैं, उन्हें सदन की कार्यवाही से निकाल दिया जाए लेकिन किसी को किसी के बारे में पर्सनल बातें नहीं कहना चाहिए।