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खुशबू के कारोबार में भ्रष्टाचार की बदबू, कन्नौज के दो बड़े इत्र कारोबारियों के यहां छापेमारी में नगद मिले करोड़ों रुपए

सिर्फ 24 घंटे के अंदर दो बड़े इत्र कारोबारियों के यहां जीएसटी की विजिलेंस टीम की कार्रवाई, उनमें से एक के यहां नगद करोड़ों रुपए की बरामगदी ने सभी को हैरत में डाल रखा है। न सिर्फ जांच करने वाली एजेंसी...

Sneha Baluni तारिक इकबाल, कन्नौजSat, 25 Dec 2021 05:19 AM
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सिर्फ 24 घंटे के अंदर दो बड़े इत्र कारोबारियों के यहां जीएसटी की विजिलेंस टीम की कार्रवाई, उनमें से एक के यहां नगद करोड़ों रुपए की बरामगदी ने सभी को हैरत में डाल रखा है। न सिर्फ जांच करने वाली एजेंसी और उसके अफसर इस बरामदगी से हैरत में पड़े, बल्कि जिसने भी यह सुना वह चौंके बिना नहीं रह सका है।

देश-दुनिया में खुशबू के कारोबार के सिरमौर के रूप में पहचान रखने वाले कन्नौज शहर के इत्र कारोबारी ज्यादातर पान मसाला बनाने वाली कंपनी से जुड़े हुए हैं। वह उन्हें मसाला में इस्तेमाल होने वाले इत्र का रॉ मैटेरियल सप्लाई करते हैं। पान मसाला बनाने वाली कंपनियां अपने मानके मुताबिक उन खुशबू से कंपाउंड तैयार करती हैं। 

कई कंपनियां यहां के इत्र कारोबारियों से ही कंपाउंड तैयार करवाती हैं। ओडोकेम फर्म के मालिक पीयूष जैन भी नामी पान मसाला कंपनियों को कंपाउंड ही उपलब्ध करवाते हैं। कंपनियां अपने फार्मूले के तहत खुशबू तैयार करवाती हैं। इसी तरह शुक्रवार की शाम जिस फर्म कैलाशनाथ-कन्हैयाला संस फर्म में छापा पड़ा है, वह भी ब्रांडेड पान मसाला कंपनियों को इत्र उपलब्ध करवाते हैं। 

जानकार बताते हैं कि इत्र के कारोबार से जुड़े यह कारोबारी अपनी कमाई को टैक्स से बचाने के लिए कागजों में हेराफेरी करके तिकड़म करते हैं। मुखौटा कंपनी बनाकर कागजों पर सप्लाई दिखाकर जीएसटी से छेड़छाड़ करते हैं। ओडोकेम फर्म के संचालक पीयूष जैन के खिलाफ जीएसटी से छेड़छाड़ करने का ही गंभीर आरोप है।

ताबड़तोड़ छापामारी से इत्र कारोबारियों में हड़कंप

कन्नौज में छोटे-बड़े 300 से ज्यादा इत्र कारखाने हैं। इसमें 50 से ज्यादा फर्म का कारोबार बड़े पैमाने पर होता है। ज्यादातर फर्म में तैयार होने वाला इत्र पान मसाला में इस्तेमाल होने वाली खुशबू की सप्लाई से जुड़ी हैं। यह कारोबार बड़े पैमाने पर है। इनका वार्षिक टर्नओवर करोड़ों में है। लेकिन कई कंपनियां टैक्स की चोरी के लिए तिकड़म भी करती हैं। कागजी हेराफेरी करके वह न सिर्फ टैक्स की चोरी करती हैं, बल्कि अपना टर्नओवर भी कम दिखाती हैं।

पहली बार हुई बड़ी कार्रवाई, रिकॉर्ड रिकवरी

इत्र कारोबार से जुड़े जानकारों का कहना है कि इस कारोबार से जुड़े लोगों पर इस तरह की यह अपने आप में पहली और बड़ी कार्रवाई है। बड़ी एजेंसी की जांच का ही नतीजा है कि ऐसी फर्म का चिट्ठा उजागर हुआ है और वहां से करोड़ों की नगद रकम बरामद हुई है। एक इत्र कारोबारी ने बताया कि कई ऐसी फर्म हैं जिनके बारे में यहां के लोगों को ज्यादा कुछ नहीं पता है। जिस ओडोकेम फर्म पर हुई छापामारी और करोड़ों की बरामदगी हुई है, वह इससे पहले आम लोगों की जानकारी में भी नहीं थी। उसकी हकीकत और आमदनी जानकर लोग हैरत में हैं।

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