डिफेंस कॉरीडोर के सभी कार्य निर्धारित समय में पूरा करें: राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि राज्य में प्रस्तावित डिफेंस इंडस्ट्रीयल कारीडोर के तहत प्रस्तावित सभी कार्य तय समय में पूरे किए जाएं। लखनऊ और आगरा में कारीडोर के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य...
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि राज्य में प्रस्तावित डिफेंस इंडस्ट्रीयल कारीडोर के तहत प्रस्तावित सभी कार्य तय समय में पूरे किए जाएं। लखनऊ और आगरा में कारीडोर के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य राज्य सरकार तेज करें। निवेशकों से भी लगातार संपर्क बनाए रखा जाए। सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में यूपी डिफेंस इंडस्ट्रीयल कारीडोर के लिए हस्ताक्षरित एमओयू की समीक्षा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की गई। समीक्षा के दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि कारीडोर के लिए रक्षा मंत्रालय और प्रदेश सरकार द्वारा जो भी कार्यवाही की जानी है उसे समय सारणी के मुताबिक पूरा किया जाए। कारीडोर के लिए जो लक्ष्य तय किए गए हैं उन्हें हर हाल में हासिल करना है। उन्होंने बताया कि रक्षा उत्पादन विभाग की नई पालिसी का कैबिनेट नोट तैयार है। सितंबर 2020 में इसे जारी कर दिया जाएगा।
प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि इस परियोजना के तहत प्रदेश में अलीगढ़, आगरा, झाँसी, चित्रकूट, कानपुर तथा लखनऊ में कुल छह नोड्स बनाए गए हैं। परियोजना के लिए अनुमोदित भूमि 1461.0579 हेक्टेयर में से 1310.2532 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा ले लिया गया है। यह 90 प्रतिशत से अधिक है। आगरा में टीटीजेड से बाहर तथा लखनऊ में रिंग रोड के आसपास भूमि देखी जा रही है।
मुख्य सचिव ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश में अब तक 3732 करोड़ के निवेश घोषित हुए हैं। आर्डिनेन्स 1077 करोड़, एचएएल 1200 करोड़, बीईएल 240 करोड़, पीटीसी इण्डस्ट्रीज 115 करोड़, भारत फोर्ज 200 करोड़ तथा एमकेयू द्वारा 900 करोड़ रुपये निवेश की घोषणा की जा चुकी है। अपर मुख्य सचिव यूपीडा अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि फरवरी 2018 में डिफेन्स कारीडोर की स्थापना की घोषणा के पश्चात से प्रदेश में तेजी से कार्य हुए हैं। डिफेन्स एंड एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग एम्प्लायमेंट प्रमोशन पालिसी-2018 प्रख्यापित की जा चुकी है। टाइटन एवियेशन एंड एयरोस्पेस इंडिया लिमिटिड झांसी में 36000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगी, जिसके लिए डीपीआर प्रस्तुत की जा चुकी है। अब तक 32 एमओयू हस्ताक्षरित किए जा चुके हैं।