ओमिक्रॉन के खतरे के बीच ताजमहल पर भीड़ का रैला ; न मास्क, न सोशल डिस्टेंसिंग
कोरोना को लेकर भले ही अलर्ट हो, रात्रि कर्फ्यू लग गया हो, लेकिन घूमने-फिरने वालों को इसकी कतईं चिंता नहीं है। वे कोरोना प्रोटोकाल का पालन किए बिना ही बेखौफ होकर स्मारकों का दीदार कर रहे हैं। रविवार...
कोरोना को लेकर भले ही अलर्ट हो, रात्रि कर्फ्यू लग गया हो, लेकिन घूमने-फिरने वालों को इसकी कतईं चिंता नहीं है। वे कोरोना प्रोटोकाल का पालन किए बिना ही बेखौफ होकर स्मारकों का दीदार कर रहे हैं। रविवार को ताजमहल पर 33 हजार से ज्यादा सैलानियों की भीड़ रिकार्ड की गई, लेकिन आधे से ज्यादा लोगों के चेहरों पर मास्क नहीं लगा था। सोशल डिस्टेसिंग की तो बात ही छोड़ दीजिए।
देशभर में ओमिक्रोन की दशहत है। तेजी से केस भी मिल रहे हैं। प्रदेश सरकार ने भी एहतियात बरतने के लिए रात्रि कर्फ्यू भी लागू कर दिया है। उसके बाद भी लोग सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। सबसे ज्यादा खतरा स्मारकों में आने वाले देशभर के सैलानियों से है। इनकी भी सैंपलिंग नहीं हो पा रही है। सैलानी भी कोरोना प्रोटोकाल का पालन नहीं कर रहे हैं। चेहरों पर मास्क जरूरी होने के बाद भी सैलानी इससे परहेज कर रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का तो स्मारकों पर कोई मतलब ही नहीं दिख रहा है। पुरातत्व विभाग के अधिकारी टोंकते रहते हैं, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं होता है।
सोमवार को ताजमहल पर का 33747 सैलानियों ने दीदार किया। इनमें 33497 भारतीय, 190 विदेशी और 60 सार्क देशों के सैलानी शामिल था। आगरा किला को 8501 सैलानियों ने निहारा। बेबी ताज को 826, अकबर टूम को 1065, मरियम टूम को 79 पर्यटकों ने दीदार किया।
बिना मास्क प्रवेश पर रोक क्यों नहीं
स्मारकों पर जब लोग बिना मास्क के प्रवेश कर जाते हैं तो चेकिंग के दौरान उन्हें प्रवेश देने से मना क्यों नहीं किया जाता। यदि किसी के पास मास्क नहीं है तो प्रवेश द्वार पर ही मास्क देने की व्यवस्था क्यों नहीं की। संबंधित विभागों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो ये भीड़ की रैला किसी दिन भारी पड़ सकता है।
एक हजार से ज्यादा सैलानी बिना देखे ही लौटे
ताजमहल का दीदार करने के दौरान भीड़ ज्यादा होने के कारण सैलानियों को लाइन में काफी देर तक इंतजार करना पड़ा। इससे ताज बंद होने का समय ही खत्म हो गया। एक हजार से ज्यादा लोगों को ताजमहल में प्रवेश ही नहीं मिल सका। इनमें से काफी लोग मेहताब बाग से ताजमहल का दीदार करने के लिए पहुंचे।