बदले मौसम में बढ़ी बीमारियां, वायरल फीवर के साथ टाइफाइड ने बढ़ाई मुसीबत
बारिश के साथ बदले मौसम में बीमारियां अचानक से बढ़ गई हैं। वायरल फीवर और टायफाइड के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है।मरीजों में उल्टी, दस्त, पेट दर्द के लक्षण हैं। आलम यह है कि ओपीडी में मरीजों की...
बारिश के साथ बदले मौसम में बीमारियां अचानक से बढ़ गई हैं। वायरल फीवर और टायफाइड के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है।मरीजों में उल्टी, दस्त, पेट दर्द के लक्षण हैं। आलम यह है कि ओपीडी में मरीजों की कतारें लग रही हैं। जिला अस्पताल में रोजाना पांच से छह सौ मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं।
बदलते मौसम में सर्दी-खांसी, बदन दर्द, सिर-दर्द और बुखार की समस्या बढ़ी है। वायरल फीवर की अधिकतर मरीज महिलाएं हैं, या तो बच्चे हैं। पांच-छह दिन तक राहत नहीं मिलने के बाद वायरल फीवर टायफाइड या निमोनिया में परिवर्तित हो जा रहा है। अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों में गांव के लोग भी शामिल हैं। शहर के कुछ खास मोहल्ले के मरीजों की संख्या ज्यादा देखने को मिल रही है।
दूषित पानी के सेवन से हो रही बीमारी
जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि गंदगी, नाले-नालियों के आस पास रहने वाले लोग और दूषित पानी पीनेवाले लोग बीमार अधिक पड़ रहे हैं। अधिकतर बीमारी की जड़ में दूषित पानी का होना ही सामने आ रहा है। खुले में बिकने वाले चाट-पकौड़े और अन्य खाद्य पदार्थों से बीमारी फैल रही हैं। दूषित खान-पान से डायरिया, टायफाइड और वायरल फीवर का संक्रमण हो रहा है।
टाइफाइड की चपेट में 60 फीसद मरीज
जिला अस्पताल के पैथोलॉजी के आकड़ें इसकी तस्दीक कर रहे हैं। वायरल फीवर के 60 फीसदी मरीजों की रिपोर्ट टाइफाइड की आ रही है। जून में 479, जुलाई में 861 और अगस्त में अब तक 267 मरीज टाइफाइड की जद में आ चुके हैं।
डॉक्टर से करें संपर्क
फिजीशियन डॉ. गौरव पाण्डेय ने बताया कि उमस भरी गर्मी व बारिश के कारण लोगों में तेज बुखार, बदन व सिर दर्द, सर्दी-खांसी की शिकायतें बढ़ी हैं। हल्की भी परेशानी हो, मरीज लापरवाही नहीं बरतें। डॉक्टर से मिलकर जांच करवाएं और समय पर दवा का सेवन करें। गुनगुना पानी का सेवन करें। बासी खाना नहीं खाएं। बाजार में खुले खाद्य पदार्थ का सेवन करने से परहेज करें। मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आस-पास साफ-सफाई रखें।