देवर की मोहब्बत में अंधी हुई कलियुगी मां ने जिंदा बचे बेटे को देख फेरा मुंह, बोली-इसे ले जाओ, वरना मार दूंगी
यूपी के औरैया जिले के ताल्हेपुर गांव स्थित सेंगर नदी के केशमपुर घाट पर तीन बच्चों को डुबो कर मारने वाली हत्यारिन मां के चेहरे पर शिकन तक नहीं दिखी। पुलिस जिंदा बच्चे सोनू को उसके सामने लाई।
यूपी के औरैया जिले के ताल्हेपुर गांव स्थित सेंगर नदी के केशमपुर घाट पर तीन बच्चों को डुबो कर मारने वाली हत्यारिन मां के चेहरे पर शिकन तक नहीं दिखी। पुलिस जिंदा बच्चे सोनू को उसके सामने लाई, तब उसने मुंह फेर लिया और बोली इसे ले जाओ मैं इसका मुंह नहीं देखना चाहती। इसे भी मार दूंगी। आशिकी में अंधी हो चुकी कलियुगी मां ने गुरुवार को प्रेमी देवर के साथ मिलकर तीन बेटों को डुबोकर मार डाला था। बड़ा बेटा आठ वर्षीय सोनू सूझबूझ से बच गया। पुलिस ने मां और देवर को शुक्रवार को जेल भेज दिया।
फफूंद थाना क्षेत्र के गांव बरौआ निवासी भूरे ने दस साल पहले पुत्री प्रियंका की शादी बसरेहर क्षेत्र के लुईया निवासी अवनीश के साथ की थी। पति मेहनत मजदूरी कर घर का खर्च चलाता था। इनके चार बच्चे हुए। दो साल पहले अवनीश की करंट लगने से मौत हो गई थी। आशिक मिजाज प्रियंका के कदम कुछ ही दिनों में बहक गए और चचिया ससुर के लड़के आशीष उर्फ डैनी का घर आना-जाना हो गया। धीरे धीरे गांव में दोनों के अवैध संबंधों की चर्चा होने लगी।
घर खर्च के विवाद पर बनाई हत्या की योजना
इस पर वह प्रेमी के साथ मायके आकर पिता के घर रहने लगी। पिता अकेला है। मां और भाई का मौत हो चुकी है। मायके में छह महीने रहने के बाद दोनों औरैया के बनारसीदास मोहल्ले में किराए का कमरा लेकर रहने लगे। आशीष सैलून में काम करता था। इसी से खर्च चलता था। चचेरा देवर बच्चों को बोझ समझने लगा और उनका खर्चा उठाने से मना कर दिया। इस पर प्रेम में अंधी मां ने बच्चों को रास्ते से हटाने के लिए योजना बना डाली।
27 जून की सुबह मां और देवर चारों बच्चों को औरैया क्षेत्र के ताल्हेपुर के सेंगर नदी के घाट पर लेकर आए। दोनों ने बच्चों को डुबोकर मारना शुरू कर दिया। इसमें आदित्य, माधव और मंगल की मौत हो गई, जबकि आठ वर्षीय बड़ा पुत्र सोनू बच गया। डरे सहमे सोनू ने बताया कि मां और चाचा ने उसे भी नदी में डुबोया था। उसने आंखें बंद कर ली तो उसे मृत समझ कर मां-चाचा भाग गए।
इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा
प्रियंका व उसके चचेरे देवर आशीष उर्फ डेनी के खिलाफ धारा 302, 307, 120 बी में औरैया कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ है। मुकदमा दर्ज होने के बाद से पुलिस ने दोनों की तलाश में जुट गई थी और चौबीस घंटे के भीतर गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। दोनों को जेल भेज दिया गया।
प्रेमी को भी बुला लिया था पिता के घर
अधिक बदनामी होने के कारण प्रियंका अपने पुत्रों आठ वर्षीय सोनू, सात वर्षीय आदित्य, छह वर्षीय माधव व डेढ़ वर्षीय मंगल को साथ लेकर छह महीने पहले अपने मायके फफूंद थाना क्षेत्र के गांव बरौआ चली आई। उसने अपने प्रेमी आशीष उर्फ डैनी को भी अपने मायके बुला लिया।
सांई मंदिर के पास से पकड़े गए हत्यारे
पुलिस ने दोनों को पकड़ने के लिए टीम गठित की थी। वासना में अंधी मां और उसके प्रेमी को पुलिस ने शुक्रवार सुबह अंदर सांई मंदिर के पास से दबोच लिया। एसपी चारू निगम ने बताया कि प्रेमी और मां ने मिलकर बच्चों को रास्ते से हटाने के लिए उनको मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया।