गिरिराज जी को सर्दी से बचाने के लिए अपनाया जा रहा देसी नुस्खा, नए साल पर 20 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद
नए साल का जश्न मथुरा-वृंदावन में मनाने के भक्तों का पहुंचना शुरू हो चुका है। माना जा रहा है कि नए साल पर बीस लाख भक्त गोवर्धन की परिक्रमा कर सकते हैं। प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं।
नए साल पर मथुरा-वृंदावन पर लाखों भक्तों की उम्मीद है। माना जा रहा है कि गुरुवार से ही भक्तों का मथुरा-वृंदावन पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका है। उम्मीद है कि नए साल पर लाखों भक्त गिरिराज जी की परिक्रमा कर सकते हैं। इसके लिए प्रशासन ने भी पूरी तैयारी कर ली है। खास तौर पर पार्किंग को लेकर प्रशासन ने कमर कस ली है। बड़ी संख्या में भक्तों की संख्या के आने की उम्मीद के चलते सुरक्षा भी चाक चौबंद रखी गई है। 21 किलोमीटर लंबी गिरिराज जी की परिक्रमा के लिए रास्ते में रौशनी की व्यवस्था की गई है। भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त सफाईकर्मी भी लगाए गए हैं। प्रशासन ने गोवर्धन आने वाले हर रास्ते पर पार्किंग की व्यवस्था की है।
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वो बुजुर्गों और बच्चों की जेब में नाम, पता और मोबाइल नंबर की पर्ची जरूर रखें ताकि अगर वो बिछड़ जाएं तो उनके परिवार से संपर्क स्थापित किया जा सके। सर्दी बढ़ने के साथ ही भक्तों को गिरिरिज जी के स्वास्थ्य की भी चिंता हो रही है लिहाजा भक्त बाल-गोपाल को सुलाने के लिए मखमली रजाई का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके अलावा गिरिराज जी के आसपास अंगीठी जलाई जा रही है ताकि भगवान को सर्दी ना लगे।
इसके अलावा भगवान को सर्दी से बचाने के लिए देसी नुस्खा भी अपनाया जा रहा है। गिरिराज जी को भोग में सुहाग-सोंठ दिया जा रहा है। मंगल आरती के समय गिरिराज जी को सुहाग-सोंठ का भोग लगाया जाता है। इसके बाद मेवा युक्त गरम खिचड़ी भगवान को भोग लगाई जाती है।
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