बेटियों ने संभाली नेपाल और भूटान सीमा पर सुरक्षा, छू रहीं नई ऊंचाइयां
बेटियों ने नई ऊंचाइयां छू रहीं। बेटियों ने नेपाल और भूटान सीमा पर सुरक्षा संभाल ली है। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की महिला अफसरों से लेकर सिपाही तक इसमें शामिल हैं।
घर की दहलीज से बाहर निकल कर बेटियां नई ऊंचाइयां छू रही हैं। अब सीमा पर भी महिलाओं ने मोर्चा संभालकर साबित कर दिया कि ‘हम किसी से कम नहीं’। नेपाल और भूटान की सीमा पर बेटियां मोर्चा संभाल रही हैं। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की महिला अफसरों से लेकर सिपाही तक इसमें शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र के मिशन, अमरनाथ यात्रा के दौरान विषम परिस्थितियों में एसएसबी की महिलाकर्मी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
बलरामपुर के कोयलाबास बॉर्डर पर तैनात एसएसबी की डिप्टी कमांडेंट नैन्सी सिंगला अपनी टीम को लीड कर रही हैं। यहां करीब 90 महिला अधिकारी और सिपाही तैनात हैं। इस सीमा से दोनों देशों के बीच रोजाना बड़ी संख्या में आवाजाही रहती है। सुरक्षा जांच से लेकर सीमा पर चौकसी का काम यह टीम बखूबी निभा रही है। डीसी नैन्सी ने ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि सीमा को सुरक्षित बनाना उनका मुख्य उद्देश्य है। पहले तस्कर और अपराधी इस बात का फायदा उठाते थे कि महिलाओं की तलाशी नहीं हो सकती। वजह यह कि सीमा पर पुरुष सिपाही तैनात रहते थे।
अब महिलाओं की तैनाती की वजह से जांच और फ्रिस्किंग यानी तलाशी बढ़ गई है। मानसा पंजाब की रहने वाली नैन्सी सिंगला ने बताया कि अब ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले भी पकड़े जा रहे हैं। वर्ष 2015 से 2018 में लखीमपुर के पास नेपाल सीमा पर तैनाती के दौरान उन्होंने खुद कई बेटियों को बचाया था।
पहली बार परेड में दिखी एसएसबी की महिला टुकड़ी
इस बार गणतंत्र दिवस की परेड में पहली बार एसएसबी की महिला टुकड़ी दिखाई दी। इस टुकड़ी का नेतृत्व डिप्टी कमांडेंट नैन्सी सिंगला ने किया। एसएसबी के अधिकारियों ने बताया कि सशस्त्र सीमा बल में बड़ी संख्या में महिला कार्मिकों को भर्ती किया गया। मौजूदा समय बल के सीमांत मुख्यालय लखनऊ के अन्तर्गत 1008 महिला कार्मिक तैनात हैं। अद्धसैनिक बलों के इतिहास में पहली बार एसएसबी ने डॉग स्क्वॉयड में महिलाओं को परिचारक के रूप में तैनात किया है।
सीमा पर पैनी नजर, हथियार से लेकर नशीले पदार्थ जब्त
एसएसबी के अनुसार पिछले एक साल में मादक पदार्थों के 69 मामलों में 86 गिरफ्तारियां हुई हैं। वन्य जीव उत्पाद के 109 मामलों में 107 लोगों को गिरफ्तार किया गया। प्रतिबंधित वस्तुओं के 2190 मामलों में 2373 गिरफ्तारियां की गईं। वहीं, हथियारों के सात मामलों में 10 लोग गिरफ्तार हुए। विस्फोट पदार्थों के तीन मामलों में तीन गिरफ्तारियां हुईं। अवैध घुसपैठ में सात गिरफ्तार हुए। मानव तस्करी के 116 मामले पकड़े गए। इनमें 89 पुरुष और 92 महिलाओं को तस्करों के चंगुल से छुड़ाया गया है।