Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़DIOS recruited teachers after seeing fake emails in Kanpur

कानपुर में शिक्षकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा, फर्जी ईमेल देख डीआइओएस ने की टीचरों की भर्ती

कानपुर में शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति का भंडाफोड़ हुआ है। UPSESSB के नाम से ई-मेल किए गए फर्जी पैनल (शिक्षक सूची) से शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई। जारी इस सूची से 9 को नियुक्ति पत्र भी दे दिया।

Pawan Kumar Sharma हिन्दुस्तान, कानपुरSat, 27 April 2024 10:38 PM
share Share
Follow Us on

कानपुर में शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति का भंडाफोड़ हुआ है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के नाम से ई-मेल किए गए फर्जी पैनल (शिक्षक सूची) से शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई। नवंबर में जारी इस सूची से नौ को नियुक्ति पत्र भी दे दिए गए। इसमें से दो ने ज्वॉइन भी कर लिया। एक फर्जी शिक्षक अब तक 2.59 लाख रुपये वेतन भी पा चुका है। मामला खुलने पर शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। अपर शिक्षा निदेशक ने शनिवार को शाम पत्र जारी कर प्रदेश भर के जिला विद्यालय निरीक्षकों को सतर्क किया है। 

फर्जी सूची कूटरचित ई-मेल के माध्यम से जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) कार्यालय आई थी। इनमें नौ शिक्षकों के नाम थे। इस आधार पर सूची के सत्यापन के बाद बालक विद्यालयों के नियुक्ति पत्र डीआईओएस-प्रथम और बालिका विद्यालयों के पत्र डीआईओएस द्वितीय को जारी करने थे। डीआईओएस द्वितीय ने दो शिक्षिकाओं को नियुक्ति पत्र नवंबर/दिसंबर में ही जारी कर दिए। तत्कालीन डीआईओएस प्रथम का स्थानांतरण हो जाने के कारण बालक विद्यालयों के नियुक्ति पत्र मार्च में जारी किए गए।

फर्जी सूची के आधार पर मिर्जापुर की विनीता देवी (सामाजिक विज्ञान) ने मदन मोहन अग्रवाल इंटर कॉलेज में ज्वॉइन कर लिया। उन्हें वेतन भी मिल रहा है। आर्य कन्या इंटर कॉलेज में वाराणसी की रिक्षा पांडेय ने नागरिक शास्त्र प्रवक्ता पद पर ज्वॉइन करने के लिए प्रबंधक पर दबाव डाला। प्रबंधक ने 27 फरवरी को कार्यभार पत्र तो जारी किया लेकिन शिकायत आयोग से कर दी। शिकायत का कारण बिना पद के नियुक्ति करना था। आयोग ने जांच की तो पता चला जिस पैनल से शिक्षिका को नियुक्ति पत्र मिला वह आयोग ने जारी ही नहीं किया था। इस पत्र से फर्जीवाड़ा खुला।

जिला विद्यालय निरीक्षक अरुण कुमार ने बताया कि शिक्षा विभाग की फर्जी ई-मेल से पैनल के नाम भेजे गए थे। मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक को इसकी जानकारी दे दी गई है। जांच शुरू कर दी गई है। जांच पूरी होते ही सम्बंधित लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। विभाग से भी बिना सत्यापन नियुक्ति पत्र न जारी करने के निर्देश मिले हैं।

अगला लेखऐप पर पढ़ें