Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Custodial murder: police station echoed with Balwant s screams for four hours businessman s partner told story

पुलिस हिरासत में हत्याः चार घंटे तक बलवंत की चीखों से गूंजता रहा थाना, कारोबारी के साथी ने बयां की दास्तां

कानपुर में पुलिस कस्टडी में कारोबारी बलवंत सिंह की हत्या किस तरह से हुई इसका खुलासा उसके साथ पकड़े गए रामजी ने किया है। रनियां थाना सोमवार रात चार घंटे बलवंत की चीखों से गूंजता रहा।

Yogesh Yadav हिन्दुस्तान, कानपुरThu, 15 Dec 2022 09:54 PM
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कानपुर में पुलिस कस्टडी में कारोबारी बलवंत सिंह की हत्या किस तरह से हुई इसका खुलासा उसके साथ पकड़े गए रामजी ने किया है। रनियां थाना सोमवार रात चार घंटे बलवंत की चीखों से गूंजता रहा। चीखें सुन बगल की हवालात में बंद रामजी की रूह कांपती रही। रामजी के सामने ही पुलिस वाले बलवंत को बांधने के लिए बाहर से रस्सी लाए थे। मंजर यादकर अभी भी रामजी रह-रह कर दहशत से कांप जाता है।

बलवंत के साथ पिकअप पर चोकर लादने वाले उसके कर्मचारी रामजी को भी पकड़कर पुलिस रनियां थाने ले गई थी। मंगलवार को बलवंत की मौत और फिर अंतिम संस्कार के बाद पुलिस ने बुधवार रात सरैंया में रामजी को नाना के सुपुर्द किया।

पुलिस वालों के अलावा रामजी ही वह व्यक्ति है जो बलवंत की बर्बरता से पिटाई के समय रनियां थाने में मौजूद था। रामजी ने हिंदुस्तान को बताया कि सोमवार शाम करीब चार बजे सफेद रंग की बोलेरो पर सवार लोगों ने बलवंत औऱ उसे पीटकर गाड़ी में डाल लिया था। इसी गाड़ी में गांव का सूरज पहले से बैठा था। 

बलवंत को यह लोग लगातार पीटते रहे और फिर सभी को रनियां थाने ले गए। यहां उससे नाम-पता पूछने के बाद एक कमरे में फिर बलवंत को पीटना शुरू कर दिया। रामजी के अनुसार टोकने पर उसे दो-तीन थप्पड़ जड़े और बगल में बनी हवालात में डाल दिया। उसी के सामने शाम करीब छह बलवंत को बांधने के लिए पुलिस वाले रस्सी ले गए थे। रस्सी के साथ सुई जैसी कुछ और चीजें पुलिस वालों के पास थीं। 

इसके बाद फिर बलवंत की चीखें सुनाई पड़ने लगीं। पकड़े जाने से लेकर बलवंत को रात आठ बजे के बाद तक लगातार पीटा गया, रामजी ने बताया कि इसके बाद उसकी चीखें कम हो गईं, संभवतः वह बेहोश हो गया था। बलवंत की हालत ज्यादा बिगड़ गयी तो पुलिसवाले हवालात से बाहर निकाल कर रामजी को मंगलपुर थाने ले गई। इसके बाद से उसे वहीं पर रखा गया। 

बुखार आने पर बुधवार दोपहर बाद अस्पताल ले जाया गया। फिर रात में कुछ न बताने की धमकी देकर उसे घर छोड़ गए। घर पहुंचने पर उसे पता चला कि बलवंत की पिटायी से हालत बिगड़ने के बाद मौत हो गई। उसने खुद कहा कि वह रात याद कर अब भी शरीर कांप जाता है और उसकी मनोदशा अभी ठीक नहीं दिखी।

पत्नी बोली बचाने के लिए बहुत चिल्लाए होंगें

बलवंत की हत्या के बाद गुरुवार को भी गांव में मातमी सन्नाटा पसरा रहा। घर के भीतर से पत्नी और मां की चीत्कार रह-रहकर सन्नाटा तोड़ती रहीं। पत्नी से जरा सी बात करने पर वह बिलख पड़ती। उसने कहा कि निर्दोष पति को हाथ पैर बांधकर तड़पा कर मार डाला। वह बचाने के लिए बहुत चिल्लाए होंगें, लेकिन किसी ने बचाया नहीं। हत्यारों को फांसी से कम उसे कुछ भी मंजूर नहीं है।

रनियां थाने में बलवंत की हत्या के चौथे दिन गांव में सन्नाटा पसरा था। घर के भीतर से बीच-बीच में पत्नी और मां की चीखें सुनाई दे रही थीं। सांत्वना देने पहुंच रहे लोगों की भी आंखें नम थीं। मां ममता बार-बार अपने बेटे को याद कर चीख पड़ती, जबकि अपने एक साल के बेटे को गोद में लिटाए पत्नी शालू लगातार सुबक रही थी। अचानक वह चीखने लगी कि रस्सी से हाथ-पैर बांध कर जब पुलिस उन्हें बेरहमी से पीट रही होगी तो वह बचाने के लिए कितना चिल्लाए होंगें। 

शालू के साथ परिजन बार-बार बोल रहे थे बलवंत के हत्यारों को फांसी की सजा से कम उन्हें कुछ मंजूर नहीं है। वहीं मां बार-बार यही कह रही थी कि जिन लोगों ने मेरे निर्दोष बेटे को मार डाला वह कभी सुखी नहीं रहेगें। गांव की महिलाएं उन्हें सांत्वना देने की कोशिश कर रही थीं।

हत्यारोपी एसओजी प्रभारी गिरफ्तार, सर्विस रिवाल्वर के साथ एसओ अब भी फरार

कानपुर में पुलिस कस्टडी में कारोबारी बलवंत सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने गुरुवार को निलंबित एसओजी प्रभारी प्रशांत गौतम को गिरफ्तार कर लिया। देर शाम जज के घर पर पेशी के बाद उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस हिरासत में कुछ और पुलिस कर्मी भी हैं, फिलहाल इनकी गिरफ्तारी नहीं दिखाई गई है। हालांकि सर्विस रिवाल्वर के साथ रनियां एसओ अब भी फरार है। जांच के लिए गठित लोकल एसआईटी ने भी सरैंया लालपुर पहुंचकर छानबीन शुरू की। उधर शासन ने भी एक एसआईटी गठितकर जांच के आदेश दिए हैं।

बलवंत सिंह की हत्या में चाचा अंगद सिंह ने एसओजी प्रभारी के अलावा शिवली कोतवाल राजेश कुमार सिंह, एसओ रनियां शिवप्रकाश सिंह, मैथा चौकी प्रभारी ज्ञान प्रकाश पाडेय के अलावा एसओजी टीम के महेश गुप्ता व अन्य पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज कराया है। जिला अस्पताल के एक डॉक्टर का नाम भी मुकदमे में है।

गुरुवार को पुलिस ने एसओजी प्रभारी प्रशांत गौतम के साथ कुछ और पुलिस कर्मियों को पकड़ा। प्रशांत गौतम की गिरफ्तारी दिखा उसे जेल भेज दिया गया, जबकि बाकी को अभी हिरासत में रखा गया है। एसपी सुनीति ने निलंबित एसओजी प्रभारी की गिरफ्तारी की पुष्टि कर कहा कि अन्य की गिरफ्तारी के लिए टीमें काम कर रहीं हैं। 

गुरुवार दोपहर एसआईटी में शामिल सीओ रसूलाबाद आशापाल व इंस्पेक्टर अशोक कुमार ने सरैंया में वादी अंगद सिंह व परिजनों से घटना के बावत जानकारी ली। टीम ने बलवंत के साथ पकड़े गए और चश्मदीद रामजी से भी पूछताछ की। रामजी ने बलवंत के साथ बर्बरता की पूरी कहानी बयां की। शासन ने एसपी कन्नौज के नेतृत्व में एक अलग एसआईटी बनाई है।

मुकदमा पंजीकृत होते ही रनियां थाने में मौजूद नामजद आरोपित रनियां थानाध्यक्ष शिवप्रकाश सिंह सर्विस रिवाल्वर सहित फरार हो गए थे। 24 घंटे तक सर्विस रिवाल्वर जमा न होने पर मामला थाने की जीडी में दर्ज किया गया है। इस संबंध में कार्यवाहक थानाध्यक्ष रनियां प्रभाकर यादव ने बताया कि तत्कालीन थानाध्यक्ष शिवप्रकाश सिंह अपने साथ सर्विस पिस्टल तथा 10 कारतूस ले गए थे। 24 घंटे में वापसी नहीं होने के बाद उनके खिलाफ जीडी में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

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