ताकत बढ़ाने की चाहत हड्डियां न गला दे, स्टेरॉयड के इस्तेमाल से खराब हो रहे कूल्हे
स्टेरॉयड के अधिक इस्तेमाल से लोगों की हड्डियां गल रही हैं। असर इतना ज्यादा है कि युवाओं के कूल्हा प्रत्यारोपण तक की नौबत आ जा रही है। BHU के ट्रॉमा सेंटर में हर महीने सौ से अधिक मामले सामने आ रहे हैं।
Effect of steroid use: स्टेरॉयड के अधिक इस्तेमाल से लोगों की हड्डियां गल रही है। इसका असर इतना ज्यादा हो रहा है कि युवाओं के कूल्हा प्रत्यारोपण तक की नौबत आ रही है। बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में हर महीने सौ से अधिक इस तरह के मामले आ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि स्टेरॉयड का ज्यादा सेवन रक्त संचार को प्रभावित करता है। इसकी वजह से शरीर में कैल्शियम बनने की प्रक्रिया बाधित होती है और हड्डी कमजोर होने लगती है।
स्टेरॉयड का इस्तेमाल आमतौर पर जिम जाने वाले युवा या खिलाड़ी करते हैं। इसके पीछे शरीर की शक्ति बढ़ाना ही मकसद होता है। हालांकि इसके विपरीत प्रभावों के मद्देनजर खेलों में इन्हें प्रतिबंधित किया जा चुका है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टर बिना सोचे समझे हर बीमारी में स्टेरॉयड के सेवन का परामर्श दे देते हैं।
ट्रॉमा सेंटर में आने वाले मरीजों की जांच से पता चला है कि स्टेरॉयड का इस्तेमाल करने वाले ज्यादातर युवाओं के कूल्हे खराब हो रहे हैं और इनके प्रत्यारोपण तक की नौबत आ रही है। इसके अलावा कंधे की हड्डियों पर भी खराब असर पड़ रहा है। आमतौर पर उम्र के साथ बुजुर्गों में हड्डियों से जुड़ी समस्या होती है, लेकिन युवाओं में यह परेशानी चिंताजनक है। कूल्हे में परेशानी की समस्या लेकर ट्रॉमा सेंटर में हर महीने करीब 100 मरीज आ रहे हैं, इनमें 50 फीसदी युवा हैं।
कुछ मरीजों की जब बीएमडी (बोन मिनरल डेंसिटी), एमआरआई और एक्स-रे कराया गया, तब पता चला कि मरीजों की हडि्डयां गलने लगी हैं। कोरोना काल के बाद इस समस्या में काफी इजाफा हुआ है। बीएचयू के हड्डी रोग विशेषज्ञ प्रो. अजीत सिंह ने बताया कि अस्पताल में आने वाले मरीजों की जब हिस्ट्री ली जाती है तो पता चलता है कि उन्होंने काफी मात्रा में स्टेरॉयड का सेवन किया है।
हड्डियों में कैल्शियम नहीं बनता
प्रो. अजीत सिंह ने कहा कि स्टेरॉयड के अधिक उपयोग से शरीर में रक्त संचार प्रभावित होता है और कैल्शियम बनने की प्रक्रिया बाधित हो जाती है। इस वजह से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और समय के साथ गलने लगती हैं। ऐसे लोगों में हल्की सी चोट से फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है।
एक महीने से अधिक सेवन से दिक्कत
प्रो. अजीत सिंह ने बताया कि मरीज में जीरो से स्टेज वन तक इस बीमारी का पता नहीं लग पाता है। चलने फिरने में असमर्थता शुरू होने पर समस्या समझ में आती है और फिर रिप्लेसमेंट ही एकमात्र विकल्प बच जाता है। प्रो. सिंह ने कहा कि एक महीने से अधिक समय से अगर कोई स्टेरॉयड ले रहा है तो उसकी हड्डी गल सकती है।