डेंगू के 60 फीसदी मरीजों में मिला खतरनाक डेन-2 स्ट्रेन, पीजीआई का सीरो सर्वे
डेंगू के 60 फीसदी मरीजों में खतरनाक डेन-2 स्ट्रेन मिला है। 40 फीसदी में डेन-1 व डेन-3 पाया गया है। इसका खुलासा पीजीआई के सीरो सर्वे हुआ है।
डेंगू का डंक इस बार पिछले वर्षों के मुकाबले ज्यादा हमलावर है। डेंगू के 60 फीसदी मरीजों में खतरनाक डेन-2 स्ट्रेन मिला है। 40 फीसदी में डेन-1 व डेन-3 पाया गया है। वहीं, डेन-4 स्ट्रेन किसी भी मरीज में नहीं मिला है। इसका खुलासा पीजीआई माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा आईसीयू में भर्ती 90 मरीजों के सैंपल के सीरो सर्वे में हुआ है। यह रिपोर्ट पीजीआई माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉ. अतुल गर्ग ने तैयार की है। उन्होंने रिपोर्ट सीएमओ कार्यालय को सौंपी है।
पीजीआई में भर्ती मरीजों की जांच
पीजीआई के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉ. अतुल गर्ग ने बताया कि डेंगू मरीजों में स्ट्रेन का पता लगाने के लिए अक्तूबर में 90 मरीजों के नमूने लेकर लैब में जांच की गई। सीरो सर्वे जांचे गए नमूने पीजीआई के आईसीयू में भर्ती मरीजों के हैं। इनमें 54 मरीजों में डेंगू का डेन-दो स्ट्रेन मिला है। जबकि 36 मरीज में डेन एक व तीन मिला है। संस्थान ने सीरो रिपोर्ट 11 नवम्बर को तैयार की है।
इस बार यह स्ट्रेन घातक कम
डॉ. अतुल गर्ग ने बताया कि डेंगू के चारों स्ट्रेन में डेन-दो सबसे खतरनाक माना जाता है। भर्ती मरीजों में सबसे ज्यादा यही स्ट्रेन मिला है। हालांकि इस बार डेन-2 स्ट्रेन बीते सालों के मुकाबले ज्यादा घातक नहीं है। बेशक डेंगू मरीज ज्यादा मिल रहे हैं, लेकिन अभी तक अस्पतालों में भर्ती को लेकर हाहाकार नहीं मचा। इक्का दुक्का की मौत हुई है। बाकी मरीज एक हफ्ते से 15 दिन में ठीक हो गए। उन्होंने बताया कि डेन-4 स्ट्रेन बहुत दुर्लभ मिलता है। इस बार भोपाल में डेंगू मरीज में यह स्ट्रेन मिला है।
इसलिए यह स्ट्रेन खतरनाक
डॉ. अतुल गर्ग का कहना है कि डेंगू मरीजों में सामान्य लक्षण बुखार, जोड़ों में दर्द, सिर में तेज दर्द, आंखों के नीचे दर्द, खुजली होती है। जबकि डेन-2 स्ट्रेन में मरीज के नाक और मुंह से खून आने लगता है। प्लेटलेट्स तेजी से कम हो जाती है। पेट दर्द के साथ ही नाक, त्वचा पर चकत्ते, मसूड़े से खून आने लगता है। मरीज के शरीर के अंदर और बाहर रक्तस्राव का खतरा बढ़ जाता है। शरीर में पानी की कमी से ब्लड प्रेशर कम होने पर मरीज शॉक सिंड्रोम में चला जाता है। यह स्थिति काफी नाजुक होती है। जबकि डेंगू के डेन-1 और डेन-3 स्ट्रेन वाले मरीजों में हल्के लक्षण होते हैं। यह घर पर रहकर उपचार से ठीक हो सकते हैं। डेन-4 यहां के लोगों में न के बराबर पाया जाता है।
लक्षण
-बुखार
-थकान
-पेट दर्द
-सांस लेने में मुश्किल
-त्वचा पर चकत्ते और लाल दाने
-रक्तस्राव
ऐसे करें बचाव
-तीन से चार दिन बुखार आने पर डेंगू की जांच कराएं
-डॉक्टर की सलाह पर ही उपचार लें
-शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए
-आराम करें
-पानी, जूस, पपीता खाएं
-मौसमी फल, हरी सब्जियां, दाल, दूध-दही खाएं
-मच्छरदानी का प्रयोग करें।