निर्दलीय लड़ने का भी रास्ता नहीं छोड़ा, श्रीकला को बसपा के टिकट में ही धनंजय सिंह को खेल दिखा
जौनपुर लोकसभा सीट से बसपा का टिकट गंवा चुकीं श्रीकला धनंजय सिंह अब निर्दलीय भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगी। नामांकन का सोमवार को आखिरी दिन था जब बसपा ने उनका टिकट लेकर श्याम सिंह यादव को दे दिया।
बाहुबली नेता धनंजय सिंह को जौनपुर लोकसभा सीट से पत्नी श्रीकला को बसपा का टिकट मिलने-कटने में साजिश नजर आ रही है। सोमवार को पूरे दिन चुप्पी साधे रहने और नामांकन खत्म होने के बाद धनंजय सिंह ने शाम में मीडिया से बात की और कहा कि बसपा नेता जिस तरह बयान दे रहे हैं कि उन्होंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया, उससे लगता है कि इन लोगों ने पहले से कुछ बात कर रखी थी। धनंजय सिंह ने कहा कि वो तो जेल में बंद थे, बसपा ने श्रीकला से बात करके उनको टिकट दिया था।
धनंजय सिंह ने कहा कि बसपा नेता उनकी पत्नी श्रीकला का टिकट काटकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं जिससे लगता है कि इन लोगों ने कुछ बात (साजिश) कर रखी थी। जौनपुर में नामांकन का आज आखिरी दिन था और बसपा ने पर्चा दाखिल कर चुकीं श्रीकला धनंजय सिंह की जगह मौजूदा सांसद श्याम सिंह यादव को फिर से लड़ा दिया है। श्याम सिंह यादव ने कहा कि मायावती ने उन्हें रात 1 बजे फोन करके चुनाव लड़ने कहा। भाजपा से कृपाशंकर सिंह और सपा से बाबू सिंह कुशवाहा यहां से लड़ रहे हैं।
बसपा अध्यक्ष मायावती से बात करके श्रीकला के चुनाव लड़ने से मना करने के आरोप पर धनंजय सिंह ने कहा- बसपा वाले कह रहे हैं कि मेरी बहन जी से बात हुई जबकि मेरी बहन जी से आखिरी बातचीत 2013 की है। उसके बाद उनसे मेरी कोई बात आज तक नहीं हुई है। मेरा इस टिकट में कोई लेना-देना नहीं है। मैं तो जेल में था। पत्नी को उन लोगों ने एप्रोच करके टिकट दिया। उनकी बात पत्नी से हुई। आरोप हम पर लगा रहे हैं। इसका मतलब पहले से ही कुछ मनगढ़ंत कहानी रही होगी इनकी ताकि मुझ पर ही आरोप मढ़ दो।" उन्होंने कहा कि बसपा के नेता जैसा बयान दे रहे हैं उससे लग रहा है कि कुछ तो हमको बदनाम करने का इनका (प्लान) रहा होगा।
टिकट खुद कटवाया या बसपा ने काटा, निर्दलीय क्यों नहीं लड़ीं श्रीकला? धनंजय सिंह ने सामने आकर खोला राज
टिकट कटने से श्रीकला के आहत होने की बात बताते हुए सिंह ने माना कि निर्दलीय लड़ने का भी चारा नहीं छोड़ा गया। उन्होंने कहा- हमारे पर्चे खारिज हो जाएंगे। मैं चुनाव लड़ता तो एक निर्दलीय का पर्चा भी जरूर भरता या निर्दलीय ही लड़ता। मुझे नहीं जाना पड़ता कहीं और हम लोग चुनाव लड़ते। असल में श्रीकला ने राष्ट्रीय पार्टी बसपा के सिंबल पर नामांकन किया था इसलिए उन्होंने 10 प्रस्तावकों के साथ शायद नामांकन नहीं किया होगा जो निर्दलीय लड़ने के लिए जरूरी होता है। संभावना है कि मंगलवार को पर्चों की जांच में उनका नॉमिनेशन रद्द हो जाएगा।
दबाव में टिकट लौटाने, चुनाव लड़ने से मना करने जैसे आरोप पर धनंजय ने कहा कि बसपा के जो नेता ये सब कह रहे हैं उन्हें नहीं पता कि वो दबाव से नहीं डरते हैं। उन्होंने कहा- "बसपा मुझे कायदे से जानती है। 2002 में जब मायावती की सरकार थी तब भी मैं एक साल जेल में रहा। 10-12 मुकदमे लादे गए। तब कोई समझौता किए नहीं। बसपा के लोग जो बोल रहे हैं, उनको जानकारी नहीं है। अपनी पार्टी को डिफेंड करिए लेकिन दूसरे को डिफेम मत करिए। 2007 से 2012 तक जब इनकी सरकार रही, उस समय भी वैचारिक मतभेद हुए। 2012 के चुनाव से पहले मुकदमे लादकर मुझे जौनपुर जेल में बंद किया गया। तब कहा गया कि धनंजय माफी मांग लिए। हमने कहा कि हमने ना कोई गलती की है और ना कोई माफी मांगी है।"
जौनपुर लोकसभा में खासा प्रभाव रखने वाले धनंजय सिंह ने निडरता के कुछ और उदाहरण दिए और कहा कि 2011 में मुझे जौनपुर आने से रोका गया। धारा 144 लगाई गई। फिर भी मैं आया। क्या मैं सरकार से डर गया था। 2020 के मल्हनी विधानसभा उप-चुनाव की चर्चा करते हुए धनंजय ने कहा कि प्रदेश में कितने लोग निर्दलीय उप-चुनाव लड़े थे, मैं तो लड़ गया था।
2024 के लोकसभा चुनाव में आगे क्या करेंगे, इस पर धनंजय सिंह ने कहा कि अपने समर्थकों के साथ बैठेंगे और फिर तय करेंगे कि क्या करना है। उन्होंने दावा किया कि जौनपुर जनपद में उनके साथ तीन-चार लाख वोटर हैं और वो जौनपुर के साथ-साथ मछलीशहर लोकसभा सीट पर असर डालेंगे। धनंजय सिंह ने कहा कि वो जिसे चाहेंगे वो जौनपुर से संसद जाएगा। यूपी में जौनपुर और मछलीशहर समेत 14 सीटों पर लोकसभा चुनाव के छठे चरण में 25 मई को मतदान होना है।