देवरिया: पबजी के लिए की मासूम की हत्या, मां-बाप समेत हत्यारा गया जेल
देवरिया में अपहरण कर मासूम की हत्या करने वाले पबजी के लती हत्यारे को उसके मां-बाप समेत पुलिस ने शुक्रवार को जेल भेज दिया। पुलिस ने हत्या समेत अन्य धाराओं में तीनों को जेल भेजा है।
उत्तर प्रदेश के देवरिया में अपहरण कर मासूम की हत्या करने वाले पबजी के लती हत्यारे को उसके मां-बाप समेत पुलिस ने शुक्रवार को जेल भेज दिया। पुलिस ने मासूम के पिता की तहरीर पर दर्ज मुकदमें को तरमीम करते हुए हत्या समेत अन्य धाराओं में तीनों को जेल भेजा है। वहीं दादा समेत तीन लोगों को पुलिस ने छोड़ दिया।
देवरिया में लार क्षेत्र के हरखौली निवासी गोरख यादव दवाखाना चलाने के साथ ही प्राइवेट प्रेक्टिस करते हैं। उनकी तीन बेटी और एक बेटा संस्कार यादव 6 वर्ष का था। संस्कार गांव के ही नरसिंह शर्मा से उनके घर जाकर ट्यूशन पढ़ता था। प्रतिदिन की भांति वह बुधवार को ट्यूशन पढ़ने के लिए गया था। शाम को संस्कार यादव वापस घर नहीं पहुंचा तो परिजन परेशान हो कर उसको ढूंढ़ने लगे। इस बीच संस्कार की बहन भाई का पता लगाने के लिए शिक्षक के घर पहुंची। पूछताछ में ट्यूशन टीचर ने बताया कि संस्कार आज पढ़ने नहीं आया था। यह सुन परिजन परेशान हो उठे और उसकी खोजबीन शुरू कर दी । गांव के आधा दर्जन लोग बाइक लेकर बालक की तलाश करने लगे।
इसी बीच गांव के दक्षिण तरफ एक पुलिया के पास से एक कॉपी मिली जिसमें एक पत्र था। पत्र में लिखा था कि गोरख यादव 5 लाख रुपया की व्यवस्था करो नहीं तो तुम्हारे लड़के को नहीं छोड़ा जाएगा। यह पत्र मिलते ही परिवार सहित पूरे गांव में हड़कंप मच गया। परिजनों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने गोरख यादव की तहरीर पर अज्ञात बदमाशों के विरुद्ध अपहरण का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए देर रात एसपी संकल्प शर्मा समेत अन्य अधिकारी भी लार थाने पर पहुंच गए। एसओजी ने ट्यूशन पढ़ाने वाले नरसिंह शर्मा और उनके परिजनों से पूछताछ शुरू की। पूछताछ में उनके पौत्र अरुण शर्मा (21) पर पुलिस का शक गहरा हो गया। पुलिस ने उससे सख्ती की तो उसने सच्चाई उगल दी। उसने बताया कि पबजी खेलने को लेकर उसके दादा-दादी उसे बराबर डॉटते रहते थे। वह उनसे रुपये मांगता था तो नाराज होते थे। इससे परेशान होकर दोनों को फंसाने के लिए संस्कार को मार डाला।
अरुण ने बताया कि बुधवार को रास्ते से ही संस्कार को लेकर घर चला आया था। वारदात को अंजाम देने के लिए एक दुकान से फेवीक्विक खरीदा। उसे संस्कार के मुंह में डाल कर चिपका दिया जिससे वह शोर न कर सके। इसके बाद गला दबा कर हत्या कर शव को घर के दरवाजे पर स्थित शौचालय में छिपा दिया। जिससे शव मिलने पर आरोप दादा-दादी पर मढ़ दिया जाए। पुलिस ने दर्ज अपहरण के मुकदमे में धारा को तरमीम करते हुए 302, 201 और 120 बी आईपीसी की धारा बढ़ोत्तरी की। पुलिस ने मामले में अरुण शर्मा उसके पिता राजकुमार शर्मा और उसकी मां कुमकुम देवी को जेल भेज दिया। पुलिस ने दादा समेत तीन अन्य लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया।
देवरिया के एसपी संकल्प शर्मा ने बताया कि मासूम जिस शिक्षक से ट्यूशन पढ़ता था उसके पौत्र ने उसकी हत्या कर दी थी। घटना का खुलासा करते हुए हत्यारोपी युवक और उसकी मां व पिता को जेल भेज दिया गया है। मां बाप को घटना में साक्ष्य मिटाने का दोषी पाया गया है। अन्य जिन लोगों को हिरासत में लिया गया था उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है।